किम ने वर्कर्स पार्टी के उच्चस्तरीय अधिकारियों के साथ अपनी सबसे उन्नत इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) के सफलतापूर्वक परीक्षण के कुछ दिनों के बाद यह बैठक की है.
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प्योंगयांग: उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने शुक्रवार (22 दिसंबर) को कहा कि उनके देश ने रणनीतिक हथियारों में तेजी से विकास हासिल किया है और अमेरिका के लिए पर्याप्त परमाणु खतरा उत्पन्न किया है. 'एफे' ने 'केसीएनए' के हवाले से बताया, किम ने वर्कर्स पार्टी के उच्चस्तरीय अधिकारियों के साथ अपनी सबसे उन्नत इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) के सफलतापूर्वक परीक्षण के कुछ दिनों के बाद यह बैठक की है. किम का यह भाषण उसी वक्त आया, जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 29 नवंबर को उसके आईसीबीएम परीक्षण के जवाब में पृथक एशियाई देश के विरुद्ध प्रतिबंधों का विस्तार करने के लिए अमेरिका के एक नए प्रस्ताव पर मतदान करने की योजना बनाई है.
उत्तर कोरियाई शासन के अनुसार, अब एक बड़ा परमाणु हथियार ले जाने और अमेरिका के के सभी क्षेत्र तक पहुंचने में सक्षम हैं. किम ने अपने शुरुआती संबोधन में कहा, "उत्तर कोरिया के परमाणु शक्ति का तेजी से विकास विश्व के राजनीतिक और रणनीतिक वातावरण पर बड़ा प्रभाव डाल रहा है." उन्होंने कहा, "कोई भी उत्तर कोरिया के अस्तित्व से इनकार नहीं कर सकता, जो अमेरिका के लिए पर्याप्त परमाणु खतरे की चुनौती देने में सक्षम एक रणनीतिक देश के तौर पर तेजी से उभरा है."
उत्तर कोरिया का मिसाइल परीक्षण अमेरिका पर आसन्न खतरा नहीं : मैटिस
इससे पहले बीते 16 दिसंबर को अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने कहा था कि उत्तर कोरिया का हालिया मिसाइल परीक्षण उनके देश पर परमाणु हमले के आसन्न खतरे को नहीं दिखाता. मैटिस ने कहा, ‘नहीं, अभी नहीं.’ एक संवाददाता ने उनसे यह सवाल पूछा था कि क्या 29 नवंबर को हुआ परीक्षण अमेरिका पर हमला करने की पूर्ण क्षमता का संकेत है. उन्होंने कहा, ‘इस मिसाइल ने अभी हमारे खिलाफ हमला करने की क्षमता नहीं दिखाई है.’ उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन के पास उत्तर कोरिया के परमाणु शस्त्रागारों को खत्म करने के लिए सैन्य विकल्पों से पहले कूटनीति पर चलने का अतिरिक्त समय है.
नवंबर के परीक्षण के बाद मैटिस ने कहा था कि यह मिसाइल उत्तर कोरिया की पहले की मिसाइलों से अधिक ऊंचाई पर उड़ी और यह अमेरिका को धमकाने के लिए मिसाइल क्षमता विकसित करने के प्रयासों को दिखाती है. इसके बाद से मैटिस ने सार्वजनिक रूप से इसके बारे में कम ही बात की है और प्रशासन ने उत्तर कोरिया से बातचीत शुरू करने की इच्छा जताने वाले मिले जुले संदेश दिए हैं.
(इनपुट एजेंसी से भी)