Russia-Ukraine War: मोबाइल चालू करते ही आसमान से गिरते हैं बम! युद्ध में शुरू हुई ऐसी खतरनाक टेक्नोलॉजी
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Russia-Ukraine War: मोबाइल चालू करते ही आसमान से गिरते हैं बम! युद्ध में शुरू हुई ऐसी खतरनाक टेक्नोलॉजी

Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध को 100 दिन पूरे हो गए हैं. इस बीच रूस इलेक्ट्रॉनिक युद्ध की मदद ले रहा है. अगर कोई यूक्रेन के युद्ध के मैदान में फोन ऑन करता है तो उस पर आसमान से बमबारी हो सकती है. 

Russia-Ukraine War: मोबाइल चालू करते ही आसमान से गिरते हैं बम! युद्ध में शुरू हुई ऐसी खतरनाक टेक्नोलॉजी

Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध ( Russia Ukraine War) को चलते हुए 100 दिन पूरे हो गए हैं. आज 101वें दिन भी रूस का यूक्रेन पर लगातार हमला जारी है. इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. यूक्रेन के युद्ध के मैदान में मोबाइल फोन चालू करने पर आसमान से बमबारी हो सकती है. तोपखाना राडार और मानवरहित वायुयान (यूएवी) के लिए रिमोट कंट्रोल के जरिये भी गोले बरसाये जा सकते हैं.

इलेक्ट्रॉनिक युद्ध की ले रहा है मदद

यह एक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध है, जो यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध का बहुत हद तक एक अदृश्य पहलू है. सैन्य कमांडर इस पर चर्चा करने से बचते नजर आ रहे हैं. उन्हें आशंका है कि गोपनीय जानकारियां शेयर कर वे मिशन को जोखिम में डाल देंगे.

नेविगेशन की मदद से करता है काम

इलेक्ट्रॉनिक युद्ध टेक्नोलॉजी दुश्मन का पता लगाने और उनपर घातक हमले करने के लिये संचार, नेविगेशन (दिशा सूचक प्रणाली) आदि को निशाना बनाती है. इसमें तोपखाना, लड़ाकू विमान, क्रूज मिसाइलों, ड्रोन आदि का इस्तेमाल किया जाता है. यह एक ऐसा क्षेत्र है, जहां युद्ध में रूस स्पष्ट रूप से लाभ उठाता दिख रहा है. यूक्रेनी यूएवी से संबद्ध एक टीम एरोरोजविदका के एक अधिकारी ने कहा, ‘वे उनकी हर चीज को जाम कर रहे हैं.'

रूस-यूक्रेन युद्ध को 100 दिन पूरे

गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन युद्ध को 100 दिन पूरे हो चुके हैं. अभी भी रूस के हमले जारी हैं. इस बीच यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि रूसी सैनिकों का अब यूक्रेन के लगभग 20 फीसदी क्षेत्र पर कब्जा है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फरवरी के अंत में जब यूक्रेन में सैनिक भेजे थे तब उन्होंने संकल्प लिया था कि रूसी सेना पड़ोसी देश पर कब्जा नहीं करेगी, लेकिन सैन्य अभियान 100 वें दिन शुक्रवार को भी जारी रहा और रूस द्वारा युद्ध में कब्जा किये गये क्षेत्र को छोड़ने की संभावना नजर नहीं आ रही है.

(इनपुट- एपी)

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