Russia attack on Kyiv: रूस ने यूक्रेन के बिजली संयंत्रों को निशाना बनाते हुए बड़े पैमाने पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए. इससे यूक्रेन में अंधेरा छा गया और 1 करोड़ से ज्‍यादा लोगों को अंधेरे में रात बितानी पड़ी. सर्दियों में पावरकट होना नागरिकों के लिए भारी मुश्किलें देता है. गुरुवार की रात को ये हमले करने के बाद रूसी राष्‍ट्रपति ने अपने आगे के मकसद के बारे में भी बता दिया है. पुतिन ने बताया है कि अब वे अगला हमला कहां करेंगे?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह भी पढ़ें: UFO में बैठकर फिर अमेरिका आए एलियंस? चिंता में डाल रहा कैपिटल हिल के ऊपर का Photo-Video


ये था अमेरिकी मिसाइलों के इस्‍तेमाल का बदला


राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि ये हमले यूक्रेन द्वारा अमेरिका द्वारा आपूर्ति की गई मिसाइलों के इस्तेमाल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई था. यानी कि रूस ने यूक्रेन से इन मिसाइलों के इस्‍तेमाल का बदला लिया है. इस बयान के बाद यूक्रेनी राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की ने पश्चिमी देशों से सहयोग मांगा है. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति बिडेन ने इन हमलों की निंदा करते हुए इसे अपमानजनक बताया है.


रूस यूक्रेन के बिजली संयंत्रों को ध्‍वस्‍त करके सर्दियों से पहले उसे बिजली की कमी से परेशान करना चाहता है. ताकि यूक्रेन दबाव में आ जाए. यूक्रेन में पहले ही भारी बिजली कटौती हो रही है, वहीं सर्दियों में भी यदि यही स्थिति रही तो नागरिकों का जीना मुहाल हो जाएगा.


यह भी पढ़ें: जिस वीडियो को देख चिन्मय प्रभु पर लगा देशद्रोह, अब उसकी सच्चाई पर घिरी बांग्लादेश सरकार


अब अगला हमला कीव पर
 
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यह स्‍पष्‍ट किया कि यह हमला अमेरिकी मिसाइलों के उपयोग के प्रतिशोध में किया गया. साथ ही यह भी चेतावनी दी कि अब भविष्‍य में उनका अगला टारगेट कीव के 'निर्णय लेने वाले केंद्र' होंगे. इन महत्‍वपूर्ण सरकारी संस्‍थानों पर रूस हाइपरसोनिक मिसाइलों द्वारा हमले कर सकता है. जाहिर है इससे रूस को यूक्रेन का मनोबल तोड़ने में मदद मिलेगी क्‍योंकि हाल ही में हुए रूस द्वारा हाइपरसोनिक मिसाइलों के पहली बार इस्‍तेमाल के बाद यूक्रेन ने अपनी संसद बंद कर दी थी. साथ ही सांसदों से कहा था कि वे कीव से दूर रहें और अपने परिवारों को भी दूर रखें.


बिजली संकट झेल रहा यूक्रेन


ऊर्जा क्षेत्र के एक सूत्र ने जानकारी दी है कि यूक्रेन ने एहतियात के तौर पर हमले से पहले अपने परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को ग्रिड से काट दिया. चूंकि देश अपनी आधी से अधिक बिजली आपूर्ति के लिए परमाणु ऊर्जा पर निर्भर है. ऐसे में उसके लिए बिजली संकट बड़ी चुनौती बन गया है. वहीं यूक्रेन की सबसे बड़ी सरकारी तेल और गैस कंपनी नैफ्टोगाज ने पुष्टि की कि हमलों के दौरान उसकी सुविधाओं को निशाना बनाया गया.