आतंकवाद ही नहीं इन पेशेवरों की हत्‍याओं के मामले में भी टॉप पर है Pakistan
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आतंकवाद ही नहीं इन पेशेवरों की हत्‍याओं के मामले में भी टॉप पर है Pakistan

इस साल 4 पाकिस्तानी पत्रकारों- अजीज मेनन, जावेदुल्ला खान, अनवर जान, शहीना शाहीन ने अपनी जान गंवा दी. बलूचिस्तान प्रांत में 23 जुलाई को अनवर जान की हत्‍या के बाद न्‍याय की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शनों की एक श्रृंखला शुरू हो गई. पहले बरखान में विरोध शुरू हुआ जहां 2 बंदूकधारियों ने उन्‍हें गोली मारी थी. 

प्रतिकात्‍मक फोटो

नई दिल्‍ली: पाकिस्‍तान (Pakistan) में 1990 के बाद से अब तक 138 पत्रकार (Journalists) मारे जा चुके हैं. ये आंकड़े इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट (IFJ) के हैं. शुक्रवार को IFJ ने 'व्हाइट पेपर ऑन ग्लोबल जर्नलिज्म' जारी किया है, जिसमें 5 देशों- इराक, मैक्सिको, फिलीपींस, पाकिस्तान और भारत को 'दुनिया में पत्रकारिता के लिए सबसे खतरनाक देश' के रूप में सूचीबद्ध किया है. 

  1. पत्रकारों की हत्‍याओं के मामले में टॉप पर है पाकिस्‍तान 
  2. 2 दशक में मारे गए 138 पत्रकार 
  3. इस साल में अब तक 4 पत्रकारों की हो चुकी हैं हत्‍याएं 

इसके अनुसार, 1990 के बाद से अब तक पाकिस्‍तान में लगभग हर साल पत्रकार मारे गए. वहां तब से अब तक में 138 पत्रकारों की जानें गईं वहीं भारत के लिए यह आंकड़ा 116 है. इन दोनों देशों में पत्रकारों की मौतों का प्रतिशत पूरे एशिया पै‍सिफिक क्षेत्र में हुई ऐसी घटनाओं का 40 फीसदी है. 

इस साल 4 पाकिस्‍तानी पत्रकारों ने गंवाई जान 
इस साल की शुरुआत से अब तक IFJ ने 15 देशों में निशाना बनाकर किए गए हमलों, बम विस्फोटों और गोलीबारी की घटनाओं में अब 42 पत्रकारों और मीडिया कर्मचारियों की हत्याओं को दर्ज किया है. 2019 में यह संख्‍या 49 थी. 

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इस साल 4 पाकिस्तानी पत्रकारों- अजीज मेनन, जावेदुल्ला खान, अनवर जान, शहीना शाहीन ने अपनी जान गंवा दी. बलूचिस्तान प्रांत में 23 जुलाई को अनवर जान की हत्‍या के बाद न्‍याय की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शनों की एक श्रृंखला शुरू हो गई. पहले बरखान में विरोध शुरू हुआ जहां 2 बंदूकधारियों ने उन्‍हें गोली मारी थी. इसके बाद प्रांत की राजधानी क्‍वेटा और ग्वादर बंदरगाह शहर में विरोध शुरू हो गया. इस घटना के लिए न्‍याय की मांग करते हुए सोशल मीडिया पर हैशटैग #JusticeforAnwarJan भी बनाया गया.

काउंसिल ऑफ पाकिस्तान न्यूजपेपर एडिटर्स के मुताबिक पिछले साल 2019 में देश भर में कम से कम 7 पत्रकार मारे गए थे.

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