'पाकिस्तान को बदलते भू-राजनीतिक माहौल के हिसाब से तेजी से ढलना होगा'
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'पाकिस्तान को बदलते भू-राजनीतिक माहौल के हिसाब से तेजी से ढलना होगा'

बैठक के दौरान राजनयिकों ने दक्षिण एशिया और अफगानिस्तान को लेकर अमेरिकी नीति पर चर्चा की और अमेरिका में पाकिस्तान के उच्चायुक्त एजाज अहमद चौधरी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों के बाद की स्थिति के बारे में जानकारी दी.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ. (फाइल फोटो)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने गुरुवार (7 सितंबर) को कहा कि दुनिया की भू-राजनीतिक स्थिति बड]sदलाव के दौर से गुजर रही है और पाकिस्तान को तत्काल अपनी स्थिति की समीक्षा और दिशा तय करने की जरूरत है. पाकिस्तानी राजनयिकों की तीन दिवसीय बैठक के अंतिम दिन क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों में हो रहे ‘बदलावों’ का हवाला देते हुए उन्होंने विश्व में हो रहे भू-राजनीतिक परिवर्तन को अभूतपूर्व बताया. उन्होंने कहा, ‘‘संभवत: दूसरे विश्व युद्ध के बाद भी इस तरह के परिवर्तन देखने को नहीं मिले थे. नये समूह बन रहे हैं, रणनीतिक नीतियां देश के हितों पर हावी हो रही हैं.’’ बैठक के दौरान राजनयिकों ने दक्षिण एशिया और अफगानिस्तान को लेकर अमेरिकी नीति पर चर्चा की और अमेरिका में पाकिस्तान के उच्चायुक्त एजाज अहमद चौधरी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों के बाद की स्थिति के बारे में जानकारी दी.

ख्वाजा आसिफ की चेतावनी, 'शर्मिंदगी' से बचने के लिये पाकिस्तान का आतंकी समूहों पर लगाम लगाना जरूरी

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने चेतावनी दी है कि अगर लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों पर लगाम नहीं लगाई गई तो देश शर्मिंदगी का सामना करता रहेगा. आसिफ का बयान चीन समेत ब्रिक्स के पहली बार पाकिस्तान से संचालित हो रहे लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) जैसे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधित संगठनों का नाम लिये जाने के दो दिन बाद आया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकवादी समूहों के लिये 'पनाह' होने के लिये पाकिस्तान की आलोचना की थी. आसिफ ने पाकिस्तान से संचालित लश्कर-ए-तैयबा और जेईएम समेत अन्य प्रतिबंधित अंतरराष्ट्रीय आतंकवा​दी संगठनों के अस्तित्व को स्वीकार किया.

आसिफ ने मंगलवार (5 सितंबर) को जियो न्यूज से बातचीत में कहा, 'हमें अपने मित्रों से कहने की आवश्यकता है कि हमने अपना बर्ताव सुधार लिया है. हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी का सामना करने से बचने के लिये अपने तौर-तरीके में सुधार करना है.' आसिफ का बयान चीनी नेतृत्व से मिलने के लिये अपनी बीजिंग यात्रा से कुछ दिन पहले आया है. आसिफ के अनुसार ब्रिक्स घोषणापत्र को चीन का आधिकारिक रुख नहीं समझा जाना चाहिये क्योंकि रूस, भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका भी समूह का हिस्सा हैं.

श्यामन में ब्रिक्स घोषणा पत्र में लश्कर-ए-तैयबा और जेईएम को शामिल किया जाना पाकिस्तान के लिये झटका माना जा रहा है क्योंकि चीन ने पिछले साल गोवा में ब्रिक्स की बैठक में परिणामी दस्तावेज में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों का नाम लिये जाने के प्रयासों को अवरुद्ध किया था. हालांकि आसिफ ने कहा, 'मित्रों की हमेशा परीक्षा नहीं ली जानी चाहिये, खासतौर पर बदले हुए परिदृश्य में. इसकी बजाय हमें लश्कर और जैश जैसे तत्वों की गतिविधियों पर कुछ पाबंदी लगानी चाहिये ताकि हम विश्व समुदाय को दिखा सकें कि हमने अपनी व्यवस्था में सुधार किया है.' उन्होंने दोहराया कि पाकिस्तान को अपनी चीजें ठीक करनी चाहिए क्योंकि पूरी दुनिया हमारी तरफ ऊंगली उठा रही है.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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