NASA ने सूर्य की ओर जाने वाले ऐतिहासिक अंतरिक्ष यान का प्रक्षेपण 24 घंटे टाला
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NASA ने सूर्य की ओर जाने वाले ऐतिहासिक अंतरिक्ष यान का प्रक्षेपण 24 घंटे टाला

नासा ने तारों के चमचमाते वातावरण और उसके रहस्यों का खुलासा करने के लिए सूर्य की ओर सीधे उड़ान भरने वाले अपनी तरह के पहले अंतरिक्ष यान का प्रक्षेपण कल तक के लिए टाल दिया है.

प्रक्षेपण से कुछ मिनटों पहले गैसीय हीलियम अलार्म बजने के बाद इसे टाला गया.(फोटो- NASA)

टम्पा (अमेरिका): नासा ने तारों के चमचमाते वातावरण और उसके रहस्यों का खुलासा करने के लिए सूर्य की ओर सीधे उड़ान भरने वाले अपनी तरह के पहले अंतरिक्ष यान का प्रक्षेपण कल तक के लिए टाल दिया है. अधिकारियों ने बताया कि विलंब के कारण का तत्काल पता नहीं चल सका है लेकिन प्रक्षेपण से कुछ मिनटों पहले गैसीय हीलियम अलार्म बजने के बाद इसे टाला गया. इंजीनियर इसकी जांच के लिए अत्यधिक सावधानी बरत रहे हैं. नासा के विज्ञान मिशन निदेशालय के प्रमुख थॉमस जुर्बुचेन ने कहा कि यह मिशन एजेंसी का ‘‘रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मिशन’’ में से एक है. नासा ने कहा कि यदि प्रक्षेपण के लिए 60 प्रतिशत स्थितियां अनुकूल होती है तो रविवार को तड़के स्थानीय समयानुसार तीन बजकर 31 मिनट पर प्रक्षेपण किया जा सकता है.

इतिहास में पहली बार सूर्य के करीब आकर मानव रहित जांच का मुख्य उद्देश्य परिमंडल, सूर्य के आसपास के असामान्य वातावरण के रहस्यों का खुलासा करना है. 

आखिर क्या है सूर्य का रहस्य, जानने के लिए NASA ने शुरू की ये पहल 
सूर्य के प्रचंड तापमान वाले वातावरण को टटोलने और इस तारे तक मानवों के पहले मिशन के उद्देश्य से डेढ अरब डॉलर के नासा के अंतरिक्षयान के प्रक्षेपण की आज उल्टी गिनती शुरू हुई. कार के आकार का अंतरिक्षयान ‘पारकर सोलर प्रोब’ कल तड़के फ्लोरिडा के केप केनवरल से डेल्टा 4 हैवी राकेट के साथ प्रक्षेपित किया जाना है. नासा ने कहा कि प्रक्षेपण स्थानीय समयानुसार सुबह तीन बजकर 33 मिनट पर शुरू होगा और मौसम पूर्वानुमान 70 प्रतिशत प्रक्षेपण के पक्ष में है. इस यान का मुख्य लक्ष्य सूर्य की सतह के आसपास के असामान्य वातावरण के गूढ रहस्यों का पता लगाना है. सूर्य की सतह के ऊपर का क्षेत्र (कोरोना) का तापमान सूर्य की सतह के तापमान से करीब 300 गुना ज्यादा है

मिशीगन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और परियोजना वैज्ञानिकों में शामिल जस्टिन कास्पर ने कहा, ‘‘पारकर सोलर प्रोब हमें इस बारे में पूर्वानुमान लगाने में बेहतर मदद करेगा कि सौर हवाओं में विचलन कब पृथ्वी को प्रभावित कर सकता है.’’ इस यान को केवल साढे चार इंच (11.43 सेंटीमीटर)मोटी ऊष्मा रोधी शील्ड से सुरक्षित किया गया है जो इसे सूर्य के तापमान से बचाएगी. 

NASA के मिशन में भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स को मिली यह बड़ी जिम्मेदारी
नासा ने भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स सहित ऐसे नौ लोगों का नाम नामित किया है जो व्यावसायिक रूप से उपलब्ध रॉकेट एवं कैप्सूल के जरिये अंतरिक्ष जाने के पहले मिशन के लिये उड़ान भरेंगे. अभियान अगले साल शुरू होगा. नेशनल एस्ट्रोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने कई वर्ष पहले इस यान के विकास एवं निर्माण का विचार किया था और अब वह वाणिज्यिक अंतरिक्ष यान के जरिये अंतरिक्षयात्रियों को भेजने जा रहा है. अंतरिक्ष एजेंसी ने कल घोषणा की कि पहले प्रायोगिक यान पर नौ अंतरिक्षयात्रियों को भेजा जायेगा. नये अंतरिक्षयान का निर्माण एवं इसका संचालन बोइंग कंपनी और स्पेसएक्स ने किया है. नासा ने ट्वीट किया, ‘‘भविष्य के कमर्शियल क्रू के अंतरिक्षयात्री स्पेस एक्स एंड बोइंगस्पेस के सहयोग से निर्मित यान के जरिये अंतरिक्ष की यात्रा पर निकलेंगे. ’’

नासा के प्रशासक जिम ब्राइडन्सटाइन ने ‘लांच अमेरिका’ घोषणा के दौरान कहा, ‘‘हमलोग अमेरिकी अंतरिक्षयात्रियों को अमेरिकी सरजमीं से अमेरिकी रॉकेट से भेजने के कगार पर हैं. ’’ नासा के आठ सक्रिय अंतरिक्षयात्री और एक पूर्व अंतरिक्षयात्री एवं वाणिज्यिक चालक दल के सदस्य को वर्ष 2019 की शुरुआत में बोइंग सीएसटी-100 स्टारलाइनर एवं स्पेसएक्स ड्रैगनकैप्सूल्स से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन भेजा जायेगा.

ब्राइडन्सटाइन ने कहा, ‘‘आज अंतरिक्ष के क्षेत्र में महान उपलब्धि हासिल करने के हमारे देश का सपना हमारी मुट्ठी में है.  अंतरिक्ष के महारथी इन अमेरिकी अंतरिक्षयात्रियों का यह समूह हमारे वाणिज्यिक सहयोगी बोइंग एवं स्पेसएक्स द्वारा निर्मित नये अंतरिक्षयान पर उड़ान भरेगा, जो मानव अंतरिक्षयान के युग में नयी शुरुआत होगी. ’’

उन्होंने कहा कि यह घोषणा ‘‘हमारे महान अमेरिकी दृष्टिकोण’’ को आगे बढ़ाती है और अंतरिक्ष के क्षेत्र में अमेरिकी नेतृत्व को मजबूती प्रदान करती है. इन नौ अंतरिक्षयात्रियों में सुनीता विलियम्स (52), जोस कसाडा (45) नासा के पहले अनुबंधित स्टारलाइनर अभियान के लिये उड़ान भरेंगी.  कसाडा की यह पहली अंतरिक्ष की उड़ान होगी, जबकि विलियम्स इससे पहले अंतरिक्ष स्टेशन में 321 दिन बीता चुकी हैं.

नासा के अंतरिक्षयात्री रॉबर्ट बेहंकेन (48) और डगलस हर्ले (51) स्पेसएक्स के पहले ड्रैगन क्रू के तौर पर एकसाथ उड़ान भरेंगे. नासा के अंतरिक्षयात्री एरिक बोए (53) और निकोल मैन (41) इसी यान के शटल अभियान के कमांडर के रूप में जायेंगे.  पूर्व अंतरिक्षयात्री एवं बोइंग के कार्यकारी क्रिस्टोफर फर्ग्युसन (56) स्टारलाइनर प्रायोगिक यान के सदस्य होंगे. 

इसे फ्लोरिडा में केप केनावेरल वायुसेना अड्डे में कॉम्प्लेक्स 41 से यूनाइटेड लांच अलायंस एटलस वी रॉकेट के जरिये भेजा जायेगा. इसके अलावा विक्टर ग्लोवर (42) और माइकल होपकिंस (49) स्पेसएक्स के ड्रैगन के पहले संचालन अभियान पर उड़ान भरेंगे. 

इनपुट भाषा से भी 

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