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Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग को शनिवार को 24 दिन पूरे हो गए हैं लेकिन दोनों में से कोई भी मुल्क झुकने को तैयार नहीं है. इस जंग में एक इस्लामिक देश भी सीधे तौर पर पिस रहा है. जिसने अब मदद के लिए भारत के आगे हाथ फैलाए हैं.
दरअसल दुनियाभर में हर साल करीब 200 मिलियन टन गेहूं का निर्यात होता रहा है. इस निर्यात में रूस और यूक्रेन की भागीदारी 50-50 मिलियन टन की मानी जाती है. जबकि बाकी 100 मिलियन टन में दुनिया के बाकी देश आते हैं.
रूस और यूक्रेन के बीच जारी भीषण जंग (Russia Ukraine War) से दोनों देशों का गेहूं निर्यात अचानक रुक गया है. जिससे उनके गेहूं पर निर्भर दुनिया के कई देशों में अचानक अनाज की भारी कमी पैदा हो गई है. इन देशों में इस्लामिक देश लेबनान (Lebanon Wheat Crisis) भी शामिल है. वह अपनी जरूरत का करीब 60 फीसदी यानी 50 हजार टन गेहूं रूस और यूक्रेन से खरीदता रहा है. अब दोनों देशों के बीच जारी जंग की वजह से गेहूं की यह सप्लाई बंद हो गई है. जिसके चलते लेबनान में अपनी आबादी को खिलाने के लिए गेहूं का रिजर्व स्टॉक लगातार खत्म होता जा रहा है.
तुर्की की समाचार एजेंसी के अनुसार, लेबनान की अर्थव्यवस्था और व्यापार मंत्री अमीन सलाम ने लेबनान में भारत के राजदूत डॉ सोहेल एजाज खान से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान लेबनानी मंत्री ने रूस-यूक्रेन जंग के कारण गेहूं की आपूर्ति (Lebanon Wheat Crisis) रूक जाने की जानकारी दी और भारत से मदद की अपील की.
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रिपोर्ट के मुताबिक भारत के राजदूत डॉ सोहेल एजाज खान ने लेबनान के मंत्री को मदद का आश्वासन दिया. राजदूत ने कहा कि भारत के पास गेहूं का पर्याप्त भंडार है और वो लेबनान तक आपूर्ति के कदम उठाएगा.
रिपोर्ट के मुताबिक लेबनान ने अपने अनाज संकट (Lebanon Wheat Crisis) को दूर करने के लिए तुर्की और अन्य देशों के साथ भी बातचीत की है. उसे चिंता इस बात की है कि देश में गेहूं का रिजर्व स्टॉक लगातार खत्म हो रहा है. अगर वक्त रहते देश में गेहूं का इंतजाम नहीं किया गया तो लाखों लोगों के सामने भुखमरी का संकट खड़ा हो जाएगा.
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