बराक ओबामा मार्च-अप्रैल में परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन की करेंगे मेजबानी
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बराक ओबामा मार्च-अप्रैल में परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन की करेंगे मेजबानी

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा अगले साल मार्च-अप्रैल में होने वाले चौथे और निर्णायक परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित दुनिया भर के नेता इसमें शिरकत करेंगे।

बराक ओबामा मार्च-अप्रैल में परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन की करेंगे मेजबानी

वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा अगले साल मार्च-अप्रैल में होने वाले चौथे और निर्णायक परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित दुनिया भर के नेता इसमें शिरकत करेंगे।

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने कहा कि यहां 31 मार्च और एक अप्रैल को होने वाले दो दिवसीय सम्मेलन में खतरे पर चर्चा होगी और कदमों को रेखांकित किया जाएगा जिससे कि उच्च संवर्धित यूरेनियम के न्यूनतम इस्तेमाल, संवेदनशील सामग्रियों की सुरक्षा, परमाणु तस्करी का मुकाबला और इसकी रोकथाम, पड़ताल, परमाणु आतंकवाद को खत्म करने के लिए साथ आया जा सके।

हालांकि, इसके बारे में आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है कि परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन में किन नेताओं की भागीदारी होगी। उम्मीद है कि अमेरिकी नेतृत्व में होने वाली अंतरराष्ट्रीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी सहित दुनिया भर के नेता शिरकत करेंगे।

तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2010 में शुरुआती परमाणु शिखर सम्मेलन में भागीदारी की थी। इसके बाद अतिरिक्त बैठकें 2008 में सोल में और 2014 में द हेग में हुयी थी। इन शिखर सम्मेलनों से परमाणु सामग्रियों और परमाणु सुरक्षा की हिमायत करने वाले मजबूत अंतरराष्ट्रीय संस्थानों की सुरक्षा की दिशा में ठोस प्रगति हुयी। अगर मोदी परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन के लिए वाशिंगटन जाते हैं तो मई 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद दो साल से भी कम समय में अमेरिका का उनका यह तीसरा दौरा होगा।

मोदी सितंबर 2014 में अमेरिका के पहले दौरे पर गए थे। अगले महीने वह संयुक्त राष्ट्र के 70 वें वाषिर्क महासभा सत्र में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका जाएंगे और 27 सितंबर को सिलिकॉन वैली में भारतीय अमेरिकी समुदाय को संबोधित करेंगे। 2009 में अंतिम परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन में ओबामा ने कहा था परमाणु आतंकवाद वैश्विक सुरक्षा को तत्कालिक और बड़ा खतरा है।

उन्होंने संवेदनशील परमाणु सामग्रियों की सुरक्षा, कालाबाजारी खत्म करने और तस्करी की सामग्रियों का पता लगाने तथा उसे पकड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद की घोषणा की। अर्नेस्ट ने कहा कि अब तक हुयी सात शिखर बैठकों से परमाणु सामग्री और परमाणु सुरक्षा का समर्थन करने वाले मजबूत अंतरराष्ट्रीय संस्थानों की सुरक्षा में ठोस प्रगति हुयी है। उन्होंने एक बयान में कहा कि अमेरिका अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित एक मजबूत वैश्विक परमाणु सुरक्षा खाका चाहता है जो व्यापक हो और परमाणु सुरक्षा क्रियान्वयन को लेकर देशों में विश्वास कायम करे।

 

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