India Pakistan War Atom Bomb News in Hindi: भारत पाकिस्तान युद्ध के बीच दोनों देशों के परमाणु हथियारों को लेकर चर्चा फिर चल पड़ी है. सबको ये जानने की उत्सकुता है कि हर वक्त परमाणु बम हमले की धमकी देने वाला पाकिस्तान आखिर इन्हें कहां छिपाकर रखता है.
पाकिस्तान आखिर इन्हें कहां छिपाकर रखता है. कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पाकिस्तान ने सरगोधा में परमाणु हथियारों का भंडार बनाकर रखा है. पाकिस्तान के पास जो एफ-16 लड़ाकू विमान हैं वो सरगोधा (मुशाफ) वायुसेना स्टेशन और शहबाज एयरबेस (जैकोबाबाद) पर तैनात हैं, जो सरगोधा वेपंस स्टोरेज कांप्लेक्स (Sargodha Weapons) की रखवाली करते हैं.
पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार ले जाने वाली कौन सी मिसाइलें है, ये भी जानना जरूरी है. पाकिस्तान के पास एटमी वॉरहेड के तौर पर इस्तेमाल लायक शाहीन-I/A (Hatf-4), नास्र (Hatf-9), अब्दाली (Hatf-2), गजनवी (Hatf-3), गौरी (Hatf-5) और शाहीन-2 (Hatf-6) मिसाइलें हैं.वो चीन की मदद से शाहीन-3 और अबाबील मिसाइल पर भी शोध विकास कार्य में लगा है.
बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स (Bulletin of the Atomic Scientists) की 11 सितंबर 2023 को रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी. इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान के पास 170 परमाणु हथियार हैं. Pakistan Nuclear Handbook Report 2023 पाकिस्तान सेना की छावनी, एयरबेस की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि उसने परमाणु हथियार कहां छिपा रखे हैं.
भारत के पास पाकिस्तान से कुछ ज्यादा 180 के करीब परमाणु हथियार हैं. फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स (Federation of American Scientists) की रिपोर्ट में ये अनुमान जताया गया है. पाकिस्तान जहां युद्ध में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के खइलाफ नहीं हैं. वहीं भारत ने कहा है कि वो पहले ऐसे नाभिकीय हथियारों का प्रयोग नहीं करेगा. हालांकि पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम में चीन बड़ा सहयोगी है. पाकिस्तान के परमाणु संयंत्रों को बनाने और अपग्रेड करने में वो मदद करता आया है.
पाकिस्तान के काहूटा और गडवाल में परमाणु संवर्धन संयंत्र हैं. इन जगहों पर परमाणु हथियारों में इस्तेमाल यूरेनियम तैयार किया जाता है. पाकिस्तान में काहूटा, वाह, चश्मा और खुशाब, नीलोर, फतेह जंग में परमाणु हथियारों में प्रयुक्त रेडियोएक्टिव पदार्थ तैयार किया जाता है.
पाकिस्तान ने पंजाब के खुशाब परमाणु संयंत्र में 4 हैवी वॉटर प्लूटोनियम प्रोडक्शन रिएक्टर लगाए हैं. खुशाब में परमाणु बम तैयार करने में प्रयुक्त प्लूटोनियम तैयार होता है. इस्लामाबाद के पास काला चिट्टा दार की पहाड़ियों में फतेह जंग में भी ऐसा खुफिया संयंत्र है. यहां पाकिस्तान परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइल और लांचर्स तैयार करता है. लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों से जुड़ा सिस्टम यहां तैयार होता है. 2023 की सैटेलाइट तस्वीरों में नस्र, शाहीन और बाबर मिसाइलों के लिए ढांचा यहां देखा गया था. पाकिस्तान तरनावा और तक्षशिला में मिसाइल लांचर का सिस्टम बनाता है.इस्लामाबाद के पश्चिमोत्तर में वाह क्षेत्र में पाकिस्तान की ऑर्डिनेंस फैक्टरी हैं.
बुलेटिन ऑफ एटॉमिक साइंटिस्ट्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के पास परमाणु हथियारों ले जाने वाले मिराज 3 और मिराज 5 फाइटर जेट हैं. पाकिस्तान वायुसेना के मिराज एयरबेस पर तैनात हैं. कराची के पास मसरूर और रफीकी एयरबेस पर भी मिराज लड़ाकू विमानों का बेड़ा है.मसरूर से 5 किलोमीटर दूर गोपनीय जगह में भी जमीन के भीतर बने बंकर में परमाणु हथियारों को रखा गया है.
पाकिस्तान के मिराज लड़ाकू विमान का दूसरा बड़ा ठिकाना रफीकी एयरबेस है, जो सोरकोट के नजदीक है. मिराज की दो टुकड़ियां यहां तैनात हैं. पाकिस्तान के पास चीन निर्मित JF-17 और अमेरिका से मिले F-16 लड़ाकू विमान हैं. अमेरिका शर्तों के कारण पाक एफ-16 को परमाणु हथियार हमले के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता.
रिपोर्ट में दावा है कि पाकिस्तान ने F-16 A/B के ढांचे में बदलाव किए हैं. F-16 विमान मुशाफ यानी सरगोधा एयरबेस पर तैनात हैं. ये लाहौर से क़रीब 160 किलोमीटर उत्तर पूर्व में है. लेकिन इस एयरबेस में परमाणु बम वाले हथियार नहीं हैं.माना जाता है कि मुशाफ एयरबेस से 10 किलोमीटर दूर सरगोधा वेपंस स्टोरेज कांप्लेक्स में उन्हें रखा गया है.पाकिस्तान के नए F-16C/D विमान शहबाज एयरबेस पर हैं, जो जैकबाबाद के नजदीक है. कुछ F-16 फाइटर जेट इस्लामाबाद के पास मिन्हास एयरबेस पर हैं.
परमाणु हथियार ले जाने वाली मिसाइलों के लिए पाकिस्तान ने पांच मिसाइल अड्डे बनाए हैं. सरगोधा, खुजदार गैरिसन, पानो अकील, आर्को और गुजरांवाला में ये ठिकाने बनाए गए हैं. मिसाइलों को हमले से बचाने के लिए जमीन के अंदर बंकर में मिसाइल स्टोरेज सिस्टम बनाया गया है. मिसाइल लाने-ले जाने वाले लांचर (TEL) भी यहां दिखे हैं.
भारत की बराबरी के लिए पाकिस्तान ऐसी जमीन और समुद्र पोतों से लांच मिसाइलों के विकास में जुटा है. बाबर और हत्फ 7 मिसाइलों को अपग्रेड करना चाहता है.वो चीन या दूसरे देशों की मदद से अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है.
परमाणु हथियारों की तकनीक की तस्करी को लेकर पाकिस्तान सरकार ने अब्दुल क़ादिर खान को 2004 में दिखावा करते हुए गिरफ्तार किया था. खान ने ईरान, लीबिया और उत्तर कोरिया के साथ अवैध ढंग परमाणु तकनीक साझा की. 2009 में उसे हाउस अरेस्ट से रिहा किया गाय. खान को पाकिस्तान में परमाणु बम का जनक माना जाता है.
पाकिस्तान का पहला परमाणु परीक्षण 28 मई 1998 को हुआ था, जो 1974 के बाद भारत के पोखरण-2 परमाणु परीक्षण के बाद किया गया था. भारत ने पांच परमाणु परीक्षण तब किए थे. उसने बलूचिस्तान की चगाई पहाड़ियों में छह भूमिगत परमाणु परीक्षण किए थे. हालांकि पाकिस्तान पर आरोप है कि उसने चोरी की तकनीक से अपने नाभिकीय कार्यक्रम को आगे बढ़ाया. उसके परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कादिर खान ने उत्तर कोरिया और ईरान को भी परमाणु हथियारों से जुड़ी तकनीक साझा की.
पाकिस्तान के परमाणु बम से जुड़ी ये जानकारी रिपोर्ट पर आधारित है, जिसका संकलन यहां पेश किया गया है. जी न्यूज इस रिपोर्ट के दावों और तस्वीरों की सत्यता और प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता.
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