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Klete Keller: माइकल फेल्प्स को पछाड़ने वाले ओलंपिक विजेता को जानें, जिसने ट्रंप के लिए की हिंसा

हिंसा में शामिल रहने वाले लोगों की पहचान धीरे धीरे सामने आ रही है, जिसमें चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. इन्हीं नामों में से एक है क्लेट केलर का नाम.

कैपिटल हिल्स में हुई हिंसा को देख चौंकी पूरी दुनिया

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कैपिटल हिल्स में हुई हिंसा को देख चौंकी पूरी दुनिया

अमेरिका  की राजधानी वॉशिंगटन के कैपिटल हिल्स में हुई हिंसा को देख पूरी दुनिया चौंक गई थी. ये हिंसा डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने उस समय की थी, जब अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज करने वाले डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन को विजेता घोषित करने की प्रक्रिया चल रही थी. इस हिंसा में 5 लोगों की मौत गई थी. हालांकि अब हिंसा में शामिल रहने वाले लोगों की पहचान धीरे धीरे सामने आ रही है, जिसमें चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. इन्हीं नामों में से एक है क्लेट केलर का नाम.

बहुत बड़ा नाम था क्लेट केलर

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बहुत बड़ा नाम था क्लेट केलर

क्लेट केलर अमेरिका  के लिए दो-दो बार ओलंपिक पदक जीतने वाली तैराकी टीम के सदस्य थे. केलर ने तीन ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया और दो गोल्ड मेडल समेत 5 मेडल जीते. इस बीच एक क्षण ऐसा भी आया, जब पूरी दुनिया उनकी तेजी की दीवानी हो गई थी.

 

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फेल्प्स को पीछे छोड़ने की कहानी

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फेल्प्स को पीछे छोड़ने की कहानी

ओलंपिक खेलों की जननी कहे जाने वाले एथेंस शहर में 2004 में ओलंपिक खेलों का आयोजन हुआ. इन खेलों में सबकी नजरें अबतक के सबसे सफल तैराक माइकल फेल्प्स पर टिकी थी. यहां 4 गुणा 200 मीटिर की फ्रीस्टाइल रिले रेस के हीट्स में अमेरिकी टीम ने बाजी मारी. सबसे आगे नाम था माइकल फेल्प्स का. जो उन दिनों तैराकी के तिलिस्म माने जाते थे. हालांकि हीट्स में क्लेट केलर ने हिस्सा नहीं लिया था. वो टीम में थे. इसलिए उनका नाम किसी ने नहीं सुना था. 

...और फेल्प्स को छोड़ दिया पीछे

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...और फेल्प्स को छोड़ दिया पीछे

2004 के ओलंपिक खेलों में अमेरिकी 4 गुणा 200 मीटर फ्रीस्टाइल रिले टीम फाइनल में थी. पिछली बार ये टीम ऑस्ट्रेलिया से पिछड़ गई थी. जिसमें इयान थोर्पे जैसा धुरंधर था. और इस बार फिर से दोनों टीमें फाइनल में थी. नजरें थोर्पे और फेल्प्स पर ही टिकी थी. लेकिन फाइनल मुकाबला जब खत्म हुआ, तो दुनिया हैरान रह गई. थोर्पे ने अपनी प्रतिष्ठा के मुताबिक ही सबसे तेज समय निकाला था. लेकिन चैंपियन अमेरिकी टीम बनी थी. और उस अमेरिकी टीम में फेल्प्स सबसे तेज नहीं, बल्कि क्लेट केलर सबसे तेज साबित हुए थे. उन्होंने फेल्प्स को पीछे छोड़ दिया था. इस टीम ने स्वर्णिम सफलता की कहानी 2008 के बीजिंग ओलंपिक खेलों में भी दोहराई. लेकिन केलर के लिए आगे की राह बहुत मुश्किल थी.

साल 2011-2012 का समय रहा बुरा

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साल 2011-2012 का समय रहा बुरा

क्लेट केलर ने ओलंपिक खेलों में 5 मेडल जीते थे. लेकिन जब खेलों की दुनिया से उन्होंने सन्यास लिया, तो उनके सामने असल जिंदगी की परेशानियां खड़ी थी. महज 30 साल की उम्र में उनका तलाक हो चुका था. वो सबसे अमीर खिलाड़ियों में से एक होते हुए भी अपना सबकुछ गवां बैठे थे. केलर बेरोजगार हो गए और फिर बेघर भी. 

10 महीनों तक नहीं थी सर पर कोई छत

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 10 महीनों तक नहीं थी सर पर कोई छत

केलर ने एक इंटरव्यू में स्वीकार किया था कि तलाक के बाद वो पूरी तरह से टूट गए थे. न सिर्फ बेरोजगारी का दंश उन्हें घुटने पर ला चुकी थी, बल्कि वो बेघर भी हो चुके थे. उन्होंने करीब 10 महीने अपनी कार में ही रातें बिताई. जरा सोचिए, कि दो बार एथलेटिक्स  की दुनिया के सबसे बेहतरीन मैगजीर की कवर पर रहने वाले केलर किन परिस्थितियों से गुजर रहे थे. 

और अब आया कैपिटल हिल हिंसा में नाम

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और अब आया कैपिटल हिल हिंसा में नाम

केलर के बारे में कहा जा रहा है कि जिस भीड़ ने अमेरिका की संसद में खून बहाया. उसमें वो भी शामिल थे. वो ट्विटर पर भी लगातार डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन कर रहे थे. एक वीडियो में उनके होने की पहचान दर्ज हो चुकी है. मौजूदा समय में उन्होंने अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट बंद कर दिए हैं. लेकिन उनकी मुसीबतों का दरवाजा अभी बंद नहीं हुआ है. अब वो अपने जीवन के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं और हो सकता है कि उन्हें लंबा समय सलाखों के पीछे भी बिताना पड़े. 

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