Turkey deadly earthquake: तुर्की में भूकंप ने कब्रिस्तान में बदले मोहल्ले, जिंदगी की तलाश के बीच रेस्क्यू की तस्वीरें रुला देंगी
Turkey Disaster Earthquake: सोमवार की सुबह तुर्की (Turkey) और सीरिया (Syria) में 7.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया. कुदरत की ये आफत लोगों के सिर पर उस वक्त टूटी जब वो अपने आरामदायक बिस्तर में सो रहे थे. इस भयावाह प्राकतिक आपदा (Natural disaster) में पलक झपकते ही सैकड़ों लोग मौत के आगोश में समा गए. स्थानीय प्रशासन के मुताबिक अबतक 10000 से ज्यादा इमारते बर्बाद हो चुकी हैं. वहीं मरने वालों का आंकड़ा (Death Toll) भी लगातार बढ़ता ही जा रहा है. चारों तरफ मातम पसरा है, लोगों की आखें नम हैं और फिर भी किसी चमत्कार की आस में मलबे में दबी जिंदगी की तलाश जारी है. इस बीच रेस्क्यू ऑपरेशन की मार्मिक तस्वीरें लोगों की पलकों को बरबस भिगो दे रही हैं.
तुर्किए में सदी की सबसे बड़ी तबाही

तुर्की में राहत और बचाव का काम जारी है. अब तक हजारों इमारतें मलबे में तब्दील हो गई है. ये आपदा इस सदी की सबसे बड़ी त्रासदी में से एक बन गई है. तुर्की में आए इस भूकंप की वजह से करीब 5000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है.
तबाही के निशान

कभी दुनिया की खूबसूरत इमारतों में शुमार तुर्की की बिल्डिंगे जमीदोंज हो चुकी है. चारों ओर तबाही का मंजर है. माना जा रहा है कि सैकड़ों लोग अभी भी मलबे के नीचे फंसे हुए हैं. बचावकर्मी तबाह हुए शहरों में मलबे के ढेर के बीच जीवित बचे लोगों की तलाश कर रहे हैं.
अपनों से बिछड़े लोग

इस प्राकतिक आपदा में हजारों लोग अपनों से बिछड़ गए हैं. जिनमें से कई मासूम बच्चे भी हैं. लोगों की चीखपुकार पत्थर को भी पिघला देने के लिए काफी है.
सब कुछ खत्म हो गया

भूकंप के बाद लोगों को लगातार सैकड़ों ऑफ्टर शॉक्स का सामना करना पड़ा. उनकी तीव्रता भी भयानक रही.
'अब ताकत नहीं है'

तुर्की के शहरों के साथ-साथ सीरिया के अलेप्पो और हमा शहरों में भी हजारों इमारतें ढह गईं. सैकड़ों लोगों की जान चली गई तो कई लोगों ने अपने रिश्तेदारों को खो दिया. वहीं अदाना सिटी के एक निवासी ने कहा, 'घर के पास तीन इमारतें गिर गईं. अब और ताकत नहीं है मेरे पास लोगों को बचाने की.'
जिंदगी की जंग

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने कहा, 'चूंकि भूकंप क्षेत्र में कई इमारतों में मलबा हटाने का काम जारी है. इसलिए हम नहीं जानते कि मृतकों और घायलों की संख्या कितनी बढ़ जाएगी. हमें उम्मीद है कि इस आपदा से हम जरूर उबरेंगे.'
ये कैसा मंजर?

कई देशों ने तुर्की की मदद के लिए मानवीय सहायता भेजी है. भारत से भी मदद की एक बड़ी खेप गई है.

तुर्किये में भूकंप के झटकों ने तबाही मचा दी. 5000 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई. पहला भूकंप सीरियाई सीमा के पास स्थित गजियांतेप के नजदीक आया. रिक्टर पैमाने पर 7.8 तीव्रता के इस भूकंप को ब्रिटेन तक महसूस किया गया. 9 घंटे बाद तुर्किये दूसरे भूकंप से थर्राया जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.5 थी. कई बिल्डिंगे धराशाई हो गईं उनमें से कई तो आधुनिक इमारतें थीं जिनका निर्माण ढांचे के ‘पैनकेक मॉडल’ के आधार पर किया गया था लेकिन यह मॉडल भूकंप के आगे नाकाम साबित हुआ.
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