PM मोदी ने जाफना में बेघर हुए तमिलों को सौंपे नए घर, सभी नागरिकों के सम्मान का आह्वान किया
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PM मोदी ने जाफना में बेघर हुए तमिलों को सौंपे नए घर, सभी नागरिकों के सम्मान का आह्वान किया

श्रीलंका के नए नेताओं से तमिल अल्पसंख्यकों को व्यापक स्वायत्तता प्रदान करने की अपील करने के अगले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार दोपहर जाफना पहुंचे। श्रीलंका के तमिल बहुल उत्तरी प्रांत के इस युद्ध प्रभावित शहर में पहुंचने वाले वह पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं।

PM मोदी ने जाफना में बेघर हुए तमिलों को सौंपे नए घर, सभी नागरिकों के सम्मान का आह्वान किया

जाफना : कभी युद्ध से तबाह हुए क्षेत्र की ऐतिहासिक यात्रा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को श्रीलंका में सभी नागरिकों के समान विकास एवं सम्मान का आह्वान किया। समझा जा रहा है उनका इशारा तमिलों की ओर था जो श्रीलंका में लिट्टे और सेना के बीच चली लड़ाई में सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।

तमिल बहुल जाफना की यात्रा के साथ ही अपनी दो दिवसीय श्रीलंका यात्रा में भेंट-मुलाकातों के दौर का समापन करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि वह हिंसा का दंश झेलने वालों की आंखों के आंसू पोछने वालों में से एक हैं।

प्रधानमंत्री की जाफना यात्रा को बहुत बड़े प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली जाफना यात्रा है।

2013 में यहां आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के बाद इस क्षेत्र का दौरा करने वाले दूसरे अंतरराष्ट्रीय नेता मोदी ने उन तमिलों को 27,000 नये घर सौंपे जो गृहयुद्ध के दौरान बेघर हो गए थे। ये मकान सुलह प्रक्रिया में मदद पहुंचाने की भारत की कोशिश के तहत भारत की सहायता से बनाए गए हैं।

अपनी जाफना यात्रा से एक दिन पहले मोदी ने कल कोलंबो में श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना से भेंट की और अखंड श्रीलंका में समानता, न्याय, शांति एवं गरिमा पर बल दिया। उन्होंने श्रीलंका सरकार से राजनीकि हल ढूंढने के सिलसिले में तमिलों को अधिकारों के विकेंद्रीकरण से जुड़े 13 वें संविधान संशोधन का शीघ्र पूर्ण क्रियान्वयन सुनिश्चित करने और उससे भी आगे बढ़ने की भी अपील की थी।

यहां आज सांस्कृतिक केंद्र की आधारशिला रखते हुए मोदी ने कहा, ‘‘श्रीलंका को भी तरक्की करना चाहिए। एकता, शांति और सौहाद्र्र समान विकास के अनिवार्य तत्व है जहां सभी नागरिकों के लिए सम्मान हो।’’ इस केंद्र का निर्माण भारत कर रहा है।

इस मौके पर मौजूद उत्तरी प्रांत के मुख्यमंत्री और तमिल नेता सी वी विग्नेश्वरन ने 13 वें संशोधन के स्थान पर अधिकारों के विक्रेंद्रीकरण की ज्यादा गतिशील व्यवस्था पर बल दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘(संविधान से जुड़ा) 13वां संशोधन अंतिम हल नहीं हो सकता।’’ उन्होंने कहा कि खुद मोदी अधिकारों के विकेंद्रीकरण एवं सहयोगी संघवाद के हिमायती हैं।

इससे पहले मोदी ने श्रीलंका के पश्चिमोत्तर शहर तलाईमन्नार में आज एक रेल सेवा को हरी झंडी दिखाई जो दशकों तक चले गृहयुद्ध के बाद बहाल हुई है। तलाईमन्नार भारत के सबसे निकट है। इस रेल सेवा के शुरू होने के साथ ही उत्तरी प्रांत रेलवे लाइन का पुनर्निर्माण कार्य पूरा हो गया है।

जाफना के इलावलाई में मोदी ने एक परिवार के परंपरागत गृहप्रवेश अनुष्ठान में हिस्सा भी लिया। महिलाओं ने उनकी आरती उतारी और नादस्वरम संगीत बजाया गया। इस इलाके में भारत आवास परियोजना में मदद कर रहा है। मोदी ने जाफना में नागुलेश्वरम मंदिर में प्रार्थना की। उन्होंने बाद में ट्वीट किया, ‘‘धन्य हुआ।’’ सांस्कृतिक केंद्र के निर्माण का खर्च भारत उठाएगा। उसके निर्माण पर 60 करोड़ रूपए का खर्च आने की संभावना है।

मोदी ने जाफना के लोगों को सांस्कृतिक केंद्र समय पर बनकर तैयार होने का आश्वासन दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत जाफना में अनोखे और विश्वस्तरीय सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना का मौका पाकर गौरवान्वित है। जब एक पुस्तकालय, जहां पुस्तकें मिलती हैं, स्थापित किया जाता है, तो वह पीढ़ियों को एक करता है।’’ जाफना के लोगों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जाफना अपने लिए नया लक्ष्य बना रहा है। दुनिया को यहां से शांति के संदेश का अनुभव हो रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि मैं बिना किसी निर्धारित कार्यक्रम के इस भूमि को नमन करने यहां आता, तब भी यह बड़ी बात होती। ’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जाफना ने कई उतार चढ़ाव देखे हैं। लोगों ने कई कठिनाइयां झेली हैं।’’

मोदी ने कहा कि भारत और श्रीलंका महज पड़ोसी नहीं है बल्कि उनके बीच ऐतिहासिक संबंध भी हैं। उन्होंने जाफना पब्लिक लाइब्रेरी में विग्नेश्वरन के साथ बैठक भी की। मकानों को सौंपे जाने के कार्यक्रम में मोदी ने कहा, ‘‘ये मकान बस इर्ंटों और पत्थरों की दीवारें नहीं हैं। ये मकान उन लोगों की जिंदगी खुशहाल बनाने की कोशिश हैं जो मुसीबतों से गुजरे हैं। ’’ उन्होंने कहा अगले चरण में विस्थापितों के लिए 47 हजार मकान बनाये जायेंगे। उनकी इस घोषणा पर लोगों ने खूब तालियां बजायीं।

मोदी ने कहा, ‘‘यह अपने आप में अनोखी परियोजना है और इस तरह की योजनाओं पर गुजरात में 2001 के भूकंप के बाद अमल शुरू हुआ था। ’’ देश के उत्तरी और पूर्वी प्रांतों की सभी समस्याओं के हल के लिए कार्ययोजना पर बल देते हुए विग्नेश्वरन ने कहा कि श्रीलंका में शक्तियों के व्यापक विकेंद्रीकरण के लिए अभिनवकारी एवं नूतन उपाय करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम बस इंसाफ और समान अधिकार की मांग करते हैं।

उन्होंने कहा कि शक्तियों के विकेंद्रीकरण के मुद्दे पर एक गारंटीप्रदाता की जरूरत है और भारत उसके लिए सबसे उपयुक्त है।

मोदी पावन नगरी अनुराधापुरा की संक्षिप्त यात्रा के बाद वायुसेना के हेलीकॉप्टर से यहां पहुंचे थे। अनुराधारापुरा में उन्होंने पवित्र महबोधि वृक्ष की पूजा की।

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