पाकिस्तान: सुप्रीम कोर्ट ने डेनियल पर्ल की हत्या के आरोपियों की रिहाई पर लगाई रोक
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पाकिस्तान: सुप्रीम कोर्ट ने डेनियल पर्ल की हत्या के आरोपियों की रिहाई पर लगाई रोक

पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की 2002 में अपहरण एवं हत्या के मुख्य आरोपी एवं अलकायदा के ब्रिटेन में जन्मे सरगना अहमद उमर सईद शेख और उसके तीन सहयोगियों की रिहाई पर सोमवार को रोक लगा दी.

फ़ाइल फोटो

इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के उच्चतम न्यायालय ने अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की 2002 में अपहरण एवं हत्या के मुख्य आरोपी एवं अलकायदा के ब्रिटेन में जन्में सरगना अहमद उमर सईद शेख और उसके तीन सहयोगियों की रिहाई पर सोमवार को रोक लगा दी.

अप्रैल में सिंध उच्च न्यायालय की दो न्यायाधीशों की खंडपीठ ने 46 वर्षीय शेख की मौत की सजा सात वर्ष कारावास में तब्दील कर दी थी. अदालत ने साथ ही उसके तीन सहयोगियों को भी बरी कर दिया था जो मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे. शेख की दोषसिद्धि को सिंध उच्च न्यायालय द्वारा पलटने के दो दिन बाद सिंध सरकार ने चारों दोषियों को जेल में रखने के लिए लोक व्यवस्था के रखरखाव के कानून का इस्तेमाल किया. उनके जेल में रहने की अवधि 30 सितम्बर को समाप्त होनी है.

सिंध सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में एक अपील दायर की. पर्ल के अभिभावकों ने भी आरोपियों को रिहा करने के उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में एक अपील दायर की. न्यायमूर्ति मुशीर आलम के नेतृत्व वाली उच्चतम न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सिंध सरकार और पर्ल के अभिभावकों की याचिकाओं को मंजूर करते हुए सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किये.

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‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख पर्ल का 2002 में उस समय अपहरण करके हत्या कर दी गई थी जब वह आईएसआई और अलकायदा के बीच कथित संबंधों को लेकर एक स्टोरी कर रहे थे. सिंध सरकार के वकील फारुक नाइक ने अपनी दलील में कहा कि शेख को एक टैक्सी चालक ने पहचाना था. वह और 23 अन्य गवाह प्रमुख आरोपी एवं अन्य के खिलाफ आरोपों को साबित करने के लिए निचली अदालत में पेश हुए थे.

उन्होंने कहा कि अपहरण का अपराध सिंध उच्च न्यायालय में सिद्ध हुआ था जिसने फिरौती एवं हत्या के आरोपों को खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय को कोई अस्पष्टता होने पर फिर से सुनवायी के लिए कहना चाहिए था. नाइक ने कहा, ‘मैं सिंध उच्च न्यायालय के निर्णय को निलंबित करने का आग्रह करता हूं.’ अदालत ने सुनवायी एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दी.

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