Tax In Pakistan: पाकिस्तान में महंगाई और बेरोजगारी से अवाम पहले से ही परेशान हैं, लेकिन अब शहबाज शरीफ ने टैक्स बम फोड़ने की तैयारी कर दी है. हाल में पाकिस्तान में बजट पेश किया गया था, जिसमें टैक्स की दरें बढ़ाने की तैयारी की गई. शरीफ सरकार का प्लान टैक्स की दर 35 प्रतिशत से बढ़ाकर 45 प्रतिशत करने का है. शऱीफ के इस प्लान को लेकर पाकिस्तान की अवाम कह रही है, कि टैक्स की दरें बढ़ाना अवाम पर एटम बम गिराने जैसा है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पाकिस्तान की अवाम माथा पीट रही है, आम लोगों का सिर फटा जा रहा है. नौकरीपेशा लोगों की नींद उड़ी हुई है. क्योंकि, शहबाज शरीफ ने टैक्स बम फोड़ने की तैयारी कर ली है. टैक्स बम, जी हां. पाकिस्तान की अवाम तो टैक्स की दरों में इजाफे को एटम बम बता रही है.


टैक्स की दरों में इजाफे एटम बम


इसे एटम बम ही कह सकते हैं, जो सैलरीड पर्सन पर गिराया गया है, सैलरी पर आप टैक्सेस देते हैं. जितना भी सामान खरीदने जाते हैं उसपर भी टैक्स देते हैं. वेतनभोगी जो वर्ग है उसपर जो टैक्स लगाया गया है वो ज्यादती है. क्योंकि वो पहले से ही बड़ी मुश्किल से गुजारा कर रहे हैं.  


दो वक्त की रोटी का जुगाड़ मुश्किल


पहले से पाकिस्तान की आर्थिक हालत खराब पड़ी है, आम लोगों के महंगाई और बेरोजगारी से परेशान हैं. दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना मुश्किल हो रहा है. इस बीच बजट में शरीफ सरकार ने टैक्स दरों में इजाफे की तैयारी की है. सरकार के इस कदम को अवाम जुल्म की इंतेहा बताई है. 


लोगों का कहना है कि ये तो बहुत जुल्म किया है उन्होंने कि एक आम आदमी आज के दौर में अपने घर के खर्च, पेट्रोल का खर्चा पूरा कर ले वही बहुत है. ये जो इन्होंने टैक्स बढ़ाकर जुल्म किया है अवाम के ऊपर . जो टैक्स लगा रहे हैं, वो ज्यादती है. जुल्म नहीं तो क्या है. पहले ही इतने हालात खराब हैं कि हर बंदा वहन नहीं कर सकता. अगर अब इन्होंने तनख्वाह पर भी इतने टैक्स लगा दिये हैं तो ये जुल्म है.


अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से कर्ज


पाकिस्तान सरकार को अवाम पर टैक्स का बोझ क्यों डालना पड़ रहा है, अब ये समझिये. दरअसल, पाकिस्तान ने IMF यानी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से कर्ज लिया हुआ है. और पाकिस्तान को नए कर्जों की दरकार है. इसलिए IMF ने पाकिस्तान को टैक्स दरें बढ़ाकर कर्ज वापसी का सुझाव दिया है. IMF का प्लान कहता है कि


- मासिक 4 लाख 67 हज़ार कमाई करने वाले पाकिस्तानियों से 45 प्रतिशत टैक्स वसूला जाये .
- अभी तक पाकिस्तान में 5 लाख तक की आय पर 35 प्रतिशत टैक्स लगाया जाता है.
- कृषि और स्वास्थ्य क्षेत्र की वस्तुओं पर भी 18 प्रतिशत सेल टैक्स लगाने का सुझाव दिया गया है  
- हालांकि, अभी पाकिस्तान सरकार और IMF के बीच इसपर कोई सहमति नहीं बनी है.
- पाकिस्तान तो एक लिमिट के बाद मिलने वाली पेंशन तक पर टैक्स लगाने की तैयारी में है.


अगर, पाकिस्तान IMF की शर्तों को मानते हुए टैक्स की दर बढ़ा देता है. तो पहले से परेशान पाकिस्तानियों का जीना ही मुश्किल हो जायेगा. 


बहुत से ऐसे देश हैं जो IMF मोलभाव करते हैं, कहते हैं कि डिफॉल्ट करना है कर दो. हम नहीं दे सकते. फिर री-शिड्यूल किया जाता है कर्जों को. हमारे कर्जे री-शिड्यूल नहीं होते क्योंकि हमारे यहां कोई जुर्रत ही नहीं करता कि उनसे बात करे. 326 अरब रुपये जो नौकरीपेशा लोगों ने जमा कराए हैं. गरीब को मारे जाओ, मीडिल क्लास को तबाह किये जाओ. लेकिन रसूखदार लोगों को कुछ मत कहो. ये है IMF का बजट. 


पिछले वित्त वर्ष में पाकिस्तान को 86 अरब पाकिस्तानी रुपये का इंडायरेक्ट टैक्स मिला था, जोकि डायरेक्ट टैक्स से करीब 280 फीसदी कम रहा. ऐसे में सैलरीड लोगों पर ज्यादा टैक्स लगाकर शरीफ सरकार अपनी कमाई तो बढ़ा लेगी. लेकिन अवाम की नाराजगी का उसे सामना करना पड़ेगा. 
.
इसी बजट में पाकिस्तान सरकार ने अपने रक्षा बजट में 318 अरब रुपये का इजाफा किया है, और इसका बोझ अब जनता पर डाला जा रहा है. जिससे पाकिस्तान में हाहाकार मच गया है. ब्यूरो रिपोर्ट