DNA: तुर्किये के बाद अब जर्मनी देगा पाकिस्तान का साथ! क्या वेस्टर्न कंट्रीज को दिखता है सिर्फ पैसा?
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DNA: तुर्किये के बाद अब जर्मनी देगा पाकिस्तान का साथ! क्या वेस्टर्न कंट्रीज को दिखता है सिर्फ पैसा?

DNA Analysis: मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पाकिस्तान को जर्मनी से IRIS-T एयर डिफेंस सिस्टम मिलने वाला है. इस डील के लिए पाकिस्तान और जर्मनी के बीच बातचीत पूरी हो चुकी है और जर्मनी की तकनीकी टीम ने पाकिस्तानी फौज को इस सिस्टम के महत्वूपूर्ण पहलुओं की भी जानकारी दी है.

DNA: तुर्किये के बाद अब जर्मनी देगा पाकिस्तान का साथ! क्या वेस्टर्न कंट्रीज को दिखता है सिर्फ पैसा?

DNA Analysis: आप रोजाना भारतीय सेना के किसी नए डिफेंस सिस्टम से जुड़ी खबर देखते और सुनते हैं हो सकता है कभी आपके अंदर ये सवाल उठा हो कि भारत आखिर इतने बड़े पैमाने पर सैन्य तैयारी क्यों कर रहा है. इस सवाल के दो जवाब हैं पहला पाकिस्तान और चीन जैसे भारत के विरोधी और दूसरा जवाब है खुद को विकसित कहने वाले पश्चिमी यूरोपीय देशों का DOUBLE STANDARD यानी दोहरा मानदंड. हम पश्चिमी जगत को इस कठघरे में क्यों खड़ा कर रहे हैं ये समझने के लिए आपको पाकिस्तान से जुड़ा एक बड़ा अपडेट  देखना होगा.

मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पाकिस्तान को जर्मनी से IRIS-T एयर डिफेंस सिस्टम मिलने वाला है. इस डील के लिए पाकिस्तान और जर्मनी के बीच बातचीत पूरी हो चुकी है और जर्मनी की तकनीकी टीम ने पाकिस्तानी फौज को इस सिस्टम के महत्वूपूर्ण पहलुओं की भी जानकारी दी है. ये वही जर्मनी है जिसने ऑपरेशन सिंदूर के बाद कहा था कि भारत को आतंक से अपनी सुरक्षा करने का अधिकार है और आज वही जर्मनी आतंक को शह देने वाले पाकिस्तान को हथियार दे रहा है.

ये वही जर्मनी है जिसने सीरिया में इस्लामिक स्टेट से लड़ने के लिए अपनी फौज भेजी थी लेकिन अब इस जर्मनी को पाकिस्तान जैसे आतंक परस्त देश में बिजनेस पार्टनर दिख रहा है. इसे आप DOUBLE STANDARD नहीं तो और क्या कहेंगे आतंक के नाम पर बड़ी बड़ी बातें की जाती हैं लेकिन जब मुद्दा पैसों का होता है. तो आतंकी देशों से हाथ भी मिला लिया जाता है पाकिस्तान और जर्मनी के बीच एयर डिफेंस सिस्टम की डील क्यों हुई इस सवाल का जवाब भी हम आपको देंगे लेकिन पहले आप उस उस वेपन सिस्टम को देख और समझ लीजिए जो पाकिस्तान के हाथों में जाने वाला है. ये एयर डिफेंस सिस्टम 12 से लेकर 80 किलोमीटर तक दुश्मन के हवाई जहाज या मिसाइल को हिट कर सकता है. IRIS से निकलने वाली मिसाइल की रफ्तार मैक-3 यानी आवाज से तीन गुना ज्यादा होती है. एक बार टारगेट पहचान लेने के बाद इस डिफेंस सिस्टम के जरिए एक साथ 8 हवाई लक्ष्यों को तबाह किया जा सकता है

अब हम आपको बताते हैं आखिर क्यों पाकिस्तान इस एयर डिफेंस सिस्टम में दिलचस्पी दिखा रहा है. इस दिलचस्पी की वजह है. यूक्रेन युद्ध में इस डिफेंस सिस्टम का प्रदर्शन. रूस और यूक्रेन के बीच टकराव में ये एयर डिफेंस सिस्टम सुपरसोनिक मिसाइलों को रोकने में कामयाब रहा है. ऑपरेशन सिंदूर में भी भारत ने सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलों का प्रयोग किया था. पाकिस्तान को उम्मीद है कि IRISI-T के जरिए वो भारत की ब्रह्मोस मिसाइल से टक्कर ले पाएगा. यहां हम आपको ये भी बताना चाहते हैं कि पारंपरिक तौर पर जर्मनी और पाकिस्तान के बीच सामरिक रिश्तों का दायरा बहुत बड़ा नहीं रहा है. 

साल 2009 में जर्मनी ने पाकिस्तान को हथियार बेचने पर लगे प्रतिबंध हटाए थे. जिसके बाद जर्मनी से पाकिस्तान को पिस्टल, छोटे रॉकेट, राडार के उपकरण मिलने लगे थे. पिछले वर्ष जर्मनी और पाकिस्तान के बीच सिर्फ 8.5 लाख रुपए के मिलिट्री उपकरणों की खरीदृ-फरोख्त हुई थी लेकिन जब पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा तो जर्मनी को अपने हथियारों के लिए नया बाजार और नया ग्राहक यानी पाकिस्तान नजर आ गया. आज का जर्मनी उसी चश्मे से देखा जा रहा है जिससे पाकिस्तान को देखा जाता था. पाकिस्तान में GOOD TERRORIST और BAD TERRORIST की नीति चलती रही है इसी तरह जर्मनी अब GOOD CUSTOMER और BAD CUSTOMER का फॉर्मूला अपना रहा है.

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