आयरलैंड में कैथोलिक परिवार रैली के समापन पर पत्रकारों से बात करते हुए फ्रांसिस ने कहा, ‘‘समलैंगिक और समलैंगिक प्रवृत्तियों वाले लोग हमेशा से रहे हैं."
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नॉकः समलैंगकिता के विषय पर पोप फ्रांसिस का कहना है कि समलैंगिक बच्चों के अभिभावक उनकी (बच्चों की) निंदा ना करें, उनके सेक्सुअल ऑरिएंटेशन की अनदेखी ना करें और ना ही उन्हें घर से बाहर निकालें, जो वह हैं उसके लिए उन्हें सजा न दें, बल्कि उनके लिए प्रार्थना करें, उनसे बातें करें और उन्हें समझने की कोशिश करें. आयरलैंड में कैथोलिक परिवार रैली के समापन पर पत्रकारों से बात करते हुए फ्रांसिस ने कहा, ‘‘समलैंगिक और समलैंगिक प्रवृत्तियों वाले लोग हमेशा से रहे हैं."
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युवक के समलैंगिक होने की बात अलग है
फ्रांसिस से पूछा गया था कि वह एक ऐसे पिता को क्या सलाह देंगे जिसको पता चले की उसका बच्चा समलैंगिक है. पोप ने कहा कि सबसे पहले वह प्रार्थना करने का सुझाव देंगे. ‘‘उनकी निंदा ना करें. उनसे बात करें, उन्हें समझे, बच्चे को समय दें ताकि वह अपने बारे में खुल कर बात कर सकें.’’ फ्रांसिस ने कहा कि बच्चे के ‘‘चिंताजनक’’ दिखने पर जरूरी है कि मनोवैज्ञानिक की भी मदद ली जाए, लेकिन किसी युवक के समलैंगिक होने की बात सामने आना एक अलग बात है.
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बच्चों की अनदेखी, मातृत्व और पितृत्व में कमी
उन्होंने उन अभिभावकों से शांति से काम लेने की अपील की, जिनके बच्चे समलैंगिक हैं या हो सकते हैं. फ्रांसिस ने कहा, ‘‘ऐसे बच्चों की अनदेखी करना मातृत्व एवं पितृत्व की कमी को दर्शाता है. ऐसी स्थिति में बच्चों का साथ देना जरूरी है ना कि उन्हें सजा देना.’’ फ्रांसिस ने कहा कि ऐसे बच्चों को अधिकार है कि उन्हें परिवार का प्रेम मिले और ऐसा परिवार मिले जो उन्हें बाहर ना निकाले. बल्कि हर परिस्थिति में परिवार बच्चों के साथ हो. (इनपुटः भाषा)