हाफिज सईद अभी खुले में सांस नहीं ले पाएगा, कोर्ट ने 30 दिन का पहरा बढ़ाया
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हाफिज सईद अभी खुले में सांस नहीं ले पाएगा, कोर्ट ने 30 दिन का पहरा बढ़ाया

पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के न्यायिक समीक्षा बोर्ड ने मुम्बई हमले के षडयंत्रकर्ता और प्रतिबंधित जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद की नजरबंदी को गुरुवार को और 30 दिनों के लिए बढ़ा दिया.

आतंकवादी हाफिज सईद की फाइल तस्वीर.

लाहौर: पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के न्यायिक समीक्षा बोर्ड ने मुम्बई हमले के षडयंत्रकर्ता और प्रतिबंधित जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद की नजरबंदी को गुरुवार को और 30 दिनों के लिए बढ़ा दिया. हालांकि बोर्ड ने उनके चार सहयोगियों की हिरासत को बढ़ाने से इनकार कर दिया. सईद की 30 दिन की हिरासत अवधि 24 अक्टूबर से लागू होगी. सईद के सहयोगियों अब्दुल्ला उबैद, मलिक जफर इकबाल, अब्दुल रहमान आबिद और काजी काशिफ हुसैन को यदि किसी अन्य मामले में हिरासत में नहीं लिया गया तो वे 25 सितम्बर के हिरासत आदेश की समाप्ति पर मुक्त हो सकते है.

  1. पाकिस्तान की कोर्ट ने हाफिज सईद की नजरबंद की अवधि बढ़ाई
  2. कोर्ट ने हाफिज सईद की नजरबंदी को 30 दिनों के लिए बढ़ा दिया
  3. 30 दिन की हिरासत अवधि 24 अक्टूबर से लागू होगी

सईद और उनके चार सहयोगी लाहौर हाईकोर्ट में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गुरुवार को प्रांतीय न्यायिक समीक्षा बोर्ड के समक्ष पेश हुए. पंजाब न्यायिक समीक्षा बोर्ड के तीन सदस्यों में न्यायमूर्ति यावार अली (प्रमुख), न्यायमूर्ति अब्दुल समी और न्यायमूर्ति आलिया नीलम ने सुनवाई की. सुनवाई के बाद कोर्ट के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि पंजाब सरकार के गृह विभाग ने जन सुरक्षा कानून के तहत सईद और अन्य की हिरासत तीन महीने बढ़ाने का अनुरोध किया था. 

उन्होंने कहा, 'न्यायिक बोर्ड ने सरकार के विधि अधिकारी की दलीलों को सुनने के बाद उनके अनुरोध को नहीं माना और लाहौर में सईद की नजरबंदी की अवधि केवल 30 दिनों के लिए बढ़ाई.' उल्लेखनीय है कि पंजाब सरकार ने 31 जनवरी को सईद और अन्य चार को आतंकवाद निरोधक अधिनियम 1997 के तहत एहतियातन 90 दिनों के लिए हिरासत में लिया था. हालांकि हिरासत की अंतिम दो अवधि ‘जन सुरक्षा कानून’ के तहत बढ़ाई गई.

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इससे पहले पाकिस्तान सरकार ने आतंकवाद रोधी कानून के तहत मुंबई हमले के सरगना और जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद की नजरबंदी बढ़ाने के अनुरोध को शनिवार (14 अक्टूबर) को वापस ले लिया. सईद और उसके चार सहयोगियों को 31 जनवरी को पंजाब सरकार ने आतंकवाद रोधी कानून, 1997 के तहत 90 दिन के लिए एहतियातन नजरबंद किया था. तब से वे लोग नजरबंद हैं. पंजाब सरकार के गृह विभाग के एक अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट के संघीय न्यायिक समीक्षा बोर्ड से कहा कि सरकार को सईद और उसके चार सहयोगियों को अब और नजरबंद रखने की जरूरत नहीं है.

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बोर्ड ने सरकार के अनुरोध को स्वीकार कर लिया और मामले का निपटारा कर दिया. पंजाब सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार ने लोक व्यवस्था अध्यादेश 1960 के तहत सईद और चार अन्य की नजरबंदी 24 अक्तूबर तक बढ़ाई थी.  

इससे पहले पाकिस्तान की एक अदालत ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर सरकार पर्याप्त सबूत नहीं सौंपती है तो मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की हिरासत (हाउस अरेस्ट) समाप्त हो सकती है. आतंकवाद निरोधक अधिनियम के तहत जमात-उद-दावा के प्रमुख और उसके चार सहयोगियों को जनवरी में घर में नजरबंद (हाउस अरेस्ट) कर दिया गया था.

इनपुट: भाषा

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