21वीं सदी को भारत की सदी बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि सवा सौ करोड़ देशवासियों की संकल्प शक्ति और प्रतिबद्धता के कारण यह परिवर्तन आया है और आज वक्त ऐसा बदला है कि दुनिया, हिन्दुस्तान से जुड़ने के लिए लालायित है। सैन जोस के सैप सेंटर में भारतीय समुदाय के करीब 18,500 लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ समय से लोग ये मानने लगे हैं कि 21वीं सदी एशिया की सदी नहीं बल्कि 21वीं सदी हिन्दुस्तान की सदी है।
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सैन होजे (अमेरिका) : 21वीं सदी को भारत की सदी बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि सवा सौ करोड़ देशवासियों की संकल्प शक्ति और प्रतिबद्धता के कारण यह परिवर्तन आया है और आज वक्त ऐसा बदला है कि दुनिया, हिन्दुस्तान से जुड़ने के लिए लालायित है।
सैन जोस के सैप सेंटर में भारतीय समुदाय के करीब 18,500 लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 20-25 वर्षों से यह चर्चा चल रही थी कि 21वीं सदी किसकी होगी, हर कोई यह तो जरूर मानता था कि 21वीं सदी एशिया की होगी लेकिन पिछले कुछ समय से लोग ये मानने लगे हैं कि 21वीं सदी एशिया की सदी नहीं बल्कि 21वीं सदी हिन्दुस्तान की सदी है। अपने वायदों और प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का दावा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मोबाइल के कारण आपको हर चीज का पता होता है। हिन्दुस्तान में क्या हो रहा है, सब जानकारी होती है। मोदी क्या कहता था और मोदी ने क्या किया, सब मालूम है। उन्होंने कहा कि मैंने कहा था कि मैं परिश्रम करने में कोई कमी नहीं रखूंगा, सवा सौ करोड़ देशवासियों ने जो जिम्मेदारी दी है, उसे पूरा करने के लिए पल पल और शरीर का कण कण शत प्रतिशत लगा दूंगा। आज 16 महीने के बाद मुझे आपका प्रमाणपत्र चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने जो वादा किया था, उसे निभाया। परिश्रम की पराकाष्ठा की। आपने जो जिम्मेदारी दी, उसका पूरी तरह से पालन कर रहा हूं। स्वयं पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगने का दावा करते हुए मोदी ने कहा कि मैं देश को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि हम जियेंगे तो देश के लिए, और मरेंगे तो देश के लिए।
Goodbye California! PM @narendramodi departs San Jose for New York, after a very productive weekend pic.twitter.com/DZ74IOgIeH
— Vikas Swarup (@MEAIndia) September 28, 2015
A direct connection. PM @narendramodi closes his speech with announcement of direct Air India flight to San Francisco pic.twitter.com/OEeM1CFRMs
— Vikas Swarup (@MEAIndia) September 28, 2015
सैप सेंटर में भारतीयों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत 40 सालों से आतंकवाद का शिकार है, लेकिन आतंकवाद पर अब दोहरी नीति नहीं चलेगी। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) आतंकवाद की परिभाषा अब तक नहीं दे पाया। उन्होंने कहा कि यूएन में जल्द तय हो कि आतंकवाद क्या है। पीएम ने कहा कि ताल ठोक के मैंने यूएन में आतंकवाद का मुद्दा उठाया। मैंने आतंकवाद पर ताल ठोक कर यूएन में अपनी बात बताई। यदि हम मिलकर चलें तो हम आतंकवाद का मुकाबला कर सकते हैं। आतंकवाद के खिलाफ ‘निर्णायक लड़ाई’ का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र से आतंकवाद को परिभाषित करने की मांग की, साथ ही उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ मानवतावाद में विश्वास करने वाले देशों से एक होकर लड़ने का आह्वान किया। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और फ्रांस तथा ब्रिटेन के नेताओं के साथ मुलाकात से पहले, प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद की परिभाषा नहीं होने के कारण ‘गुड टेरॅरिज्म’ और ‘बैड टेरॅरिज्म’ की बात कही जा रही है। लेकिन आतंकवाद सिर्फ आतंकवाद ही होता है। सनहोजे में सैप सेंट में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवाद को अभी तक परिभाषित नहीं करने और आतंकवाद का प्रसार करने वाले को अभी साफ तौर पर चिन्हित नहीं करने पर असंतोष जताया। मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ मानवतावाद में विश्वास करने वाले देशों के एकजुट होकर लड़ने का वक्त आ गया है। उन्होंने कहा कि भारत पिछले 40 सालों से आतंकवाद से पीड़ित है और पश्चिम तथा कई अन्य देशों की आंख तब खुली जब उनके अपने देशों में बम विस्फोट या आतंकी हमले हुए। आतंकवाद को परिभाषित करने के बारे में संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव बहुत लम्बे समय से लंबित होने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में अभी तक आंतकवाद को परिभाषित नहीं किया गया है। अगर आतंकवाद की परिभाषा तैयार करने में इतने वर्ष लगेंगे तो इससे निपटने में कितने वर्ष लगेंगे। मोदी ने कहा कि हमने दुनिया के सभी देशों को पत्र लिखा है कि आतंकवाद को परिभाषित किया जाना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र को यह कार्य तुरंत करना चाहिए।
If it has taken the UN 15 years to define terrorism, how long will it take to fight terrorism? asks PM @narendramodi pic.twitter.com/vI8h4Ky7gN
— Vikas Swarup (@MEAIndia) September 28, 2015
What can't a country achieve which has the power of 800 million youth? PM @narendramodi pic.twitter.com/fukxfntrUJ
— Vikas Swarup (@MEAIndia) September 28, 2015
Bringing two nations closer. PM @narendramodi on stage with US lawmakers as National Anthems of US & India r played pic.twitter.com/e7nGhFmiR8
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A Madison Square Garden moment for Silicon Valley. The SAP Center is jampacked as PM @narendramodi arrives pic.twitter.com/CRy2NuldpR
— Vikas Swarup (@MEAIndia) September 28, 2015
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार को सत्ता में आए 16 महीने हुए हैं और भारत के बारे में दुनिया की सोच में जबर्दस्त बदलाव आया है। आज पूरा विश्व भारत की ओर आशा और विश्वास की नजर से देख रहा है। उन्होंने कहा कि यह बदलाव सवा सौ करोड़ देशवासियों की संकल्प शक्ति और प्रतिबद्धता के कारण आया है। सवा सौ करोड़ देशवासियों ने ठान लिया कि भारत अब किसी से पीछे नहीं रहेगा। आज दुनिया, हिन्दुस्तान के साथ जुड़ने को लालायित है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि भारत को सफलता प्राप्त होगी क्योंकि देश की 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है। उपस्थित भारतीय समुदाय के लोगों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच मोदी ने कहा कि यह जो विश्वास पैदा हुआ है, वह हिन्दुस्तान को नयी उंचाइयों पर पहुंचाने वाला है और भारत किसी से पीछे नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) की काफी चर्चा हो रही है और तेज गति से आगे बढ़ने की बात भी हुई। आपने ध्यान दिया होगा कि हाल के कुछ समय में यह सुगबुगाहट हुई कि ब्रिक्स में आई (इंडिया) तो लुढ़क रहा है, अपनी भूमिका निभाने में कम नजर आ रहा है। मोदी ने कहा कि लेकिन आज ब्रिक्स में कोई दमखम के साथ खड़ा है तो वह आई (इंडिया) है। 15 महीने में विकास की नई पहल के कारण स्थिति बदली है। आज विश्व बैंक, आईएमएफ, मूडिज एवं अन्य रेटिंग एजेंसियां एक स्वर से कह रही है कि भारत बड़े देशों में सबसे तेज गति से वृद्धि दर्ज करने वालों में से है। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी ने भी यह नहीं सोचा होगा कि ब्रेन ड्रेन (प्रतिभा पलायन) कभी ब्रेन गेन (प्रतिभा लाभ) भी बन सकता है। उन्होंने कहा कि यह वास्तव में ब्रेन डिपोजिट है।
प्रधानमंत्री ने अपने करीब एक घंटे के संबोधन में कहा कि अब समय आ गया है जब हर भारतीय लोगों को अपनी ताकत दिखा सकता है। उन्होंने भारतीय समुदाय के लोगों, खासकर युवाओं से भारत के विकास में योगदान देने की अपील की। मोदी ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के समय में सैन फ्रांस्सिको में गदर पार्टी के योगदान और भगत सिंह की जयंती को याद करते हुए कहा कि कैलिफोर्निया का भारत के साथ ऐतिहासिक संबंध है और भारत के विकास में योगदान भी रहा है। आज यहां 27 सितंबर है और भारत में 28 सितंबर की तारीख है। 28 सितंबर शहीद भगत सिंह का जन्मदिन है और मैं उन्हें नमन करता हूं। विज्ञान एवं अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत के विकास का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले हम उपनिषद की बात करते थे, तो लोगों को समझ नहीं आता था। लेकिन अब हम उपनिषद से उपग्रह की बात कर रहे हैं। मार्स मिशन (मंगल मिशन) इसका उदाहरण है जिसे हमने पहले प्रयास में ही पूरा किया जबकि अन्य देशों को कई प्रयास करने पड़े। भारत ने फर्स्ट एटेम्प्ट (पहले प्रयास) में ही इसे पूरा किया। मेरे साथ ही ऐसा हुआ (पीएम बनने के संबंध में)। भ्रष्टाचार से निपटने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में राजनेताओं पर कुछ ही समय में आरोप लग जाते हैं। हमने किसी नेता के 50 करोड़ रुपये बनाने, किसी के बेटे के 100 करोड़ बनाने, किसी की बेटी के 250 करोड़ रुपये बनाने, किसी के दामाद के 1000 करोड़ रूपये बनाने की बात सुनी है। उन्होंने कहा कि जब यह सुनने को मिलता है तो देश को निराशा होती है, भ्रष्टाचार के प्रति नफरत पैदा होती है। मैं आप आपके बीच खड़ा हूं, मेरे ऊपर कोई आरोप नहीं है, एक भी आरोप नहीं है। मैं देश को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि जियेंगे तो देश के लिए, मरेंगे जो देश के लिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार को खत्म होना चाहिए, इसके लिए प्रयास लगातार जारी है और इसके बारे में बोलकर बतायें तभी काम होगा क्या? काम चुपचाप भी हो सकता है। मोदी ने इस संबंध में डिजिटल इंडिया का जिक्र किया और भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए जैम :जेएएम: मिशन को भी रेखांकित किया जिसमें जे का आशय जनधन वित्तीय समावेशिता कार्यक्रम, ए का आशय आधार विशिष्ट पहचान कार्ड और एम का आशय मोबाइन गवर्नेस से है।
उन्होंने गैस सिलिंडर सब्सिडी का जिक्र करते हुए कहा कि 19 करोड़ गैस सिलिंडर की जांच की गई तो पाया गया कि वास्तविक उपभोक्ता 13.14 करोड़ ही हैं। उन्होंने सवाल किया कि इतने वर्षों तक पांच करोड़ गैस सिलिंडर की सब्सिडी कहां जाती थी? उन्होंने कहा कि इस पहल से करोड़ों रुपये बिचौलियों, दलालों के पास जाने से बचे और भ्रष्टाचार कम हुआ। मोदी ने जनधन योजना का जिक्र करते हुए कहा कि 100 दिनों में 18 करोड़ नये बैंक खाते खोले गए और बैंकों में गरीबों ने 32 हजार करोड़ रुपये जमा किए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया दो बड़ी चुनौतियों आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन का सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि मानवता में विश्वास रखने वाली शक्तियां एक हो जाएं तो आंतकवाद को परास्त किया जा सकता है और जलवायु परिवर्तन की समस्या से भी निजात पायी जा सकती है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर खेद प्रकट किया कि संयुक्त राष्ट्र में अभी तक आंतकवाद को परिभाषित नहीं किया गया है। अगर आतंकवाद की परिभाषा तैयार करने में इतने वर्ष लगेंगे तो इससे निपटने में कितने वर्ष लगेंगे। मोदी ने कहा कि हमने दुनिया के सभी देशों को पत्र लिखा है कि आतंकवाद को परिभाषित किया जाना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र को यह कार्य तुरंत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया को यह समझना पड़ेगा कि कल आतंकवाद का प्रभाव वहां है तो आगे यहां भी हो सकता है। इससे निपटने के लिए दुनिया की मानवतावादी शक्तियों को एक होना होगा।
मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की यह जिम्मेदारी है कि दुनिया के सामने यह तस्वीर स्पष्ट हो कि कौन आतंकवादी है और कौन मानवतावादी। कौन आतंकवाद के साथ खड़ा है और कौन मानवतावाद के साथ। एक बार नक्शा स्पष्ट हो जाना चाहिए, एक बार खाका ब्लैक एंड व्हाइट में आ जाना चाहिए, तो फिर दुनिया तय कर लेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद की परिभाषा नहीं होने के कारण गुड टेरॅरिज्म और बैड टेरॅरिज्म की बात कही जा रही है। लेकिन आतंकवाद सिर्फ आतंकवाद ही होता है। उन्होंने सैन फ्रांसिस्को के लिए सप्ताह में तीन दिन सीधी हवाई उड़ान की घोषणा की। संबोधन खत्म करने के बाद पीएम भारतीयों से खुलकर मिले।
उन्होंने कहा कि हम शांति के पक्षकार है, हम तो उस धरती से हैं जहां गांधी और बुद्ध आए। हम शांति और अहिंसा की भूमि से हैं। मोदी ने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र में फिर से आतंकवाद के मुद्दे को उठाएंगे। उनका अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की ओर से शांति रक्षा पर बुलाए गए शिखर सम्मेलन को संबोधित करने का कार्यक्रम है। समारोह के पहले अमेरिका के कई सांसदों ने मोदी को शुभकामनाएं दी। इसमें प्रतिनिधि सभा की पूर्व स्पीकर नैंसी पेलोसी, विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष एड रॉयस शामिल हैं। इस दौरान सांसद एमी बेरा, जॉर्ज होल्डिंग, लोरेटा साचेंज, एरिक स्वालवेल, माई होंडा, तुलसी गबार्ड, जिम मैकडरमट आदि मौजूद थे।