Russia Aircraft Carrier: रूस अब अमेरिका का मुकाबला करने के लिए एक शक्तिशाली नौसेना बनाने जा रहा है. इसके लिए रूसी नौसेना एक स्टेल्थ एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने की योजना बना रही है. ये एयरक्राफ्ट कैरियर यानि विमानवाहक युद्धपोत इतना विशालकाय होगा कि अमेरिकी नौसेना भी शायद इससे डर जाए. 


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जानकारी के मुताबिक रूस जिस एयरक्राफ्ट कैरियर को बनाने जा रहा है. उसका वजन 90 हजार टन होगा. ये आकार में अमेरिकी सुपरकैरियर के बराबर होगा. इस एयरक्राफ्ट कैरियर पर स्टेल्थ तकनीक से लैस सुखोई-57 लड़ाकू विमानों को तैनात किया जाएगा. अब सवाल ये है कि अचानक रूस की सेना को महाविनाशक एयरक्राफ्ट कैरियर की जरूरत क्यों पड़ी?


क्यों रूस को चाहिए एयरक्राफ्ट कैरियर


दरअसल यूक्रेन से युद्ध में रूस के ब्लैक सी फ्लीट के कई जहाज तबाह हो गए. यही नहीं यूक्रेन और NATO देशों से मुकाबले के लिए उसे 4 एयरक्राफ्ट कैरियर की सख्त जरूरत है. रूस के पास एक भी एक्टिव विमानवाहक युद्धपोत नहीं है. जबकि, उसके सबसे बड़े दुश्मन अमेरिका के पास 11 एयरक्राफ्ट कैरियर हैं. शायद यही वजह है कि समुद्र में खतरों से निपटने के लिए रूस बहुत जल्द दुनिया का सबसे विशालकाय एयरक्राफ्टर कैरियर तैयार करना चाह रहा है.


'अहम क्षेत्रों में बढ़ानी होगी धमक'


रूसी नेवी के रिटायर्ड वाइस एडमिरल व्लादिमीर पेपेल्याव ने कहा, समंदर में खतरों को देखते हुए हमें एयरक्राफ्ट कैरियर की जरूरत है. उन्होंने जोर दिया कि रूस को अगर दुनिया की महाशक्ति रहना है तो अहम क्षेत्रों में समंदर में अपनी धमक बढ़ानी होगी. उन्होंने कहा कि जिस तरह से दुनिया की तस्वीर तेजी से बदल रही है, ऐसे में ताकत दिखाने और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए एयरक्राफ्ट कैरियर बेहद जरूरी है. 


जब उनसे पूछा गया कि रूस की नेव को कितने एयरक्राफ्ट कैरियर की जरूरत है तो उन्होंने कहा कि कम से कम 4 एयरक्राफ्ट कैरियर चाहिए. दो पैसिफिक फ्लीट के लिए और दो नॉर्दर्न फ्लीट के लिए.


पुतिन को मिलेगा किम का साथ


गौरतलब है कि यूक्रेन के खिलाफ रूस का युद्ध और भयानक होने वाला है. दरअसल नॉर्थ कोरिया रूस की मदद करने के लिए यूक्रेन में अपनी सेना भेजेगा. इस मामले पर पेंटागन के प्रेस सचिव मेजर जनरल पैट राइडर ने कहा, 'मुझे लगता है कि मैं अगर नॉर्थ कोरिया की सेना में होता तो यूक्रेन के खिलाफ एक अवैध युद्ध में तोप का चारा बनने के लिए अपनी सेना भेजने के अपने विकल्पों पर सवाल उठाता. नॉर्थ कोरिया द्वारा संभावित रूप से रूस को सैन्य बल भेजना निश्चित रूप से नजर रखने वाली बात है. इससे युद्ध के दौरान होने वाले नुकसान की संख्या बढ़ेगी.