स्वात घाटी में अपने घर पहुंचकर छलकीं मलाला की आंखें, 2012 में यहीं आतंकियों ने मारी थी गोली
Advertisement

स्वात घाटी में अपने घर पहुंचकर छलकीं मलाला की आंखें, 2012 में यहीं आतंकियों ने मारी थी गोली

सूत्रों ने बताया कि कड़ी सुरक्षा के बीच मलाला अपने माता- पिता के साथ खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात जिले में 31 मार्च को एक दिन के दौरे पर पहुंची हैं.

तालिबानी हमले के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसूफजई पहली बार पाकिस्तान लौटी हैं. (Reuters/30 March, 2018)

पेशावर: नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मलाला युसूफजई शनिवार (31 मार्च) को पाकिस्तान के स्वात घाटी में अपने पैतृक नगर पहुंचकर रो पड़ीं. लड़कियों की शिक्षा की वकालत करने वाली मलाला को साल 2012 में तालिबान के आतंकवादियों ने सिर में गोली मार दी थी. वह इस घटना के बाद पहली बार पाकिस्तान आई हैं. सूत्रों ने बताया कि कड़ी सुरक्षा के बीच 20 वर्षीय मलाला अपने माता- पिता के साथ खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात जिले में 31 मार्च को एक दिन के दौरे पर पहुंची हैं.

  1. नौ अक्तूबर, 2012 को स्वात घाटी में तालिबानी आतंकियों ने मलाला को गोली मार दी थी.
  2. घटना के बाद मलाला ब्रिटेन चली गयी जहां उनका इलाज बर्मिंघम में हुआ.
  3. मलाला फिलहाल ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा पूरी कर रही हैं.

5 साल बाद बचपन के दोस्तों मिलीं मलाला
पाकिस्तान की सूचना राज्य मंत्री मरियम औरंगजेब यात्रा के दौरान मलाला के साथ थीं. अपने पैतृक नगर में मलाला अपने बचपन के दोस्तों और शिक्षकों से पांच साल बाद मिलीं. सूत्रों ने बताया, “अपने लोगों से मिलकर मलाला की आंखों से आंसू छलक पड़े. वह अपने घर जाने और दोस्तों से मिलने के दौरान एकदम भावुक हो उठी थीं.” उन्होंने बताया कि मलाला थोड़ी देर तक अपने घर पर रुकने के बाद हवाई रास्ते से स्वात कैडेट कॉलेज गईं जहां उन्होंने एक समारोह को संबोधित किया. इसके अलावा सांगला जिले में लड़कियों के एक स्कूल का उद्घाटन भी किया.

अपने मुल्क लौटना चाहती हैं मलाला
जियो न्यूज को 30 मार्च को दिए एक साक्षात्कार में मलाला ने बताया था कि जैसे ही वह अपनी पढ़ाई पूरी कर लेंगी, वह स्थायी तौर पर पाकिस्तान वापस लौट आएंगी. मलाला ने कहा, “मेरी योजना पाकिस्तान लौटने की है क्योंकि यह मेरा देश है. जैसे किसी अन्य पाकिस्तानी नागरिक का अधिकार पाकिस्तान पर है, वैसे ही मेरा भी है.” उन्होंने पाकिस्तान आने पर खुशी जाहिर की और लड़कियों को शिक्षा मुहैया कराने के अपने मिशन पर जोर दिया.

2012 में तालिबान के आतंकियों ने मारी थी गोली
स्वात घाटी में लड़कियों की शिक्षा के लिए प्रचार करने के दौरान एक आतंकवादी ने मलाला को गोली मार दी थी. नौ अक्तूबर, 2012 को स्वात घाटी में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के बंदूकधारियों ने मलाला की स्कूल बस रोकी और उसमें घुस कर सवाल किया ‘‘मलाला कौन है?’’ जबाव मिलने पर उन्होंने उसे गोली मार दी. इस घटना ने लड़कियों की शिक्षा की पुरजोर वकालत करने वाली मलाला के दुनिया भर में मानवाधिकारों का प्रतीक बना दिया. मलाला पर हमला करने के बाद तालिबान ने यह कहते हुए एक बयान जारी किया था कि अगर मलाला जीवित बचती है तो वह उस पर दोबारा हमले करेंगे.

मलाला के सिर पर गोली लगी थी और घायल अवस्था में उन्हें हेलीकॉप्टर की मदद से पाकिस्तान के पेशावर स्थित एक सैन्य अस्पताल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसे चिकित्सीय कोमा में भेज दिया. इसके बाद एयर एंबुलेंस के माध्यम से मलाला को इलाज के लिए ब्रिटेन ले जाया गया, जहां उनका इलाज बर्मिंघम में हुआ और उसने अपनी स्कूली शिक्षा भी वहीं पूरी की. वह फिलहाल ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा पूरी कर रही हैं.

मलाला ने 11 साल की उम्र में शुरू किया लड़कियों की शिक्षा के लिए अभियान 
पूरी तरह से ठीक होने के बाद भी मलाला पाकिस्तान नहीं लौट पाई थीं. वह ब्रिटेन में रहती हैं और वहां मलाला फंड की स्थापना करके पाकिस्तान, नाइजीरिया, सीरिया और केन्या की लड़कियों की शिक्षा के लिए वहां के स्थानीय समूहों की मदद करती हैं. मलाला ने लड़कियों की शिक्षा के लिए अपना अभियान 11 साल की उम्र में शुरू किया था. उन्होंने साल 2009 में बीबीसी उर्दू सेवा के लिए ब्लॉग लिखना शुरू किया था. इसमें वह तालिबान के साये में स्वात घाटी के जीवन के बारे में लिखती थीं, जहां लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबंध था. लड़कियों की शिक्षा के विरोधी तालिबान ने पाकिस्तान में सैकड़ों स्कूल नष्ट कर दिए हैं.  

मलाला को 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार
मलाला को लड़कियों की शिक्षा की वकालत करने के लिए साल 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया. उन्हें भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी के साथ यह पुरस्कार दिया गया था. अब मलाला 20 साल की हो चुकी हैं. मात्र 17 साल की उम्र में वह नोबेल पुरस्कार हासिल करने वाली सबसे कम उम्र की कार्यकर्ता हैं.

Trending news