फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स द्वारा काली सूची में डाले जाने की आशंका के मद्देनजर हताश हुआ पाकिस्तान.
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नई दिल्ली: फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) द्वारा काली सूची में डाले जाने की आशंका के मद्देनजर हताश पाकिस्तान (Pakistan) ने पुरानी चाल चलते हुए वैश्विक निगरानी संस्था को गुमराह करना शुरू कर दिया है और हाल ही में आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने जैसी झूठी कहानी रची है. पाकिस्तान के आतंकवाद-रोधी विभाग (CTD) ने शुक्रवार को कहा कि उसने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा (JDU) के प्रमुख हाफिज सईद के चार सहयोगियों को पाकिस्तानी आतंकवादी एजेंसियों के अधिकारियों के खिलाफ एक आतंकी साजिश रचने के सिलसिले में गिरफ्तार किया है.
उससे पहले, सीटीडी ने भारत में कई हमलों के लिए जिम्मेदार संगठन जेयूडी से जुड़े दो आतंकवादियों को गिरफ्तार करने का दावा किया था.
विश्लेषकों का मानना है कि रविवार से शुरू होने वाली पेरिस में एफएटीएफ प्लेनरी की बैठक से कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान द्वारा सामने लाई गई ये बात मनगढंत है, क्योंकि इसने पहले भी विश्व समुदाय को गुमराह करने के लिए वह इस तरह की चाल चल चुका है.
छह दिवसीय बैठक के दौरान, एफएटीएफ इस बात की समीक्षा करेगा कि पाकिस्तान ने आतंकी फंडिंग और धन शोधन (मनी लॉन्डरिंग) पर रोक लगाने के लिए पर्याप्त काम किया है या नहीं जैसा कि उसे करने के लिए कहा गया था.
अनिवार्य मानकों को पूरा नहीं करने के लिए एफएटीएफ ने पाकिस्तान को पहले ही 'ग्रे लिस्ट' में रखा है और अगर इन अनिवार्य कदमों का अनुपालन नहीं किया गया तो देश को ब्लैक लिस्ट में डाल दिए जाने का खतरा है.
अगर 'ब्लैक लिस्ट' में रखा जाता है, तो विश्व बैंक और आईएमएफ जैसे अंतरार्ष्ट्रीय वित्तीय संगठनों द्वारा पाकिस्तान को सहायता और कर्ज से वंचित कर दिया जाएगा.
जून में अपने अंतिम प्लेनरी में, एफएटीएफ ने आतंक के वित्तपोषण पर लगाम लगाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने पर पाकिस्तान को फटकार लगाई थी और अक्टूबर तक आवश्यक मानकों का अनुपालन नहीं करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी थी.
वैश्विक निकाय ने अपने तीन दिवसीय विचार-विमर्श के बाद 22 जून को जारी एक बयान में कहा, "एफएटीएफ ने चिंता जाहिर की कि न केवल पाकिस्तान जनवरी की समयसीमा में अपनी कार्ययोजना को पूरा करने में विफल रहा, बल्कि मई 2019 तक की कार्ययोजना को भी पूरा करने में नाकाम रहा है."
इसके करीब एक महीने बाद, 17 जुलाई को पाकिस्तान के आतंकवाद-रोधी विभाग ने कहा कि उसने जेयूडी के शीर्ष सरगनाओं सईद और 13 अन्य को आतंकी वित्तपोषण के मामले में गिरफ्तार किया है.
2008 में मुंबई आतंकवादी हमलों का मास्टरमाइंड
सईद को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी सूची में डाला गया है और अमेरिका ने उस पर एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है. वह फिलहाल लाहौर के कोट लखपत जेल में है. सईद नवंबर 2008 में मुंबई आतंकवादी हमलों का मास्टरमाइंड भी है.
दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों के सिलसिले में सईद के खिलाफ मुकदमा चलाने का दावा करता है, लेकिन उसने अगस्त में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के समक्ष उसके मामले को रखते हुए उसे बैंक खाते तक पहुंच की इजाजत देने का आग्रह किया.
संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति को लिखे एक पत्र में, पाकिस्तान सरकार ने निवेदन किया कि सईद को 'अपने और अपने परिवार के लिए आवश्यक खर्चो को पूरा करने के लिए' मासिक 1.5 लाख पाकिस्तानी रुपये की राशि निकालने की अनुमति दी जाए.