यूनिवर्सिटी ऑफ साउदर्न डेनमार्क (University of Southern Denmark) में एसोसिएट प्रोफेसर ऑफ डेमोग्राफी वर्जिनिया जरूली (Virginia Zarulli) कहती हैं कि पूरी दुनिया में महिलाओं की औसत उम्र पुरुषों की तुलना में ज्यादा होती है. इसके पीछे दो बड़ी वजहें मानी जाती हैं. ये दोनों ही कारण बायोलॉजिकल है.
पहला कारण- सेक्स हॉर्मोन्स में अंतर है. सामान्य तौर पर जो महिला ही पैदा होती है, वह जन्म से पुरुष पैदा होने वाले इंसान से ज्यादा एस्ट्रोजन (Estrogen) और कम टेस्टोस्टेरॉन (Testosterone) हॉर्मोन का उत्पादन करती है. एस्ट्रोजन की वजह से महिलाओं को कई तरह की बीमारियों से बचाव मिलता है. इसमें दिल संबंधी बीमारियां भी हैं. जबकि टेस्टोस्टेरॉन की मात्रा ज्यादा होती है तब कुछ बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है. जैसे-एंडोमेट्रियल (Endometrial), महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और पुरुषों में प्रॉस्टेट कैंसर. टेस्टोस्टेरॉन की वजह से ही कुछ लोग युवावस्था में ही मारे जाते हैं.
वर्जिनिया ने कहा कि कुछ जेनेटिक कंपोनेंट भी होते हैं, जो महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. मानव के अंदर दो सेक्स क्रोमोसोम्स होते हैं- X और Y. जन्म से ही मादा पैदा होने वाली महिलाओं में XX क्रोमोसोम्स होते हैं. जबकि जन्म से ही नर पैदा होने वाले पुरुषों में YY क्रोमोसोम्स होते हैं. महिलाओं के X क्रोमोसोम्स में एक्सट्रा जेनेटिक मैटेरियल होता है, जो उन्हें बुरे म्यूटेशन से बचाता है. उन्हें पुरुषों की तुलना में एक कदम आगे रखता है. अगर एक X क्रोमोसोम खराब म्यूटेनशन का शिकार हो भी जाए तो दूसरा महिलाओं को सुरक्षित रखकर लंबी उम्र प्रदान करता है.
जर्नल पापुलेशन एंड डेवलपमेंट रिव्यू में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं को प्रकृति से एक तरह का बायोलॉजिकल तोहफा मिला होता है. जो उन्हें पुरुषों से ज्यादा जीने की सुविधा देती है. इस रिपोर्ट में 1890 से लेकर 1995 तक 11 हजार बैवेरियन कैथोलिक नन और मॉन्क्स की उम्र का विश्लेषण करके बताया गया था कि महिलाएं ज्यादा जीती हैं. यहां पर बेहद सख्त धार्मिक नियम होते हैं. जहां पुरुषों और महिलाओं को एक जैसा जीवन जीना होता है. दोनों ही खतरनाक व्यवहार से बचते हैं. इसलिए यहां पर बायोलॉजिकल वजहों से महिलाएं 2 साल ज्यादा जीती हैं.
वहीं साल 2018 में एक स्टडी प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज जर्नल में प्रकाशित हुई थी. जिसमें कहा गया था कि आपदाओं, सूखा, महामारियों के समय पैदा होने वाली बच्चियां लड़कों से ज्यादा दिन जीती हैं. वो ज्यादा इम्यून होती हैं. ऐसी आपदाओं के समय पैदा होने वाली लड़कियां अगर बच जाती हैं, तो वो अपने साथ बचे लड़कों की तुलना में चार से पांच साल ज्यादा जीती हैं.
महिलाएं पौष्टिक खाने की तरफ ज्यादा ध्यान देती हैं, जबकि पुरुष इस मामले में कमजोर होते हैं. वो काफी ज्यादा फास्ट फूड और फैटी मील्स का सेवन करते हैं. इसके बार में पिछले साल एक स्टडी एडवांसेस इन क्लीनिकल एंड एक्सपेरिमेंटल मेडिसिन में प्रकाशित हुई थी. इसमें लिखा था 33 फीसदी महिलाएं औसत तौर पर डॉक्टर के पास जाती हैं. जबकि पुरुष ऐसा नहीं करते. वहीं पुरुष महिलाओं की तुलना में ज्यादा शराब पीते हैं और धुम्रपान करते हैं. इससे भी उनकी लाइफ कम हो जाती है.
ट्रेन्डिंग फोटोज़