DNA: खाने के लाले,पैसों की तंगी...माइक्रोसॉफ्ट की विदाई से टूटे अरमान, क्यों पाकिस्तान छोड़ने को मजबूर हुई बड़ी कंपनियां?
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DNA: खाने के लाले,पैसों की तंगी...माइक्रोसॉफ्ट की विदाई से टूटे अरमान, क्यों पाकिस्तान छोड़ने को मजबूर हुई बड़ी कंपनियां?

DNA Analysis: अमेरिका में कयास लगाए जा रहे हैं क्या एलन मस्क अगले राष्ट्रपति बनेंगे तो अमेरिका की चरण वंदना करने वाले पाकिस्तान में आजकल एक सवाल पूछा जा रहा है. सवाल ये है क्या पाकिस्तान में कोई बड़ी कंपनी या बिजनेस नहीं बचेगा. 

DNA: खाने के लाले,पैसों की तंगी...माइक्रोसॉफ्ट की विदाई से टूटे अरमान, क्यों पाकिस्तान छोड़ने को मजबूर हुई बड़ी कंपनियां?

DNA Analysis: अमेरिका में कयास लगाए जा रहे हैं क्या एलन मस्क अगले राष्ट्रपति बनेंगे तो अमेरिका की चरण वंदना करने वाले पाकिस्तान में आजकल एक सवाल पूछा जा रहा है. सवाल ये है क्या पाकिस्तान में कोई बड़ी कंपनी या बिजनेस नहीं बचेगा. सोशल मीडिया पर पाकिस्तान की बदतर हालत पर चर्चा क्यों हो रही है. ये समझने के लिए आपको पाकिस्तान से आई एक बड़ी खबर देखनी चाहिए. दुनिया की सबसे बड़ी IT कंपनियों में से एक माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान में अपने सभी दफ्तरों को बंद कर दिया है. 

कंपनी ने छोड़ा पाकिस्तान
वर्ष 2000 में पाकिस्तान के अंदर माइक्रोसॉफ्ट का पहला ऑफिस खुला था और 25 साल के अंदर ही इस कंपनी को पाकिस्तान छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. कंपनी के पाकिस्तान हेड ने कहा है कि इस फैसले की वजह से पाकिस्तान में उद्योग से जुड़ी वो नीतियां हैं जो कंपनी के लिए चुनौतीपूर्ण बन गई थीं. आखिर पाकिस्तान से बड़ी बड़ी कंपनियां क्यों अपना बिजनेस समेट रही हैं. इस सवाल का जवाब भी हम आपको देंगे लेकिन पहले आपको माइक्रोसॉफ्ट की विदाई पर पाकिस्तानियों के दर्द पर भी एक नजर डालनी चाहिए.

पाकिस्तान की कंगाली
दुनिया ने पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई की खबरें बहुत देखीं. पाकिस्तान की कंगाल होती अर्थव्यवस्था हर दूसरे दिन किसी ना किसी चैनल की हेडलाइन बनी रहती है और इन्हीं के बीच पाकिस्तान का वो कड़वा सच छिप गया. जिसकी एक झलक आज सामने आई है सिर्फ माइक्रोसॉफ्ट ही नहीं पिछले कुछ सालों में दुनिया की कई बड़ी कंपनियां पाकिस्तान छोड़कर लौट चुकी हैं. फार्मास्युटिकल सेक्टर में फाइजर, अपजॉन, पार्क डेविस और वेथ जैसी बड़ी कंपनियां अब पाकिस्तान में कारखाने या दफ्तर नहीं चलातीं.

कई कंपनियां बंद हुई
FMCG सेक्टर की बड़ी कंपनी प्रॉक्टर एंड गैंबल ने पाकिस्तान से दूरी बना ली है. ऑटो सेक्टर में सुजुकी ने पाकिस्तान में अपने कारखाने बंद कर दिए हैं. बार्कलेज़, ABN-AMRO, HSBC जैसी बैंक्स ने भी पाकिस्तान में अपना बिजनेस बंद कर दिया है. अब आपके अंदर ये सवाल उठ रहा होगा कि आखिर पाकिस्तान में ऐसा क्या हुआ जिसने इतनी बड़ी कंपनियों को कराची और लाहौर को अलविदा कहने के लिए मजबूर कर दिया. अब हम आपको वो कारण दिखाने जा रहे हैं जो बताएंगे आखिर क्यों कहा जाता है दुनिया में कही भी बिजनेस कर लेना, पाकिस्तान में मत करना.

 

विदेशी निवेश बना चुनौतीपूर्ण
पाकिस्तान में कंपनियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है विदेशी निवेश रहा है. पाकिस्तान में आतंक और अस्थिरता की वजह से विदेशी निवेशक यहां ज्यादा पैसा नहीं डालते हैं. दूसरी बड़ी वजह है पाकिस्तान की करेंसी में गिरावट है. साल 2018 से लेकर अब तक पाकिस्तान की करेंसी में 40 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. उद्योग जगत के लिए तीसरी सबसे बड़ी चुनौती है पाकिस्तान में ईंधन के बढ़ते दाम हैं. जो परिवहन को महंगा कर देते हैं और चौथी चुनौती सुनकर शायद आपको हंसी आ जाएगी लेकिन ये कटु सत्य है कि पाकिस्तान में पावर कट. यानी बार बार बिजली की सप्लाई बाधित होने की वजह से भी कंपनियां पाकिस्तान छोड़कर जा रही हैं. 

पाकिस्तान की सियासत और सिस्टम में हमेशा दो ही एजेंडा ऊपर रहे हैं. पहला है भारत से नफरत और दूसरा है आतंक, इसी वजह से आज पाकिस्तान उस मुकाम पर पहुंच गया है. जहां से वापस लौटना इस मुल्क के लिए तकरीबन नामुमकिन है. हुक्मरानों और फौज ने जो जहर बोया है. आम पाकिस्तानी आज उसकी फसल काटने के लिए मजबूर है.

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