'उत्तर कोरिया को आतंकवाद को समर्थन देने वाले राष्ट्रों की सूची में डालना दबाव बनाने रणनीति'
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'उत्तर कोरिया को आतंकवाद को समर्थन देने वाले राष्ट्रों की सूची में डालना दबाव बनाने रणनीति'

टिलरसन ने कहा कि इस कदम के जरिए अमेरिका का लक्ष्य उत्तर कोरिया द्वारा पिछले कुछ वर्षों में उठाए उसके कदमों के लिए उसकी जवाबदेही तय करना है.

अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन. (फाइल फोटो)

वॉशिंगटन: अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन का कहना है कि उत्तर कोरिया को आतंकवाद को समर्थन देने वाले राष्ट्रों की सूची में डालना प्योंगयांग पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि अमेरिका का लक्ष्य उत्तर कोरिया के हालिया कदमों के लिए उसकी जवाबदेही तय करना है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार (20 नवंबर) को उत्तर कोरिया को आतंकवाद को समर्थन देने वाला राष्ट्र घोषित किया था. ट्रंप ने कैबिनेट को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘अमेरिका आज.... उत्तर कोरिया को आतंकवाद को समर्थन देने वाला राष्ट्र घोषित कर रहा है. यह बहुत पहले कर देना चाहिए था... यह बहुत पहले कर देना चाहिए था.’’

व्हाइट हाउस के संवाददाता सम्मेलन में टिलरसन ने कहा, ‘‘उत्तर कोरिया पर दबाव बनाने की दिशा में बस यह एक और कदम है... मैं इसे दबाव बनाने वाला एक शांतिपूर्ण अभियान करार दूंगा. राष्ट्रपति ने इसे अधिकतम दबाव बनाने वाला अभियान करार दिया था. इसिलए, इसमें कोई दुविधा नहीं है... यह एक एवं समान बात है.’’ उन्होंने कहा कि इस कदम के जरिए अमेरिका का लक्ष्य उत्तर कोरिया द्वारा पिछले कुछ वर्षों में उठाए उसके कदमों के लिए उसकी जवाबदेही तय करना है.

किम जोंग-उन का डोनाल्ड ट्रंप को जवाब, प्रतिबंध राष्ट्रीय भावना को मजबूत करते हैं

वहीं दूसरी ओर उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने कहा है कि प्रतिबंधों ने देश में राष्ट्रीय भावनाएं पैदा करने का काम किया है. अमेरिका ने उत्तर कोरिया को आतंकवाद प्रायोजक देशों की सूची में फिर से शामिल किया है, जिसके बाद किम ने यह टिप्पणी की. समाचार एजेंसी 'केसीएनए' के अनुसार, सुंगरी मोटर कांप्लेक्स के दौरे पर गए किम ने कहा, "उत्तर कोरिया के की प्रगति को रोकने के शत्रु ताकतों के प्रयासों ने उत्तर कोरियाई श्रमिकों की अदम्य भावना को और मजबूत बनाया है और उन्हें दुनिया को चौंका देने वाला कार्य करने के लिए प्रेरित किया है."

'एफे' की रिपोर्ट ने 'केसीएनए' की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि रिपोर्ट के चित्रों और लेखों से जानकारी मिलती है कि नेता व्यक्तिगत रूप से प्योंगयांग से करीब 90 किलोमीटर पूर्वोत्तर के टोकचोन में स्थित संयंत्र में निर्मित नए पांच टन वजनी ट्रक को चलाते हुए नजर आ रहे हैं. यात्रा की तारीख को स्पष्ट किए बिना 'केसीएनए' ने बताया कि इस दौरान किम ने उत्तर कोरिया को अपने स्वयं के मोटर वाहनों का निर्माण करने में सक्षम होने पर जोर दिया ताकि देश की अर्थव्यवस्था विकसित और राष्ट्रीय शक्ति को मजबूत हो सके.

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