'पाकिस्तान का संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दा उठाना मियां की दौड़ मस्जिद तक जैसा'
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'पाकिस्तान का संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दा उठाना मियां की दौड़ मस्जिद तक जैसा'

पाकिस्तान के नये प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी इस हफ्ते संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज 23 सितंबर को महासभा को संबोधित करेंगी.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन. (फाइल फोटो)

संयुक्त राष्ट्र: भारत के एक शीर्ष राजनयिक ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दा उठाने का उसका फैसला, जिसपर वहां दशकों से चर्चा नहीं हुई है, ‘मियां की दौड़ मस्जिद तक’ जैसा है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने शनिवार (16 सितंबर) को यहां संवाददाताओं से कहा कि दूसरी तरफ भारत का ध्यान सोमवार (18 सितंबर) से शुरू हो रहे संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के दौरान प्रगतिशील, अग्रोन्मुखी एजेंडे पर है. अकबरुद्दीन ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की कश्मीर मुद्दा उठाने की योजना से जुड़ी खबरों को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मैंने हमारे रुख में यह बात रेखांकित की है जोकि प्रगतिशील, आगे की तरफ देखने से जुड़ी है. हम अपने लक्ष्यों को लेकर दूरदर्शी हैं. अगर दूसरी तरफ ऐसे दूसरे देश हैं जो आपके अनुसार, गुजरे कल के मुद्दों पर ध्यान देते हैं तो वे गुजरे कल में जीने वाले लोग हैं.’’

पाकिस्तान के नये प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी इस हफ्ते संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज 23 सितंबर को महासभा को संबोधित करेंगी. अकबरुद्दीन ने उर्दू के एक लोकप्रिय मुहावरे का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘अगर वे (पाकिस्तान) ऐसे मुद्दे पर ध्यान देते हैं जो संयुक्त राष्ट्र में दशकों से चर्चा की मेज से दूर रहा है, सालों से नहीं बल्कि दशकों से....... अगर वे इसी पर ध्यान देना चाहते हैं, तो ठीक है. उनके लिए यह मियां की दौड़ मस्जिद तक जैसा है.’’ इससे एक दिन पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि अब्बासी संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दा उठाएंगे.

जैश प्रमुख अजहर को लेकर फैसले की घड़ी नजदीक, संयुक्त राष्ट्र के भरोसे नहीं हैं: भारत

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पर फैसले की घड़ी नजदीक आ रही है, भले ही संयुक्त राष्ट्र उसके खिलाफ कार्रवाई करने की अनुमति दे या न दे. उन्होंने शनिवार (16 सितंबर) को चेतावनी भरे शब्दों में कहा, "हम अजहर का पीछा करेंगे. इस बारे में निश्चिंत रहें. फैसले की घड़ी नजदीक है." चीन ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंध लगाने में रुकावट डालकर हमेशा आतंकवादी अजहर की सहायता की है, जो 2016 में पंजाब के पठानकोट वायु सेना अड्डे पर हमले का मस्टरमाइंड है. इस हमले में सात भारतीय मारे गए थे.

यहां एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान इस बारे में पूछे जाने पर अकबरुद्दीन ने यह कहते हुए इस बारे में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि यह मामला संयुक्त राष्ट्र समिति के सामने लंबित है. हालांकि, उन्होंने पाकिस्तान में रह रहे अजहर को सीधे तौर पर चेतावनी दी. पिछले महीने चीन ने ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका द्वारा अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने और प्रतिबंध लगाकर उसकी संपत्तियों को जब्त करने व उसकी अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को रोक दिया था.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने यहां कहा, ‘न्यायिक शब्दों में कहें तो यह मामला विचाराधीन है. इस समय यह मामला संयुक्त राष्ट्र की समिति के समक्ष है. हम उम्मीद करते हैं कि समिति मसूद अजहर को आतंकी का दर्जा देने की अपनी भूमिका निभाएगी. हमने कई बार उसे आतंकी घोषित करवाने की कोशिश की है लेकिन अब तक इसमें सफलता नहीं मिली है.’

पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित करवाने के भारत के प्रस्ताव को अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन का समर्थन है. अगस्त में चीन ने इस प्रस्ताव पर अपनी तकनीकी रोक की अवधि को तीन माह का विस्तार दे दिया था. यदि चीन ने रोक को यह विस्तार नहीं दिया होता तो अजहर स्वत: ही संयुक्त राष्ट्र की ओर से एक आतंकी घोषित हो जाता. चीन की तकनीकी रोक की अवधि दो नवंबर को खत्म हो रही है.

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