रक्षा सौदों के लिए आज भी भरोसेमंद साथी है रूस, जानिए कैसे
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रक्षा सौदों के लिए आज भी भरोसेमंद साथी है रूस, जानिए कैसे

वर्ष 1947 में देश की आजादी के बाद से ही रूस, भारत की रक्षा संबंधी जरूरतों की आपूर्ति कर रहा है. ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम, सुखोई-30 का निर्माण, और T-90 टैंक को लेकर बहुत पहले हुए समझौते भारत-रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी की मिसाल रहे हैं.

फाइल फोटो
नई दिल्ली : रूस ने जून, 2020 तक बताई गई देश की सैन्य जरूरतों के मुताबिक उनकी आपूर्ति का काम पूरा कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक डील में लाइट गन्स, प्रोजेक्टाइल्स और बॉम्ब की खरीददारी शामिल थी. इसी साल गर्मियों के मौसम में भारत की रक्षा जरूरतों की आपूर्ति के लिए भारत-रूस (Indo-Russia) के बीच कई सामानों की खरीददारी के करार पर दस्तखत हुए थे.
 
हांलाकि अभी तक कितनी आपूर्ति हो चुकी है इसकी जानकारी नहीं है लेकिन इस खरीददारी का काम पूरा होने के लिए मार्च, 2021 तक की समय सीमा निर्धारित की गई थी. 
 
मास्को दौरे में दी गई थी सूची
देश की रक्षा जरूरतों से संबंधित सैन्य उपकरणों की सूची रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मास्को यात्रा के दौरान साझा की थी. उस वक्त भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) रूस की विक्ट्री डे परेड (Victory day parade) के जश्न में शामिल होने गए थे. 
 
चीन से तनाव का असर नहीं
गौरतलब है कि पूर्वी लद्धाख में चीन से जारी तनाव के बावजूद रूस का भारत के साथ रक्षा सहयोग सहयोग में लगातार नजदीक आना एक कूटनीतिक कामयाबी है. गलवान में बीस भारतीय जवानों के शहीद होने के बावजूद भारतीय सेना के पराक्रम ने बीजिंग के छक्के छुड़ा दिए थे. यही वजह है कि दुनिया की सबसे बड़ी सेना का दंभ भरने वाली चाइनीज आर्मी ने आज तक गलवान में अपने सैनिकों के मारे जाने की कोई जानकारी नहीं दी है.
 
MiG और Su-30 पर भरोसा
इसी साल हुई खरीद में कितने मिग-21 की खरीद का ऑर्डर दिया गया इसकी जानकारी साझा नहीं की गई है. लेकिन जुलाई महीने में नई दिल्ली ने 21 मिग-29 (MiG-29), और कुछ सुखोई (Su-30 MKI) विमानों की खरीददारी को मंजूरी दी थी. इस डील में देश में मौजूद मिग-29 फाइटर जेट्स के अपग्रेडेशन का करार भी शामिल था. 
 
रणनीतिक सहयोग की निशानी
गौरतलब है कि वर्ष 1947 में देश की आजादी के बाद से ही रूस, भारत की रक्षा संबंधी जरूरतों की आपूर्ति कर रहा है. ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम, सुखोई-30 का निर्माण, और T-90 टैंक को लेकर बहुत पहले हुए समझौते भारत-रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी की मिसाल रहे हैं.
 
Vladivostok में हुआ समझौता
रूस के सैन्य उपकरणों के कलपुर्जों और अन्य सैन्य सामानों के भारत में उत्पादन को लेकर दोनों देशों के बीच व्लादीवोस्तक (Vladivostok) में आयोजित 20वीं वार्षिक भारत-रूस द्विपक्षीय शिखरवार्ता (20th Annual India Russia Bilateral Summit) के दौरान दस्तखत हुए थे.
 
मेक इन इंडिया को मजबूती
पिछले साल मार्च, 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेक इन इंडिया अभियान के तहत रूस की अत्याधुनिक उन्नत AK सीरीज की असाल्ट रायफल्स (Assault Rifles) के स्वदेश में निर्माण को लेकर  JV– Indo-Russian Rifles Pvt. Ltd. के बारे में जानकारी साझा की थी.
 

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