Sri Lanka Crisis: श्रीलंकाई नए साल से पहले PM राजपक्षे का प्रदर्शनकारियों को ऑफर
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Sri Lanka Crisis: श्रीलंकाई नए साल से पहले PM राजपक्षे का प्रदर्शनकारियों को ऑफर

श्रीलंकाई नववर्ष से एक दिन पहले श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksa) ने कहा है कि वह उन प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए तैयार हैं, जो कोलंबो के सरकार के खिलाफ पांच दिनों से विरोध कर रहे हैं.

Sri Lanka Crisis: श्रीलंकाई नए साल से पहले PM राजपक्षे का प्रदर्शनकारियों को ऑफर

कोलंबो: श्रीलंका में मौजूदा आर्थिक संकट से निपटने को लेकर प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksa) ने प्रदर्शनकारियों को बातचीत का ऑफर दिया है. श्रीलंकाई नववर्ष से एक दिन पहले महिंदा राजपक्षे ने बुधवार को कहा कि देश के प्रधानमंत्री के रूप में वह आर्थिक और राजनीतिक संकट (Sri Lanka Crisis) के बीच उन प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए तैयार हैं, जो कोलंबो के गाले फेस में सरकार के खिलाफ पांच दिनों से विरोध कर रहे हैं.

  1. महिंदा राजपक्षे ने प्रदर्शनकारियों को बातचीत का ऑफर दिया
  2. आर्थिक चुनौती से निपटने के लिए ले सकते हैं राय
  3. श्रीलंका सरकार के खिलाफ लगातार हो रहा है विरोध

आर्थिक चुनौती से निपटने के लिए ले सकते हैं राय

श्रीलंका के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा, 'प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksa) ने कहा है कि वह चर्चा के लिए तैयार हैं. पीएम राजपक्षे द्वारा देश के सामने मौजूदा आर्थिक चुनौती से निपटने के लिए प्रदर्शनकारियों की राय लेने की संभावना है. यदि प्रदर्शनकारी इस चर्चा के लिए तैयार हैं तो वे सरकार को उन प्रतिनिधियों के समूह के बारे में सूचित करेंगे जो प्रदर्शनकारियों की ओर से बात करेंगे.'

श्रीलंका में 14 अप्रैल को मनाया जाएगा नया साल

बता दें कि श्रीलंका में 14 अप्रैल को नया साल (Sri Lankan New Year) मनाया जाएगा और देश के लोग नया मनाने के लिए तैयार हैं. इस बीच प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksa) ने नए साल से पहले प्रदर्शनकारियों से बातचीत का ऑफर दिया है.

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गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा श्रीलंका

स्वतंत्रता के बाद से श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जिसमें भोजन और ईंधन की कमी के अलावा बढ़ती कीमतों ने लोगों को परेशान कर दिया है. इसके अलावा बिजली कटौती ने देश में बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित किया है, जिसके परिणामस्वरूप सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

लगातार हो रही पीएम और राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग

श्रीलंका को विदेशी मुद्रा की कमी का भी सामना करना पड़ रहा है, जिससे खाद्य और ईंधन आयात करने की उसकी क्षमता प्रभावित हुई है. आवश्यक वस्तुओं की कमी ने श्रीलंका को मित्र देशों से सहायता लेने के लिए मजबूर कर दिया है. आर्थिक स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की लगातार मांग हो रही है और लोग भारी संख्या में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इससे पहले प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने सोमवार को राष्ट्र के नाम एक विशेष संबोधन में लोगों से धैर्य रखने और सड़कों पर नहीं उतरने का अनुरोध किया था ताकि सरकार स्थिति को हल कर सके.
(इनपुट- न्यूज एजेंसी एएनआई)

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