OBOR पर भारत की चिंताओं को चीन ने किया खारिज, कहा- सीपीईसी से नहीं बदलेगा कश्मीर पर बीजिंग का रुख़
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OBOR पर भारत की चिंताओं को चीन ने किया खारिज, कहा- सीपीईसी से नहीं बदलेगा कश्मीर पर बीजिंग का रुख़

चीन ने सोमवार (15 मई) को बेल्ट एंड रोड पहल को लेकर भारत की चिंताओं को खारिज करते हुए कहा कि इस बड़ी परियोजना को अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिला है और इसके तहत बनने जा रही चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) परियोजना कश्मीर पर बीजिंग के रुख को प्रभावित नहीं करेगी. सीपीईसी पर भारत की आपत्तियों पर प्रतिक्रिया जताते हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस परियोजना में 100 से अधिक देश और संगठन शामिल हैं.

चीन 2019 में दूसरे बेल्ट एंड रोड फोरम का आयोजन करेगा. (फाइल फोटो)

बीजिंग: चीन ने सोमवार (15 मई) को बेल्ट एंड रोड पहल को लेकर भारत की चिंताओं को खारिज करते हुए कहा कि इस बड़ी परियोजना को अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिला है और इसके तहत बनने जा रही चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) परियोजना कश्मीर पर बीजिंग के रुख को प्रभावित नहीं करेगी. सीपीईसी पर भारत की आपत्तियों पर प्रतिक्रिया जताते हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस परियोजना में 100 से अधिक देश और संगठन शामिल हैं.

विदेश मंत्रालय ने एक लिखित जवाब में कहा, ‘बेल्ट एंड रोड पहल की प्रस्तावना 2013 में की गयी थी और चार साल बाद दुनिया के 100 से अधिक देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इस पहल का समर्थन किया है और इसमें शामिल हुए हैं.’ भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले की टिप्पणी पर चीन के विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया आई है. बागले ने दो दिन पहले कहा था कि भारत ऐसी परियोजना को स्वीकार नहीं कर सकता जो उसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करती हो.

भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से गुजरने वाले 50 अरब डॉलर के सीपीईसी को लेकर अपनी संप्रभुता संबंधी चिंताओं के चलते बेल्ट एंड रोड फोरम (बीआरएफ) में भाग नहीं लिया. हालांकि सोमवार (15 मई) को समाप्त हुए इस फोरम का भारत द्वारा बहिष्कार करने पर चीन के विदेश मंत्रालय ने कुछ नहीं कहा.

चीनी मंत्रालय ने अपना रुख दोहराते हुए कहा, ‘जिस कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत पक्ष चिंतित है, उसके संबंध में हम जोर देकर कह रहे हैं कि यह मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच इतिहास से चला आ रहा है और दोनों पक्षों को परामर्श तथा बातचीत से इस पर उचित तरीके से ध्यान देना चाहिए.’ उसने कहा, ‘चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर आर्थिक सहयोग पर एक पहल है. यह किसी तीसरे पक्ष की ओर लक्षित नहीं है, क्षेत्रीय संप्रभुता से जुड़े विवादों से संबंधित नहीं है और कश्मीर मुद्दे पर चीन के रख को प्रभावित नहीं करती.’ एक दिन पहले ही भारत ने चीन के उच्चस्तरीय फोरम में भाग नहीं लिया.

साल 2019 में अगले बेल्ट एंड रोड फोरम का आयोजन करेगा चीन

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सोमवार को कहा कि उनका देश 2019 में दूसरे बेल्ट एंड रोड फोरम का आयोजन करेगा. चिनफिंग की महत्वाकांक्षी परियोजना पर पहली अंतरराष्ट्रीय बैठक आज (सोमवार, 15 मई) समाप्त हो गयी. 29 देशों के नेताओं ने चीन की ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल को बढ़ावा देने के मकसद से आयोजित फोरम की पहली बैठक सोमवार को समाप्त की.

शी ने कहा कि परियोजना का क्रियान्वयन पूरी रफ्तार में चल रहा है. इस परियोजना को लेकर भारत आपत्ति जता चुका है. उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और अंतरराष्ट्रीय संगठनों समेत कुल 68 देशों ने चीन के साथ बेल्ट एंड रोड सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं. उन्होंने पहले फोरम को समाप्त करते हुए परियोजना को लेकर विश्वास जताया.

भारत ने इस परियोजना के तहत विवादास्पद अरबों डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से गुजरने को लेकर अपना विरोध दर्ज कराते हुए चीन के इस फोरम का बहिष्कार किया.

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