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पेरिस: एक तरफ जहां कोरोना (Coronavirus) महामारी के खात्मे के लिए वैक्सीनेशन (Vaccination) की रफ्तार बढ़ाने की बात कही जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ फ्रांस (France) के नोबेल पुरस्कार विजेता (Nobel Prize Winner) प्रोफेसर ल्यूक मॉन्टैग्नियर (Luc Montagnier) ने एक चौंकाने वाला दावा किया है. मॉन्टैग्नियर का कहना है कि कोरोना वैक्सीन वायरस को रोकने के बजाए उसे और मजबूत कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना के नए-नए वैरिएंट उत्पन्न होने का कारण वैक्सीनेशन ही है.
एक इंटरव्यू में ल्यूक मॉन्टैग्नियर (Luc Montagnier) ने कहा कि महामारी विज्ञानियों को वैक्सीन से जुड़े तथ्यों के बारे में पता है लेकिन फिर भी वे खामोश हैं. इस इंटरव्यू (Interview) का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. एक सवाल के जवाब में नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर ने कहा, ‘टीके वायरस को नहीं रोकते, बल्कि वह इसके विपरीत काम करते हैं यानी वायरस को ताकतवर बनाते हैं. टीकाकरण की वजह से कोरोना के नए वैरिएंट मूल वैरिएंट की तुलना में अधिक नुकसान पहुंचा सकते हैं’.
This is HUGE!
Bombshell: Nobel Prize Winner Reveals - Covid Vaccine is 'Creating Variants' (Huge Cover-Up)
Prof. Luc Montagnier said that epidemiologists know but are “silent” about the phenomenon, known as “Antibody-Dependent Enhancement” (ADE)
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— Amy Mek (@AmyMek) May 18, 2021
फ्रांस के वायरोलॉजिस्ट ल्यूक मॉन्टैग्नियर ने 2008 के नोबेल पुरस्कार जीता था. ऐसे में उनकी बातों को हल्के में नहीं लिया जा सकता. इस महीने की शुरुआत में उन्होंने पियरे बर्नेरियास को दिए इंटरव्यू में कोरोना को लेकर कई बातें कहीं. इस इंटरव्यू की वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. अमेरिका के आरएआईआर फाउंडेशन ने विशेष तौर पर इंटरव्यू को ट्रांसलेट किया है.
इस सवाल के जवाब में कि टीकाकरण शुरू होने से बाद से जनवरी से नए मामले और मौत के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं, इस बारे में आपकी क्या राय है? मॉन्टैग्नियर ने कहा, ‘यह एक ऐसी वैज्ञानिक, मेडिकल गलती है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. इसे इतिहास में दर्ज किया जाएगा, क्योंकि टीकाकरण ही नए वैरिएंट उत्पन्न कर रहा है’. अपनी बात को समझाते हुए उन्होंने कहा कि वैक्सीन एंटीबॉडी बनाती हैं, जो वायरस को कोई दूसरा रास्ता खोजने या मरने पर विवश करती हैं और इसी के चलते नए वैरिएंट उत्पन्न होते हैं.
मॉन्टैग्नियर ने आगे कहा कि आप देख सकते हैं, ये हर देश में एक जैसा ही है. टीकाकरण का ग्राफ मौत के ग्राफ के साथ चल रहा है. मैं करीबी से इसका अनुसरण कर रहा हूं और मरीजों के साथ प्रयोग कर रहा हूं. जो वैक्सीन लगने के बाद संक्रमित हुए हैं. इससे पता चलता है कि वो ऐसे वैरिएंट बना रहे हैं, जिन पर कोरोना वैक्सीन कम प्रभावी है. उन्होंने बताया कि इस घटना को एंटीबॉडी-डिपेंडेंट एनहैंसमेंट’ (Antibody Dependent Enhancement (ADE) कहा जाता है.