खारकीव को लेकर भारत सरकार की चेतावनी के क्या हैं मायने?
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खारकीव को लेकर भारत सरकार की चेतावनी के क्या हैं मायने?

खारकीव में रशिया के Fighter Jets ने यूक्रेन की सेना के एक Ware-house को एयर स्ट्राइक में नष्ट कर दिया. यूक्रेन का आरोप है कि रशिया ने इस दौरान ऐसी Missiles को इस्तेमाल किया, जो 300 मीटर के इलाक़े को एक बार में नुकसान पहुंचा सकती हैं.

खारकीव को लेकर भारत सरकार की चेतावनी के क्या हैं मायने?

नई दिल्लीः रूस-यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच बुधवार को कीव में मौजूद भारतीय दूतावास की तरफ़ से यूक्रेन के खारकीव शहर में फंसे भारतीय छात्रों से कहा गया है कि वो बुधवार रात साढ़े 9 बजे तक किसी भी तरह खारकीव शहर को छोड़ कर वहां से बाहर निकल जाएं. भारतीय दूतावास ने ये सलाह भी दी है कि अगर इन छात्रों को खारकीव से निकलने के लिए कोई वाहन नहीं मिलता तो वो खारकीव से कुछ दूर तीन इलाक़ों में पैदल ही जा सकते हैं. इनमें Pisochyn (पाइसोचेन) खारकीव से 11 किलोमीटर दूर है. Babai (बबई) 12 किलोमीटर दूर है और Bezlyudivka (बेज़लउ-दिवका) 16 किलोमीटर दूर है. भारतीय दूतावास की इस सलाह से ऐसा लगता है कि खारकीव में रशिया की सेना कोई बड़ी कार्रवाई करने वाली है.

  1. रूस-यूक्रेन युद्ध में भारी तबाही
  2. खारकीव में हालात बेहद खराब
  3. खारकीव में लगातार हमला कर रहा रूस

खारकीव में हालात बेहद खराब

दूसरी बड़ी ख़बर ये है कि बुधवार रात प्रधानमंत्री मोदी, व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन के मामले पर दूसरी बार बात करेंगे. और उम्मीद है कि इस दौरान वो यूक्रेन के खारकीव जैसे शहरों में फंसे भारतीय छात्रों को Safe Passage देने के मुद्दे पर उनसे बात कर सकते हैं. खारकीव में हालात बेहद खराब हैं. बुधवार को वहां एक व्यक्ति रिहायशी इमारत के बाहर खड़ा हुआ था, लेकिन इसी दौरान एक मिसाइल अटैक हुआ और इस व्यक्ति की मृत्यु हो गई. अब तक 17 हज़ार भारतीय नागरिक यूक्रेन छोड़ कर Poland और Romania जैसे पड़ोसी देशों में सुरक्षित पहुंच चुके हैं. ऑपरेशन गंगा के तहत कुल 16 Flights में 3 हज़ार 352 नागरिकों को Evacuate करके भारत लाया जा चुका है. इसके अलावा अगले 24 घंटे में 15 और Flights भारत आने वाली हैं. और भारतीय वायु सेना के चार विमान लगभग 800 भारतीय छात्रों को लेकर बुधवार देर रात तक भारत पहुंच सकते हैं.

यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भारत के चार सीनियर मंत्री

भारत इकलौता ऐसा देश है, जिसके चार सीनियर मंत्री यूक्रेन के पड़ोसी देशों में रह कर भारतीय छात्रों को Evacuate कर रहे हैं. और ये सभी मंत्री यूक्रेन से भारतीय छात्रों को विदा कर रहे हैं और भारत में मौजूद मंत्री उनका स्वागत करके उनका हौसला बढ़ा रहे हैं. यूक्रेन और रशिया के बीच जारी ये युद्ध अब तीसरे चरण में पहुंच चुका है. पहले चरण में रशिया की सेना यूक्रेन की सीमा में दाखिल हुई. दूसरे चरण में उसने उन इलाक़ों पर अपने नियंत्रण को मजबूत किया, जहां रशिया समर्थित विद्रोही पहले से मौजूद थे. और इस दौरान रशिया ने ज्यादा बड़े हमले नहीं किए. बल्कि उसकी तरफ़ से केवल सैन्य अड्डों और सरकारी इमारतों पर कार्रवाई की गई. लेकिन अब तीसरे चरण में रशिया की सेना बड़े पैमाने पर यूक्रेन में हमले कर रही है और अब ज्यादा से ज़्यादा हवाई हमले और मिसाइल अटैक किए जा रहे हैं.

खारकीव में मिसाइलों से भयानक हमले

बुधवार को खारकीव में रशिया के Fighter Jets ने यूक्रेन की सेना के एक Ware-house को एयर स्ट्राइक में नष्ट कर दिया. यूक्रेन का आरोप है कि रशिया ने इस दौरान ऐसी Missiles को इस्तेमाल किया, जो 300 मीटर के इलाक़े को एक बार में नुकसान पहुंचा सकती हैं. खारकीव में ही बुधवार को रशिया ने यूक्रेन के एक तोपखाने को भी बम धमाके में उड़ा दिया. बताया जा रहा है कि हमले के दौरान यहां यूक्रेन के कुछ सैनिक भी मौजूद थे और ये सैनिक अपनी आख़िरी सांस तक इस तोपखाने में रखे हथियारों की रक्षा करते रहे. और आखिरी में उन्होंने अपनी जान दे दी.

खारकीव में हुई थी भारतीय छात्र की मौत

रशिया अब यूक्रेन के सैन्य अड्डों, पुलिस स्टेशंस, तोपखानों और सरकारी इमारतों को निशाना बना रहा है. और दावा है कि खारकीव में पिछले तीन दिन में 150 से ज़्यादा Missiles, 180 से ज्यादा Rockets और 20 से ज़्यादा बम धमाके हो चुके हैं. जिनमें यूक्रेन के 30 से ज्यादा नागरिकों की जान जा चुकी है. मंगलवार को खारकीव में ही नवीन नाम के एक भारतीय छात्र की भी हवाई हमले के दौरान मौत हो गई थी. बुधवार को खारकीव में यूक्रेन की National Air Force University, एक Tank School और एक Oil Depot को भी रशिया की सेना ने मिसाइल अटैक में नष्ट कर दिया. यानी खारकीव अब युद्ध की आग में जल कर धीरे-धीरे खाक हो रहा है और पूरे शहर में बम धमाकों की आवाज़ें सुनी जा रही हैं.

यूक्रेन का 70 प्रतिशत हिस्सा युद्ध की आग में

इस समय यूक्रेन का 70 प्रतिशत हिस्सा युद्ध की आग में जल रहा है. रशिया की सेना का दावा है कि उसने दक्षिणी यूक्रेन में स्थित Kherson (खरसॉन) इलाक़े पर अपना कब्जा कर लिया है. और वहां के हवाई अड्डों को भी नष्ट कर दिया है. पूर्वी यूक्रेन के Donstek (दोनियस्क), Marioupol (मैरिओपोल) और डोनबास प्रांत में भी रशिया की सेना मजबूत स्थिति में बताई जा रही है. दोनियस्क पूर्वी यूक्रेन का वही क्षेत्र है, जिसे व्लादिमीर पुतिन ने स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दी है. इसी तरह उत्तरी यूक्रेन में स्थित, यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में रशिया की सेना नियंत्रण की लड़ाई लड़ रही है. और खारकीव के गवर्नर ने बताया है कि यहां किसी भी समय रशिया की सेना का कब्जा हो सकता है. इसके अलावा बेलारूस से भी रशिया की सेना कीव की तरफ़ बढ़ रही है. और कीव की घेराबंदी के लिए रशिया ने ज़बरदस्त तैयारी की हुई है. यूक्रेन का आरोप है कि रशिया के 20 से ज़्यादा Fighter Jets, 100 से ज़्यादा Tanks और 10 हज़ार सैनिक कीव को घेर कर खड़े हुए हैं.

करीब पांच लाख लोग छोड़ चुके हैं यूक्रेन

इसके अलावा Marioupol (मैरिओपोल) में भी बुधवार को यूक्रेन और रशिया की सेना के बीच सैन्य संघर्ष हुआ है, जिसमें भारी गोलीबारी हुई और कई सरकारी इमारतों को भी नुकसान पहुंचा है. इस युद्ध के बीच लगभग पांच लाख लोग यूक्रेन को छोड़ चुके हैं. और पलायन का ये सिलसिला अब भी जारी है. इनमें 2 लाख 81 हज़ार लोगों ने यूक्रेन के पड़ोसी देश Poland में शरण ली है. 30 हज़ार लोग यूक्रेन से पलायन करके Slovakia पहुंचे हैं. Hungary में 84 हज़ार, Romania में 32 हज़ार, Moldova में 36 हज़ार और दूसरे यूरोपीय देशों में 34 हज़ार लोग यूक्रेन से पहुंचे हैं.

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