आम तौर पर एनाटोमिकल पैथोलॉजी टेक्नोलॉजिस्ट और पैथोलॉजिस्ट द्वारा पोस्टमार्टम किया जाता है. पोस्टमार्टम के जरिए यह पता लगाया जाता है कि मौत की असल वजह क्या है. इस दौरान चोटों, निशान, मेडिकल आदि के बारे में भी विस्तृत रूप से रिपोर्ट तैयार की जाती है. जब एक बार पैथोलॉजिस्ट और एनाटोमिकल पैथोलॉजी टेक्नोलॉजिस्ट दोनों अपने निष्कर्षों से संतुष्ट हो जाते हैं तब जाकर रिपोर्ट तैयार की जाती है.
पैथोलॉजी टेक्नोलॉजिस्ट अलेक्जेंड्रिया ने बताया, पोस्टमार्टम करने के बाद और रिपोर्ट तैयार करने के बाद सभी अंगों को वापस बॉडी में रख दिया जाता है, फिर साफ लिनन में रखा जाता है और वापस फ्रिज में रखा जाता है. पूरी प्रक्रिया में लगभग एक घंटा लग सकता है, लेकिन यह केस पर निर्भर करता है.
अलेक्जेंड्रिया कहती हैं, यह बिल्कुल भी आसान काम नहीं है. हर बार मुश्किल रहती है. कई बार बॉडी क्षत विक्षत होती है, ऐसे में पोस्टमार्टम करना बेहद चैलेंजिग रहता है. उन्होंने कहा कि भावनात्मक तौर पर सुसाइड के मामलों में पोस्टमार्टम बेहद तकलीफदेह रहता है.
अलेक्जेंड्रिया ने खुलासा किया कि पोस्टमार्टम के दौरान कई बार रसोई के सामान का भी उपयोग भी करते हैं. स्पंज, चाकू, कैंची के साथ-साथ कई बार करछुल का भी उपयोग करते हैं. हालांकि, Specialist Equipment जैसे कि रिब शीयर, ऑसिलेटिंग आरी और टांके लगाने वाली सुई और धागे का उपयोग अहम है. ये सामान कई वर्षों तक बदला नहीं जाता यानी पुराने सामान से ही काम चलता रहता है.
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अलेक्जेंड्रिया कहती हैं इस काम में आप घड़ी नहीं देख सकते. एक दिन में छह-छह पोस्टमार्टम करने पड़ते हैं, साथ ही बड़ी कागजी कार्रवाई और सफाई भी करनी पड़ती है. मानसिक और शारीरिक तौर पर आपको बेहद मजबूत रहना पड़ता है. तमाम कठिनाइयों के बावजूद अलेक्जेंड्रिया कहती हैं मुझे अपना काम बेहद पसंद है.
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