ब्रिक्स, शंघाई शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के लिए आज रूस पहुंचेंगे पीएम नरेंद्र मोदी
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ब्रिक्स, शंघाई शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के लिए आज रूस पहुंचेंगे पीएम नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स और शांघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए तीन दिन की यात्रा पर बुधवार को यहां उफा शहर में पहुंचेंगे। इस दौरान यहां उनकी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से अगल से मुलाकात हो सकती है।

ब्रिक्स, शंघाई शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के लिए आज रूस पहुंचेंगे पीएम नरेंद्र मोदी

रूस: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स और शांघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए तीन दिन की यात्रा पर बुधवार को यहां उफा शहर में पहुंचेंगे। इस दौरान यहां उनकी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से अगल से मुलाकात हो सकती है।

नौ-दस जुलाई तक चलने वाले इस एससीओ सम्मेलन में भारत को इस संगठन की सदस्यता दिए की घोषणा हो सकती है। रूस के रूसी राष्ट्रपति के सहायक यूरी उसाकोव ने कहा कि भारत को सदस्यता देने की प्रक्रिया अगले साल तक पूरी होगी। साथ ही पाकिस्तान को भी इसकी सदस्यता दी जाएगी। एशिया द्वारा प्राचीन रेशम मार्ग को बहाल करने के प्रयासों का जिक्र करते हुए उसाकोव ने आगाह किया, हमें इतिहास के सबक को नहीं भूलना चाहिए।

इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य एशिया दौरे के दूसरे चरण में मंगलवार को कजाकिस्तान पहुंचे। मोदी ने यहां नजरबायेव विश्वविद्यालय में छात्रों और शिक्षाविदों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और मध्य एशिया के संबंध नई ऊंचाइयों को छुएंगे, लेकिन यह सदी तभी एशिया की होगी, जब एशियाई देश एकजुट होंगे। उन्होंने विश्वविद्यालय में इंडिया-कजाकिस्तान सेंटर फॉर एक्सीलेंस ऑफ आईटी टेक्नोलॉजी केंद्र का भी उद्घाटन किया। मोदी ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की 2002 की कजाकिस्तान यात्रा का जिक्र किया, जब उन्होंने नए रेशम मार्ग को पुनर्जीवित करने का आह्वान किया था। मोदी ने कहा कि अब 21वीं सदी के सिल्क रूट को आगे बढ़ाने का वक्त आ गया है।

उल्लेखनीय है कि कजाकिस्तान प्राचीन रेशम मार्ग का भी एक प्रमुख केंद्र रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत पाकिस्तान, अफगानिस्तान से गुजर कर मध्य एशिया जाने वाले पारंपरिक रेशम मार्ग को बहाल कर सकेगा। प्रधानमंत्री ने उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर पर भी जोर दिया ताकि भारत की ऊर्जा से संपन्न मध्य एशियाई देशों तक सीधी पहुंच बन सके। इसके लिए तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत के बीच गैस पाइपलाइन पर समझौते से विश्वास हासिल किया जा सकता है।

इससे पहले अस्ताना पहुंचने पर मोदी ने ट्वीट कर गर्मजोशी से भरे स्वागत के लिए कजाकिस्तान के पीएम करीम मासीमोव को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के प्राचीन सांस्कृतिक, धार्मिक और व्यापारिक संबंधों को और मजबूत बनाने की बात कही। साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी, पारंपरिक औषधि, अंतरिक्ष, शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं को सामने रखा। उन्होंने आतंकवाद और ड्रग तस्करी के खतरे से निपटने के लिए रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने अपने भाषण के अंत में स्थानीय कवि अर्ब्दुरहीम कुर की पंक्तियों का भी उल्लेख किया। मोदी ने कहा, भारत एशिया के भू और जल मार्गों के चौराहे पर है और वह भूमि और समुद्री मार्ग के जरिये पूरब और पश्चिम से जोड़ने के कार्य को प्राथमिकता की तरह लेगा। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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