बेलारूस: विक्षप की नेता मुश्किल में, रूस नाराज; उठाया ये कठोर कदम
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बेलारूस: विक्षप की नेता मुश्किल में, रूस नाराज; उठाया ये कठोर कदम

बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको (Belarus President Alexander Lukashenko) के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करने वालीं विपक्षी नेता सिवातलाना त्सिकानसुकाया (Sviatlana Tsikhounskaya) की मुश्किलों में इजाफा हो गया है.

विपक्षी नेता सिवातलाना त्सिकानसुकाया (फोटो: AFP)

मॉस्को: बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको (Belarus President Alexander Lukashenko) के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करने वालीं विपक्षी नेता सिवातलाना त्सिकानसुकाया (Sviatlana Tsikhounskaya) की मुश्किलों में इजाफा हो गया है. लुकाशेंको के करीबी रूस (Russia) ने त्सिकानसुकाया को अपनी ‘वांटेड लोगों’ की सूची में शामिल कर लिया है. 

  1. रूस ने बेलारूस की विपक्षी नेता को वांटेड लिस्ट में डाला
  2. बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको का विरोध कर रही हैं सिवातलाना त्सिकानसुकाया 
  3. राष्ट्रपति चुनाव परिणाम के बाद से पड़ोसी देश में रह रहीं हैं त्सिकानसुकाया

रूस के आंतरिक मंत्रालय ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि बेलारूस की 38 वर्षीय विपक्षी नेता सिवातलाना त्सिकानसुकाया का नाम वांछित लोगों की सूची में जोड़ा गया है. हालांकि, इसकी वजह नहीं बताई गई है, लेकिन यह साफ है कि त्सिकानसुकाया द्वारा अलेक्जेंडर लुकाशेंको के खिलाफ खोले गए मोर्चे से रूस नाराज है.

पड़ोसी देश में ली है शरण
बेलारूस में राष्ट्रपति चुनाव के बाद से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. लोगों का कहना है कि अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने धोखे से सत्ता हथियाई है, इसलिए उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए. सिवातलाना त्सिकानसुकाया चुनाव परिणाम के बाद बेलारूस छोड़कर पड़ोसी देश लिथुआनिया चली गई थीं. वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन जुटाने में लगी हैं. हाल ही में उन्होंने जर्मनी के विदेश मामलों के विशेषज्ञ नॉर्बर्ट रोएटजेन से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि वह लोकतंत्र की लड़ाई लड़ रहे बेलारूसी लोगों के प्रति जर्मनी के समर्थन से प्रभावित हैं. 

पुतिन हमारा भाग्य तय नहीं करेंगे
विपक्षी नेता ने रूस के इस कदम पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. उन्होंने केवल इतना कहा है कि ‘मैं बेलारूस में एक लोकतांत्रिक सरकार के गठन के लिए प्रयास कर रही हूं और इस सिलसिले में अब तक कई देशों के नेताओं से मुलाकात की है. जर्मन चांसलर ने मुझे बढ़िया सलाह भी दी है’. रूस पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि पुतिन हमारा भाग्य तय नहीं कर सकते, यह हमारी आंतरिक समस्या है और हमें ही इसे हल करना है. हालांकि, त्सिकानसुकाया ने कहा कि वह अन्य नेताओं के साथ ही मध्यस्थता के लिए पुतिन को भी आमंत्रित करना चाहती थीं.  

कनाडा और ब्रिटेन भी हुए सख्त
बेलारूस को लेकर दुनिया के कई देश हरकत में आ गए हैं. कुछ वक्त पहले राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के खिलाफ कनाडा और ब्रिटेन (UK and Canada) ने खुलकर अपना विरोध दर्ज किया था. दोनों देशों ने मानवाधिकारों के उल्लंघन पर लुकाशेंको, उनके बेटे और सात वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया है. इन प्रतिबंधों में यात्रा प्रतिबंध के साथ ही लुकाशेंको, उनके बेटे विक्टर लुकाशेंको और सात अन्य अधिकारियों की संपत्ति जब्त करने जैसे कदम शामिल हैं. हालांकि, कनाडा और ब्रिटेन के इस फैसले से रूस खासा नाराज चल रहा है.

क्या है विवाद?
बेलारूस में अगस्त में राष्ट्रपति चुनाव हुए थे. इस चुनाव में राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको को 80 प्रतिशत वोट मिले, लेकिन लोगों का कहना है कि चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली की गई. इसी को लेकर पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन हुए. बड़े पैमाने पर लोगों ने सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं, लेकिन लुकाशेंको पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. उल्टा वह प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निपट रहे हैं. हाल ही में राष्ट्रपति ने उन अधिकारियों को विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया, जिन्होंने सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर नकेल कसने में मदद की थी. इससे स्पष्ट हो जाता है कि लुकाशेंको सरकार प्रदर्शनकारियों से किस तरह निपटना चाहती है. सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 12,000 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है.

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