इस्‍लामाबाद/ नई दिल्‍ली : जैसी कि संभावना जताई जा रही थी कि पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने पनामा गेट मामले में उनको दोषी करार देते हुए पीएम पद के अयोग्य करार दिया गया. ऐसे में उन्हें गद्दी छोड़नी होगी. शरीफ को भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग केस में भी दोषी करार दिया गया है.  पाकिस्तान के वित्त मंत्री इसहाक डार को भी अयोग्य घोषित किया. इस मामले में पांच जजों की बैंच ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया. खबरों की मानें तो रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री होंगे.सुप्रीम कोर्ट ने एनएबी को आदेश दिया है कि वे दो हफ्तों के अंदर नवाज शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ केस दायर करें. सुप्रीम कोर्ट ने नवाज शरीफ को पद से तुरंत इस्तीफा देने का आदेश दिया है.


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सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति के अपने फैसले में आदेश दिया कि शरीफ के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए तथा यह भी कहा कि शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ मामले को जवाबदेही अदालत के पास भेजा जाए. शीर्ष अदालत ने यह भी आदेश दिया कि राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (नैब) छह महीने के भीतर मामले का निपटारा करेगा. इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने शरीफ को पद के अयोग्य ठहरा दिया. जजों ने फैसला सुनाया कि प्रधानमंत्री ससंद एवं अदालतों के प्रति ईमानदार नहीं रहे और उनको पद के लिए उपयुक्त नहीं समझा जा सकता. यह फैसला उसी पांच सदस्यीय पीठ ने सुनाया जिसने इस साल जनवरी से मामले की सुनवाई की थी. पीठ में न्यायमूर्ति आसिफ सईद खोसा, न्यायमूर्ति एजाज अफजल खान, न्यायमूर्ति गुलजार अहमद और न्यायमूर्ति शेख अजमत सईद और न्यायमूर्ति एजाजुल अहसन हैं. न्यायमूर्ति खान ने सर्वोच्च न्यायालय के कोर्ट नंबर-एक में फैसला पढ़कर सुनाया.


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान ने कहा कि वह पनामागेट मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे देंगे और राजनीति छोड़ देंगे. उनकी इस घोषणा से उनके समर्थक और सत्तारूढ़ पीएमएल-एन स्तब्ध है. उनके विरोधियों ने जिस तरह से उन्हें शरीफ से दूर रखा उस पर उन्होंने बेहद नाराजगी जताई है.


नवाज शरीफ की गद्दी गई, पढ़िए क्‍या है 'पनामा पेपर लीक मामला'?


लंदन में संपत्ति बनाने का आरोप था..


शरीफ पर लंदन में संपत्ति बनाने का आरोप था और इसका खुलासा पिछले साल पनामा पेपर लीक में हुआ था. नवाज शरीफ पाकिस्तान के रिकॉर्ड तीन बार प्रधानमंत्री बने हैं. शरीफ के परिवार के विदेश में संपत्ति अर्जित करने के आरोपों की जांच के लिए संयुक्त जांच दल (जेआईटी) का गठन किया गया था और जेआईटी ने 10 जुलाई को अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंप दी थी.


यह मामला 1990 के दशक में उस वक्त मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए लंदन में सपंत्तियां खरीदने से जुड़ा है जब शरीफ दो बार प्रधानमंत्री बने थे. शरीफ के परिवार की लंदन में इन संपत्तियों का खुलासा पिछले साल पनामा पेपर्स लीक मामले से हुआ. इन संपत्तियों के पीछे विदेश में बनाई गई कंपनियों का धन लगा हुआ है और इन कंपनियों का स्वामित्व शरीफ की संतानों के पास है. इन संपत्तियों में लंदन स्थित 4 महंगे फ्लैट शामिल हैं.


रिकॉर्ड तीन बार प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाले...


पाकिस्तान में रिकॉर्ड तीन बार प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालने वाले शरीफ को भ्रष्टाचार एवं मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में दोषी ठहराया गया. वह पाकिस्तान के सबसे रसूखदार सियासी परिवार और सत्तारूढ़ पार्टी पीएमएल-एन के मुखिया हैं. शरीफ के पिछले दो कार्यकाल तीसरे साल में खत्म हो गए थे. इस्पात कारोबारी-सह-राजनीतिज्ञ शरीफ पहली बार 1990 से 1993 के बीच प्रधानमंत्री रहे. उनका दूसरा कार्यकाल 1997 में शुरू हुआ जो 1999 में तत्कालीन सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ द्वारा तख्तापलट किए जाने के बाद खत्म हो गया.


संयुक्त जांच दल ने लगाए थे ये आरोप...


सुप्रीम कोर्ट ने शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए इसी साल मई में संयुक्त जांच दल (जेआईटी) का गठन किया था. जेआईटी ने गत 10 जुलाई को अपनी रिपोर्ट शीर्ष अदालत को सौंपी थी. जेआईटी ने कहा कि शरीफ और उनकी संतानों की जीवनशैली उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से कहीं ज्यादा विस्तृत थी और उसने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का नया मामला दर्ज करने की अनुशंसा की थी. शरीफ ने जेआईटी की रिपोर्ट को खारिज करते हुए इसे ‘बेबुनियाद आरोपों का पुलिंदा’ करार दिया था और पद छोड़ने से इनकार किया था. बीते 21 जुलाई को शीर्ष अदालत ने सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.