India Pakistan Tension: पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सेना अब आतंकियों के खिलाफ ऐक्शन के लिए स्वतंत्र है. अगर तनाव बढ़ा और भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात बने तो क्या दुनिया के कुछ देश पाकिस्तान के सपोर्ट में आ सकते हैं?
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Pahalgam Attack India Pakistan: भारत सरकार की तरफ से सेना को खुली छूट मिलने के बाद पाकिस्तान में खलबली मच गई है. वहां के मंत्री 24 से 36 घंटे के भीतर भारत के सैन्य कार्रवाई करने का दावा कर रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव समेत दुनियाभर के नेताओं ने पहलगाम आतंकी हमले की खुलकर निंदा की है. दुनिया के कई नेताओं ने फोन किया या दिल्ली में उनके राजदूतों से मिलकर हमले की जानकारी दी जा चुकी है. अब तनाव बढ़ने के बाद लोगों के मन में एक सवाल है कि आगे सैन्य कार्रवाई होती है तो जंग की स्थिति में भारत के साथ दुनिया के कौन-कौन से देश खड़े होंगे और वो देश कौन से हैं जो पाकिस्तान का सपोर्ट कर सकते हैं.
मामला आतंकवाद का है
हां, पहले तो यह जान लीजिए कि आतंकी हमले में निर्दोष नागरिकों का खून बहा है, ऐसे में कोई भी देश खुलकर पाकिस्तान का साथ नहीं देगा लेकिन निष्पक्ष जांच, समझौता करने जैसी बातों के लिए मुस्लिम देश पाकिस्तान का साथ देने के लिए आगे आ सकते हैं. इधर पीएम नरेंद्र मोदी से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, फ्रेंच राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी ने फोन पर बात की है. दिल्ली में दर्जनभर देशों के राजनयिकों को ब्रीफिंग देते हुए भारत की स्थिति स्पष्ट कर दी गई है. यूएई और सऊदी जैसे देश भारत के साथ अपनी एकजुटता जाहिर कर चुके हैं.
ये तीन देश क्या कर रहे?
ऐसे में कुछ देश ऐसे भी हैं जो दोनों देशों के साथ संपर्क में बताए जा रहे हैं. इनमें सऊदी अरब, यूके और ईरान का नाम प्रमुख है. दो परमाणु संपन्न देशों के बीच तनाव बढ़ने के बाद से ये देश सुलह कराने की कोशिशों में लगे हैं. हालांकि बयानों और रवैये से एक बात तो स्पष्ट है कि आतंकवाद के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की हमदर्दी भारत के साथ ही है. फिर भी कुछ देश ऐसे हैं जो गुपचुप तरीके से पाकिस्तान को सपोर्ट करते दिख रहे हैं.
पाकिस्तान के सपोर्ट में कौन-कौन?
खुलकर तो कोई भी देश ऐसा कह नहीं रहा लेकिन हाल के समय में दो देश ऐसे हैं जिन्होंने पाकिस्तान से नजदीकी बढ़ाई है. ये हैं- चीन और तुर्की. दोनों ही देशों की तरफ से कुछ सैन्य आपूर्ति किए जाने की खबरें आई हैं. पाकिस्तान की सोशल मीडिया में तुर्की के मिलिट्री प्लेन से युद्धक साजोसामान पहुंचाए जाने की बात कही गई है. उधर, चीन ने कुछ घातक मिसाइलों की खेप भेजी है. इसके अलावा मालदीव और शेख हसीना के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश की नई हुकूमत के बारे में कुछ भी स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता है. बांग्लादेश के मोहम्मद यूनुस पहले ही भारत विरोधी बयान देते रहे हैं. हालांकि 1971 की जंग से बिल्कुल उलट इस समय पाकिस्तान को अमेरिका से सपोर्ट बिल्कुल नहीं मिलने वाला है, जो पहले उसकी बड़ी ताकत था.
चीन क्या पाकिस्तान को सपोर्ट करेगा?
चीन और पाकिस्तान दोस्ती की बातें भले करें लेकिन किसी भी तरह के संघर्ष की स्थिति में इस बात की संभावना कम है कि चीन भारत के खिलाफ पाकिस्तान का खुलकर सपोर्ट करेगा. चीन को पता है कि अमेरिका के साथ चल रहे ट्रेड वॉर से निपटने के लिए उसे भारत से एक और मोर्चा नहीं खोलना है. हां, ज्यादा से ज्यादा चीन पाकिस्तान को हथियार, टेक्निकल सपोर्ट और कूटनीतिक स्तर पर मदद पहुंचा सकता है. वैसे भी, एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन का 82 प्रतिशत डिफेंस एक्सपोर्ट पाकिस्तान ही जाता है.
तुर्की क्यों चौधरी बन रहा?
तुर्की दुनियाभर के मुस्लिम जगत का चौधरी बनने का सपना देखता है. वह इस मामले में सऊदी को पीछे करना चाहता है. पाकिस्तान उसका भी बड़ा हथियार आयातक है तो वह भी पाकिस्तान को हथियार देगा. चीन के हथियारों से इतर तुर्की के हथियार आधुनिक और जंग में टेस्टेड हैं. इसके अलावा पाकिस्तान को बड़ी मदद कहीं से नहीं आने वाली.