जिनपिंग से मिले पीएम मोदी, लखवी पर पाक को चीनी समर्थन पर जताई आपत्ति
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जिनपिंग से मिले पीएम मोदी, लखवी पर पाक को चीनी समर्थन पर जताई आपत्ति

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुंबई आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड जकी-उर-रहमान लखवी को जेल से रिहा करने के मामले में पाकिस्तान के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से कार्रवाई करने के प्रस्ताव को चीन द्वारा ब्लॉक किए जाने पर भारत की गंभीर चिंता से चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग को अवगत कराया।

जिनपिंग से मिले पीएम मोदी, लखवी पर पाक को चीनी समर्थन पर जताई आपत्ति

उफा (रूस) : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुंबई आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड जकी-उर-रहमान लखवी को जेल से रिहा करने के मामले में पाकिस्तान के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से कार्रवाई करने के प्रस्ताव को चीन द्वारा ब्लॉक किए जाने पर भारत की गंभीर चिंता से चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग को अवगत कराया।

ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) से पहले दोनों नेताओं के बीच करीब 90 मिनट तक चली इस बैठक के दौरान मोदी ने चीन द्वारा बनाए जा रहे 46 अरब डॉलर लागत वाले आर्थिक गलियारे पर भी भारत की चिंता जताई। यह गलियारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है।

विदेश सचिव एस. जयशंकर से जब पूछा गया कि क्या प्रधानमंत्री ने लखवी मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र में भारत के कदम को चीन द्वारा ब्लॉक किए जाने का मुद्दा उठाया तो उन्होंने हां में उत्तर दिया। मोदी-शी बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में जयशंकर ने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन द्वारा प्रस्ताव को ब्लॉक किए जाने का मुद्दा मजबूती से उठाया। उन्होंने भारत की चिंताओं से अवगत कराया। पिछले एक वर्ष में दोनों नेताओं की यह पांचवी बैठक है।

मोदी की टिप्पणियों पर विस्तार से बात करते हुए, जयशंकर ने कहा, प्रधानमंत्री ने हमारी चिंताओं को पूरी तरह स्पष्ट किया। उन्होंने कहा, मैं मान रहा हूं कि जिस स्पष्टवादिता और प्रत्यक्ष रूप से यह बात कही गयी उससे चीनी पक्ष प्रभावित है। ऐसा महसूस हुआ कि हमें उसपर बात करते रहना चाहिए। यह पूछने पर कि मुद्दे पर बातचीत का प्रारूप क्या होगा, उन्होंने कहा कि नेता जहां छोड़ेंगे, अधिकारी वहां से शुरू करेंगे। उन्होंने कहा, कोई विशेष तंत्र नहीं है। विदेश मंत्रालय (चीनी) दूतावास के साथ बात कर सकती है। अनेक प्रक्रियाएं हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग को चिंताओं से अवगत कराते हुए उन्हें यह भी बताया कि चीन की इस कार्रवाई को भारत के लोग किस रूप में देखते हैं। संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति की पिछले महीने हुई बैठक के दौरान भारत ने लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर लख्वी को सुनवायी के दौरान रिहा किए जाने को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का उल्लंघन बताते हुए पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन चीन के प्रतिनिधि ने इस आधार पर प्रस्ताव को ब्लॉक कर दिया कि भारत ने इस संबंध में समुचित सूचनाएं मुहैया नहीं करायी हैं।

भारत ने पहले कहा था कि चीन की कार्रवाई दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में हो रही प्रगति से मेल नहीं खाती है। मुंबई हमले के सरगना लख्वी को पाकिस्तान ने अप्रैल महीने में जेल से रिहा कर दिया। लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और जमात-उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद के करीबी रिश्तेदार लख्वी (55) को दिसंबर 2008 में गिरफ्तार किया गया था और 25 नवंबर 2009 में छह अन्य लोगों के साथ उसपर 26-11 हमले के आरोप तय हुए थे। हमलों में 166 लोग मारे गए थे।

बैठक के बाद विदेश सचिव एस. जयशंकर ने कहा, संबंधों में नई उर्जा की और उत्साह का भाव है। जयशंकर ने कहा, उन्होंने सीमा मुद्दे, विश्वास बहाली संबंधी कदमों, सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने और सीमा पर अधिक ‘मिटिंग प्वाइंट’ बनाने पर चर्चा किया। उन्होंने कहा, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में स्थायी सदस्यता और परमाणु आपूर्ति समूह की सदस्यता के लिए भारत के दावे का मुद्दे भी चर्चा के दौरान उठा।

विदेश सचिव एस. जयशंकर ने कहा कि दोनों नेताओं ने काफी देर तक मई में हुई मोदी की गर्मजोशी भरी चीन यात्रा और राष्ट्रपति शी के गृहनगर शिआन की उनकी यात्रा पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी पिछली बैठक से अभी द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति, विशेष रूप से वाणिज्यिक और आर्थिक सहयोग में, की समीक्षा की। बातचीत के दौरान ब्रिक्स समूह में सहयोग और बीजिंग के समर्थन वाले एशियाई अवसंचरना निवेश बैंक, जिसमें भारत दूसरा सबसे बड़ा साझेदार है, पर भी चर्चा हुई।

मोदी और शी ने भूकंप प्रभावित नेपाल में पुन:निर्माण परियोजनाओं पर भी चर्चा की। शी के साथ अपनी बैठक पर मोदी ने कहा, राष्ट्रपति शी से फिर से मिलना बहुत अच्छा रहा। हमारी बातचीत काफी विस्तृत थी और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। राष्ट्रपति शी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव भी हैं। प्रधानमंत्री ने चीन के विभिन्न शहरों में सफलतापूर्वक पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन पर चीनी नेता को धन्यवाद भी दिया।

पिछले साल जुलाई में ब्राजील के फोर्तालेजा में दोनों नेताओं की पहली मुलाकात के बाद से यह उनकी चौथी द्विपक्षीय बैठक है। सितंबर 2014 में शी ने भारत का दौरा किया था जबकि मोदी ने इस साल मई में चीन की यात्रा की थी। शी और मोदी ने अपनी द्विपक्षीय यात्राओं के दौरान एक दूसरे के गृह नगरों का भी दौरा किया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने मोदी के हवाले से बताया, एक साल में हमारी पांचवी मुलाकात भारत..चीन संबंध में गहराई दर्शाती है।

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