'उत्तर कोरिया का परमाणु परीक्षण दरअसल हाइड्रोजन बम का विस्फोट था'
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'उत्तर कोरिया का परमाणु परीक्षण दरअसल हाइड्रोजन बम का विस्फोट था'

उत्तर कोरिया ने कहा कि तीन सितंबर को किया गया परमाणु परीक्षण हाइड्रोजन बम का परीक्षण था, लेकिन पश्चिमी देश उसके इस दावे की पुष्टि करने से इनकार करते रहे हैं.

उत्तर कोरिया ने तीन सितंबर को हाइड्रोजन बम के परीक्षण का दावा किया था. (फाइल फोटो)

वॉशिंगटन: अमेरिकी सेना की रणनीतिक कमान के प्रमुख इस महीने की शुरुआत में किए गए उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण को हाइड्रोजन बम का परीक्षण ‘‘मान रहे’’ हैं. उत्तर कोरिया ने कहा कि तीन सितंबर को किया गया परमाणु परीक्षण हाइड्रोजन बम का परीक्षण था, लेकिन पश्चिमी देश उसके इस दावे की पुष्टि करने से इनकार करते रहे हैं. जनरल जॉन हीटेन ने कहा, ‘‘मैंने घटना को देखा, मैंने घटना से आए संकेतों को देखा. मैंने आकार देखा, मैंने रिपोर्ट देखी और इसलिए मैं इसे हाइड्रोजन बम मान रहा हूं.’’ डिफेंस न्यूज की खबर के मुताबिक, अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मैटिस के साथ कमान का दौरा करते हुए हीटेन ने संवाददातओं से कहा, ‘‘हथियार का आकार दिखाता है कि यह हाइड्रोजन बम का विस्फोट था.''

उत्तर कोरिया ने फिर दागी मिसाइल, जापान के ऊपर से हो कर गुजरी मिसाइल

उत्तर कोरिया ने उसके परमाणु कार्यक्रमों को लेकर बढ़े तनाव के बीच संयुक्त राष्ट्र के नए प्रतिबंधों पर प्रतिक्रिया देते हुए शुक्रवार (15 सितंबर) को एक बार फिर प्रशांत क्षेत्र में एक मिसाइल दागी जो जापान के ऊपर से होकर गुजरी. ऐसा प्रतीत होता है कि उत्तर कोरिया द्वारा अब तक दागी गई मिसाइलों में से इस मिसाइल ने सर्वाधिक दूरी तय की. प्योंगयांग के निकट से यह परीक्षण ऐसे समय में किया गया है जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल एवं परमाणु हथियार कार्यक्रमों को लेकर उसके खिलाफ प्रतिबंधों के आठ सेट लागू किए हैं.

इससे पहले उत्तर कोरिया ने इस महीने की शुरुआत में अपना छठा परमाणु परीक्षण किया था जो अब तक का उसका सबसे बड़ा परीक्षण है. प्योंगयांग ने कहा कि यह एक हाइड्रोजन बम था जो इतना छोटा है कि इसे मिसाइल में फिट किया जा सकता है. अमेरिकी प्रशांत कमान ने पुष्टि की है कि रॉकेट मध्यम दूरी की एक बैलिस्टिक मिसाइल (आईआरबीएम) है और इससे उत्तर अमेरिका या अमेरिकी प्रशांत क्षेत्र के गुआम को कोई खतरा नहीं है.

सोल के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस मिसाइल ने करीब 3,700 किलोमीटर की दूरी तय की और 770 किलोमीटर की अधिकतम ऊंचाई पर उड़ी. इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज के जोसेफ डेम्प्से ने ट्विटर पर कहा कि उत्तर कोरिया ने ‘‘जिन बैलिस्टिक मिसाइलों का अब तक परीक्षण किया है, उनमें से इस मिसाइल ने जमीन के ऊपर से सर्वाधिक दूरी तय की.’’ उन्होंने कहा कि यह इस बात का ‘‘स्पष्ट संकेत है कि उत्तर कोरिया के पास गुआम योजना को पूरा करने के लिए दूरी (रेंज) है, लेकिन आवश्यक सटीकता नहीं है’’.

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