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वॉशिंगटन: पाकिस्तान (Pakistan) के तालिबान प्रेम के चलते दक्षिण एशियाई देशों के समूह सार्क (SAARC) की बैठक रद्द हो गई है. विदेश मंत्रियों की इस बैठक में पाकिस्तान तालिबान (Taliban) के प्रतिनिधि को शामिल करने की जिद पर अड़ा हुआ था, जिसका अधिकांश देशों ने विरोध किया. नतीजतन सहमति नहीं बन पाने के कारण 25 सितंबर को न्यूयॉर्क में होने वाली इस बैठक को रद्द करना पड़ा. बता दें कि पिछले साल कोरोना महामारी के मद्देनजर सार्क देशों के मंत्रिपरिषद की बैठक ऑनलाइन आयोजित की गई थी.
न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सदस्य देशों में आम सहमति नहीं बन पाने के कारण बैठक रद्द कर दी गई है. पाकिस्तान की इमरान खान (Imran Khan) सरकार चाहती थी कि बैठक में तालिबान को अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व करने दिया जाए, लेकिन भारत (India) सहित अधिकांश सदस्य देश इसके लिए तैयार नहीं थे. ऐसे में आम सहमति नहीं बनने के चलते बैठक रद्द करनी पड़ी.
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भारत ने तालिबान को अब तक मान्यता नहीं दी है. दुनिया के अधिकांश देश भी तालिबानियों को मान्यता देने से बच रहे हैं. तालिबान के टॉप कैबिनेट मंत्रियों को संयुक्त राष्ट्र ने काली सूची में डाल हुआ है. इसके बावजूद पाकिस्तान उसे बैठक में शामिल करने पर अड़ा हुआ था. सार्क सदस्य देशों ने तय किया था कि अफगानिस्तान के प्रतिनिधि के लिए बैठक में एक कुर्सी खाली रखी जाएगी. जबकि पाकिस्तान चाहता था कि तालिबान को बैठक में शामिल किया जाए. इसी वजह से बैठक रद्द करनी पड़ी.
सार्क (SAARC) दक्षिण एशिया के आठ देशों का संगठन है और इसका पूरा नाम है दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन. सार्क का गठन आठ दिसंबर 1985 को किया गया था. इसका उद्देश्य दक्षिण एशिया में आपसी सहयोग से शांति और प्रगति हासिल करना है. अफगानिस्तान सार्क का सबसे नया सदस्य है. इस संगठन के अन्य सदस्यों में भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और मालदीव शामिल हैं.