Poland MP Hanukkah candles: पोलैंड कुछ दिनों से लगातार सुर्खियों में है. मातेशुच्‍स मोरावस्की के विश्वास-मत हारने के बाद देश को डोनाल्ड टस्क के रूप में नया प्रधानमंत्री मिल गया है. दूसरी ओर धुर धक्षिणपंथी सांसद ग्रेजगोरज ब्रॉन ने संसद लॉबी में रखीं हनुक्का मोमबत्तियां बुझाते हुए जो कुछ कहा उससे सियासी भूचाल खड़ा हो गया है. ब्रॉन अपने साथ आग बुझाने वाला सिलेंडर लाए थे. जिसका इस्तेमाल करके उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया. इस घटनाक्रम के बाद स्पीकर ने ब्रॉन को सदन से बाहर करने का आदेश दिया. वहीं आसपास खड़े लोग जो धुंए से परेशान हुए उन्होंने कहा, 'आपको शर्म आनी चाहिए.'


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वीडियो हुआ वायरल


संसद में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में ब्रौन को अग्निशामक यंत्र के साथ संसद की लॉबी में जाते हुए देखा गया, जहां मोमबत्तियां रखी हुई थीं. अचानक उन्होंने आग बुझाने वाले सिलेंडर का नॉब खोल दिया जिससे वहां सफेद बादल से छा गए. जिससे बाद सुरक्षा कर्मियों ने वहां मौजूद लोगों को आनन-फानन में बाहर निकाला. उनके चेहरे और कपड़े फायर सिलेंडर वाले पाउडर से लथपथ दिखे.


विवादित बयान दिया 

ब्रॉन संसद परिसर में हंगामा खड़ा करने के बाद, अंदर पहुंचे जहां उन्होंने हनुक्का को लेकर विवादित बयान दिया. उन्होंने कहा कि वह अपने देश में सामान्यता बहाल कर रहे थे. निचले सदन के स्पीकर सिजमन होलोनिया ने उन्हें सदन से बाहर जाने को कहा. बाहर निकलते समय उनसे यह सवाल पूछा गया कि क्या वो अपने किए पर शर्मिंदा हैं? इस ब्रौन ने जवाब देते हुए कहा, 'जो लोग शैतानी पूजा के कृत्यों में भाग लेते हैं उन्हें शर्म आनी चाहिए.' सदन से बाहर निकलते ही ब्रॉन ने अन्य धुर दक्षिणपंथी सांसदों से हाथ भी मिलाया. इसके बाद स्पीकर होलोनिया ने कहा, 'जब तक मैं संसद का अध्यक्ष हूं, तब तक नस्लवाद, ज़ेनोफोबिया, यहूदी विरोधी भावना के प्रति हमारी कोई सहिष्णुता नहीं होगी. 


वो हमें बुझा नहीं सकते: सिनेगॉग के मुख्य रब्बी


न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स से फोन पर बात करते हुए पोलैंड के प्रमुख रब्बी माइकल शूड्रिच ने कहा कि ब्रॉन की हरकतें पूरे देश का प्रतिनिधित्व नहीं करतीं और वह इससे 'शर्मिंदा' हैं. उन्होंने आगे कहा, 'किसी ने हनुक्का मोमबत्तियां बुझा दीं और कुछ मिनट बाद हमने उन्हें फिर से जला दिया. हजारों सालों से, हमारे दुश्मन मैकाबीज़ के समय से लेकर हमास तक, हमें बुझाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन दुश्मनों को सीखना चाहिए, वो हमें नहीं बुझा सकते.' इस घटनाक्रम के बाद दुनियाभर के यहूदी मूल के लोगों में आक्रोश है.