इमरान के खर्च कटौती के बयान पर बोले नवाज, कहा- PM आवास का खर्च अपनी जेब से दिया
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इमरान के खर्च कटौती के बयान पर बोले नवाज, कहा- PM आवास का खर्च अपनी जेब से दिया

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री आवास के हर रोज के खर्च का भुगतान अपनी जेब से किया था.

इमरान खान ने सरकार के खर्चों में व्यापक कटौती की घोषणा की है.(फाइल फोटो)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री आवास के हर रोज के खर्च का भुगतान अपनी जेब से किया था. उनकी यह टिप्पणी तब आई जब नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान ने सरकार के खर्चों में व्यापक कटौती की घोषणा की है. शरीफ भ्रष्टाचार के मामले में कैद काट रहे हैं. डॉन अखबार के मुताबिक भ्रष्टाचार के दो अन्य मामलों में पेशी के लिए आए शरीफ ने जवाबदेही अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा कि भुगतान के सबूत के रूप में उनके पास चेक हैं. शरीफ ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री आवास के रोजाना के खर्च का भुगतान अपनी जेब से किया था.

पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान ने कल राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में प्रधानमंत्री आवास के खर्चों में कटौती की घोषणा की थी. खान ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के पास 524 सेवक और 80 कार होती हैं. प्रधानमंत्री, जो मैं हूं, के पास 33 बुलेटप्रूफ कार भी होती हैं.  प्रधानमंत्रियों को लाने-ले जाने के लिए हेलीकॉप्टर और विमान भी होते हैं.

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हमारे पास बड़े मकान और हर सुख सुविधा होती है. ’’ उन्होंने कहा कि उनकी योजना अपने खुद के और देश के खर्च में कटौती की है. खान ने कहा, ‘‘मैं 524 (प्रधानमंत्री कार्यालय के कर्मी) में से केवल दो लोग रखूंगा.  मैं तीन बेडरूम के मकान में रहूंगा जो सेना सचिव का आवास होता था.’’ 

524 सेवकों, 80 कार वाले PM हाउस में नहीं, 3 बेडरूम वाले फ्लैट में रहूंगा: इमरान खान
पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सत्‍ता संभालने के बाद राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में देश के खर्चे के साथ ही अपने ऊपर होने वाले खर्चे में भी मितव्ययिता बरतने की घोषणा की. उन्‍होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री आवास में नहीं, बल्कि सैन्य सचिव के तीन बेडरूम वाले आवास में रहेंगे. उन्होंने कहा कि वह बानीगाला में अपने आवास में रहना चाहते थे लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि उनकी जान को खतरा है इसलिए वह यहां रह रहे हैं.

मितव्‍ययिता पर जोर
इमरान खान ने कहा कि प्रधानमंत्री निवास में 524 सेवक और 80 कार हैं. उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री यानी मेरे पास 33 बुलेटप्रूफ कार भी हैं. उड़ने के लिए हेलीकॉप्‍टर और विमान भी हमारे पास है. हमारे यहां गवर्नर का विशाल आवास हैं और हर कल्पनीय आराम की चीजें हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ हमारे पास अपने लोगों पर खर्च करने के लिए पैसे नहीं है, दूसरी तरफ हमारे यहां कुछ लोग ऐसे तरह रहते हैं जैसे औपनिवेशिक स्वामी रहते थे.’’ वह अपने और देश के खर्चे को कैसे घटाएंगे, इस बारे में अपनी योजनाएं बताते हुए खान ने कहा, ‘‘मैं 524 की जगह दो लोगों को रखूंगा. मैं तीन बेडरूम वाले आवास में रहूंगा. मैं दो कार रखूंगा क्योंकि खुफिया एजेंसियों ने मुझे बताया है कि मेरी जान को खतरा है. मैं बानीगाला नहीं छोड़ना चाहता था लेकिन मुझे ऐसा करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.’’ इमरान खान ने कहा कि उनकी सरकार बाकी बुलेट प्रूफ कारों को नीलाम करेगी और कारोबारियों को उन्हें खरीदने का न्योता दिया.

पाकिस्‍तान पर 28 हजार अरब रुपये का कर्ज
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मौजूदा ऋण संकट के लिये पूर्ववर्ती पीएमएल-एन सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि अपने समूचे इतिहास में देश इतना ऋणग्रस्त कभी नहीं रहा, जितना पिछले 10 साल में हो गया है. देश पर यह कर्ज बढ़कर 28000 अरब रुपये हो गया है. देश के 22 वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में खान ने पाकिस्तान की आर्थिक चुनौतियां चिन्हित कीं और स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में कमियों को रेखांकित किया. मुद्दों के समाधान के लिये अपनी सरकार के नजरिये को रेखांकित करते हुए खान ने मितव्ययिता कदमों, कर्ज लेने की जगह कर सुधारों पर काम करने और भ्रष्टाचार को खत्म करने पर जोर दिया.

उन्होंने न्यायपालिका, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल का कायाकल्प करने, सिविल सेवा में सुधार, सत्ता का हस्तांतरण, युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने और जल संकट खत्म करने के लिये बांध बनाने की भी बात कही. उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान के इतिहास में हमने इस तरह की मुश्किल परिस्थितियों का सामना कभी नहीं किया. हमारा कर्ज का बोझ 28 हजार अरब रुपये है. अपने समूचे इतिहास में हम इतने ऋणग्रस्त कभी नहीं रहे, जितना पिछले 10 वर्षों में हो गए हैं.’’ खान ने कहा, ‘‘हमारे कर्ज पर जो ब्याज हमें चुकाना है वह इस स्तर तक पहुंच गया है कि हमें अपनी देनदारियों का भुगतान करने के लिये और कर्ज लेना होगा. हमारी बाहरी कर्ज देनदारियां उस स्तर तक पहुंच गई हैं कि हमें इस बात पर विचार करना है कि हम कैसे उससे जूझने जा रहे हैं.’’

इनपुट भाषा से भी 

 

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