खतरे में हैं भारत और ब्राजील के चुनाव, रूस बना रहा है निशाना : ऑक्सफोर्ड विशेषज्ञ का दावा
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खतरे में हैं भारत और ब्राजील के चुनाव, रूस बना रहा है निशाना : ऑक्सफोर्ड विशेषज्ञ का दावा

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के ऑक्सफोर्ड इंटरनेट इंस्टीट्यूट एंड बेलियोल कॉलेज में प्राध्यापक फिलिप एन. होवर्ड ने सोशल मीडिया मंचों पर विदेशी प्रभाव के मामलों पर सीनेट की खुफिया कमेटी की सुनवाई में यह बात कही. 

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

वॉशिंगटन : ऑक्सफोर्ड विश्विवद्यालय के सोशल मीडिया विशेषज्ञों ने अमेरिकी सांसदों के समक्ष दावा किया है कि भारत और ब्राजील जैसे देशों के चुनाव में हस्तक्षेप करने के लिए रूस वहां की मीडिया को निशाना बना सकता है. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के ऑक्सफोर्ड इंटरनेट इंस्टीट्यूट एंड बेलियोल कॉलेज में प्राध्यापक फिलिप एन. होवर्ड ने सोशल मीडिया मंचों पर विदेशी प्रभाव के मामलों पर सीनेट की खुफिया कमेटी की सुनवाई में यह बात कही. हालांकि, होवर्ड ने अपने आरोपों के बारे में और अधिक ब्योरा नहीं दिया. 

हालात और अधिक खतरनाक हो सकते हैं- होवर्ड
उन्होंने कहा कि उन देशों में हालात और अधिक खतरनाक हो सकते हैं, जहां मीडिया अमेरिका जितना पेशेवर नहीं है. सीनेटर सुसान कोलिंस के एक सवाल के जवाब में होवर्ड ने यह बात कही. उन्होंने भारत और ब्राजील के चुनावों में मीडिया के जरिए हस्तक्षेप की संभावना का जिक्र किया. हालांकि, इस बारे में और अधिक ब्योरा नहीं दिया. इससे पहले कोलिंस ने हंगरी की मीडिया में इस तरह के हस्तक्षेप के कुछ उदाहरण दिए.

दुनिया में सबसे ज्यादा पेशेवर मीडिया अमेरिका में हैं- होवर्ड
होवर्ड ने कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा पेशेवर मीडिया अमेरिका में हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं कह सकता हूं कि हमारे लोकतांत्रिक सहयोगी देशों में अधिक चिंताएं हो सकती हैं. मेरा मानना है कि रूस हमे निशाना बनाने से आगे बढ़ते हुए ब्राजील, भारत जैसे अन्य लोकतंत्रों को निशाना बना सकता है, जहां अगले कुछ बरसों में चुनाव होने वाले हैं. 

हम महत्वपूर्ण रूसी गतिविधि देख रहे हैं- फिलिप
होवर्ड ने कहा कि हम महत्वपूर्ण रूसी गतिविधि देख रहे हैं, इसलिए उन देशों के मीडिया संस्थानों को सीखने और विकसित होने की जरूरत है. सीनेट कमेटी ने 2016 के रूसी चुनाव में कथित रूसी हस्तक्षेप पर ध्यान केंद्रित करते हुए सोशल मीडिया मंचों पर विदेशी प्रभाव पर सुनवाई की. 

गौरतलब है कि जनवरी 2017 के आंकलन में शीर्ष अमेरिकी खुफिया एजेंसियां इस निष्कर्ष पर पहुंची थी कि रूस ने 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप किया था.

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