रूस-यूक्रेन युद्ध में आया नया मोड़, रशिया-अमेरिका के बीच कुछ बड़ा होने वाला है?
क्या रशिया में जल्द ही कुछ बड़ा होने वाला है. दरअसल अमेरिका ने रशिया में रहने वाले अपने सभी नागरिकों को तुरंत प्रभाव से रशिया से बाहर चले जाने के लिए कहा है.
Russia Ukraine War: अमेरिका ने रशिया में रहने वाले अपने सभी नागरिकों को तुरंत प्रभाव से रशिया से बाहर चले जाने के लिए कहा है. इसका मतलब ये है कि आने वाले दिनों में कुछ ऐसा होने वाला है, जिससे रशिया में रहने वाले अमेरिकी नागरिकों की जान ख़तरे में पड़ सकती है.
बड़ी ख़बर ये है कि रशिया ने जर्मनी और फ्रांस समेत 36 यूरोपीय देशों के लिए अपना Air Space बन्द कर दिया है. बेलारूस में सोमवार को पहली बार यूक्रेन और रशिया के बीच युद्ध को रोकने के लिए बातचीत हुई है लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला. इस बीच अब व्लादिमीर पुतिन ने रशिया के परमाणु हथियारों को कंट्रोल करने वाली Forces को अलर्ट कर दिया है, जिससे रशिया पूरी दुनिया को ये धमकी दे रहा है कि वो ज़रूरत पड़ने पर अपना Nuclear बटन भी दबा सकता है.
जंग के 5वें दिन भी रूस को नहीं मिली सफलता
यूक्रेन और रशिया के बीच छिड़े इस युद्ध को सोमवार को पांच दिन पूरे गए. इन पांच दिनों में रशिया ने मध्य यूक्रेन, पूर्वी यूक्रेन, उत्तर पूर्वी यूक्रेन और दक्षिण यूक्रेन के ज्यादातर इलाकों पर अपने नियंत्रण का दावा किया है. हालांकि यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि उसकी सेना और नागरिकों ने रशिया की सेना को परेशान करके रख दिया है और रशिया की सेना के लिए अब किसी भी इलाक़े में ज्यादा देर तक अपना नियंत्रण बरकरार करके रख पाना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है.
युद्ध की इस त्रासदी को आप यूक्रेन की राजधानी कीव से आई उन खबरों से भी समझ सकते हैं. जहां यूक्रेन के सैनिकों और नागरिकों ने मिल कर रशिया की सेना के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ी. उसमें 15 से ज्यादा इमारतों और 8 से ज्यादा रशियन टैंक्स के नष्ट होने का दावा है. इस खबर से आपको पता चलेगा कि कैसे युद्ध, एक शहर को उजाड़ देता है और उस पर ऐसे दाग़ लगाता है, जिन्हें कभी नहीं मिटाया जा सकता.
रूसी सैनिकों ने ऑयल डिपो में आग लगाई
आरोप है कि रशिया के सैनिकों ने कीव में एक Oil Deopt को इसलिए आग लगा दी ताकि इस इलाक़े में रहने वाले यूक्रेन के नागरिक, अपने घर छोड़ कर भाग जाएं. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. यूक्रेन के नागरिक अब भी इस इलाक़े में मौजूद है. हालांकि इस Oil Depot में लगी आग को अब तक नहीं बुझाया जा सका है क्योंकि इस इलाक़े में रशिया की सेना किसी को प्रवेश नहीं करने दे रही है.
कीव के पूर्वी इलाक़ों में सोमवार को भी लगातार बम धमाकों की आवाज़ सुनी गई और रशिया की सेना ने रिहायशी इलाक़ों और आम नागरिकों को निशाना बनाते हुए रॉकेट हमले किए. इन अटैक से एक साथ कई इमारतें नष्ट हो गई.
ये एक बड़ा विरोधाभास ये है कि सोमवार को जिस समय बेलारूस में यूक्रेन और रशिया के प्रतिनिधिमंडल के बीच शांति वार्ता चल रही थी. उसी दौरान बेलारूस की सीमा से कुछ दूर यूक्रेन के खारकीव शहर में रशिया की सेना की ओर से मिसाइल अटैक किए जा रहे थे. इसलिए बड़ा सवाल ये है कि आज दुनिया किस बात को सही माने. एक तरफ़ बातों का शोर है और दूसरी तरफ़ बम धमाकों का. इस शोर में यूक्रेन के नागरिकों की पीड़ा और उनका दर्द कोई नहीं समझना चाहता.
इस युद्ध में यूक्रेन के नागरिक, सच्चे सिपाही की तरह अपनी देश की रक्षा करने के लिए रशिया की सेना से लड़ रहे हैं. यूक्रेन के Bakhmach (बक्खमाक) में यूक्रेन का एक आम नागरिक रशिया के Tank को रोकने के लिए उस पर चढ़ गया और उसे अपने इलाक़े में प्रवेश करने से रोकने की कोशिश की. जब ये टैंक नहीं रुका तो ये व्यक्ति घुटनों पर बैठ गया और इसने कहा कि वो खुशी खुशी इस टैंक के नीचे कुचल कर मरना पसन्द करेगा लेकिन वहां से हटेगा नहीं.
भारतीयों को यूक्रेन से सीखने की जरूरत
सोचिए, यूक्रेन के नागरिक कैसे इस युद्ध में एक सैनिक की तरह रशिया के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ रहे हैं. भारत के लोगों को यूक्रेन के लोगों से ये सीखना चाहिए कि एक सच्चा नागरिक, देश के लिए टैक्स भी देता है और ज़रूरत पड़ने पर जान भी देता है.
इसी तरह की खबर यूक्रेन के Koryukivka (करॉकेवका) से आई है, जहां रशियन Tanks को रोकने के लिए यूक्रेन के नागरिक सड़कों पर उतर आए. इन लोगों ने पैदल मार्च निकाल कर रशिया के सैनिकों को पीछे जाने के लिए मजबूर कर दिया.
यूक्रेन में इस समय मार्शल लॉ लागू है, जिसके तहत 18 से 60 साल के पुरुष नागरिकों के लिए सेना के साथ युद्ध में लड़ना अनिवार्य है. हालांकि यूक्रेन में केवल पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाओं ने भी रशिया की सेना के ख़िलाफ़ हथियार उठा लिए हैं. अकेले कीव में अब तक नागरिकों को 25 हज़ार Assault Rifles सरकार बांट चुकी हैं. हालांकि रशिया अब हवाई हमलों पर ज्यादा ज़ोर दे रहा है. सोमवार को पश्चिमी यूक्रेन के एक एयरपोर्ट के पास हवाई हमले किए गए, जिनमें कुछ नागरिकों के भी घायल होने की ख़बर है.
बेलारूस में हुई बैठक में नहीं निकला कोई नतीजा
इस संघर्ष के बीच सोमवार को बेलारूस में रशिया और यूक्रेन के बीच पहली बार बातचीत शुरू हुई. बेलारूस के Gomel (होमेल) शहर में शांति वार्ता के लिए रशिया और यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल ने काफ़ी लंबी चर्चा की. इस बैठक में यूक्रेन की तरफ़ से वहां के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के सलाहकार, यूक्रेन के रक्षा मंत्री और उप-विदेश मंत्री शामिल हुए. जबकि रशिया की तरफ़ से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सलाहकार और बेलारूस के विदेश मंत्री भी इस शांति वार्ता में मौजूद रहे.
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ये बैठक करीब साढ़े तीन घंटे तक चली. इस दौरान यूक्रेन की तरफ़ से तुरंत सीज़फायर लागू करने की मांग की गई. हालांकि यूक्रेन चाहता है कि रशिया पूर्वी यूक्रेन के डोनबास और दक्षिणी यूक्रेन के क्राइमिया क्षेत्र से अपनी सेना को वापस बुला ले. रशिया ने इन दोनों ही मांगों को सार्थक नहीं माना है और कहा है कि यूक्रेन इस तरह की शर्तें लगा कर युद्ध को रोकना ही नहीं चाहता. यानी आज युद्ध को रोकने के लिए रशिया और यूक्रेन के बीच बातचीत तो शुरू हुई लेकिन इस बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला.
इस शांति वार्ता के बीच दो तस्वीरों की काफी चर्चा हुई. पहली तस्वीर में रशिया के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके रक्षा मंत्री बातचीत करते दिखे. पुतिन, अपने रक्षा मंत्री से काफी दूरी पर बैठकर बात कर रहे हैं. वह तस्वीर एक दिन पहले की थी, जब रशिया के रक्षा मंत्री पुतिन को यूक्रेन संकट पर जानकारी दे रहे थे. दूसरी तस्वीर में यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की, अपने रक्षा मंत्री के गले में हाथ डाल कर उनके साथ बैठे हुए हैं. इन दोनों तस्वीरों से ज़ेलेंस्की और पुतिन में अंतर कर सकते हैं.