मास्को : रूस में राष्ट्रपति चुनाव केलिए आज मतदान हुआ. इसके जरिए व्लादिमीर पुतिन को लगातार चौथा कार्यकाल मिलने वाला है. अधिकारियों ने बताया कि अच्छा खासा मतदान हुआ है जबकि विपक्ष चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगा रहा है. पुतिन को नया जनादेश देने के लिए काफी संख्या में वोटों की जरूरत है क्योंकि रूस ब्रिटेन में एक जासूस को जहर दिए जाने को लेकर अलग-थलग पड़ने की स्थिति और नए अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहा है.


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10 करोड़ से अधिक वोटर
पुतिन के खिलाफ सात उम्मीदवार हैं. लेकिन उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी अलेक्सेई नवलनी को कानूनी कारणों को लेकर रोक दिया गया है. इस तरह चुनाव नतीजों को लेकर तनिक भी संदेह नहीं है. करीब 10.7 करोड़ रूसी मतदान करने के योग्य हैं लेकिन कुछ विशेषज्ञों ने कहा है कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के तौर पर पुतिन का 18 साल के नेतृत्व के बाद मतदाताओं में उनके प्रति उत्साह कम हो सकता है. चुनाव अधिकारियों ने बताया कि दोपहर दो बजे तक करीब 52 प्रतिशत मतदान हुआ. लेकिन नवलनी ने आरोप लगाया कि चुनाव में धांधली हुई है.


2000 में बने थे पहली बार राष्ट्रपति
पुतिन 2000 में राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से दुनिया के सबसे बड़े देश पर अपना पूरा अधिकार कायम कर रखा है. उन्होंने टीवी को सरकार के नियंत्रण में रखा है. 65 वर्षीय पूर्व केजीबी अधिकारी ने चुनाव प्रचार में रूस के विश्व के एक बड़ी शक्ति होने पर जोर दिया. चुनाव पूर्व भाषण में अपने अपराजेय नये परमाणु हथियारों पर जोर दिया.


पूर्व जासूस को जहर देने का मामला: ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने पुतिन को ठहराया दोषी, रूस ने किया पलटवार


मास्को में अपना वोट डालते हुए पुतिन ने कहा कि उन्हें राष्ट्रपति पद पर बने रहने का अधिकार देने वाले किसी नतीजे से खुशी होगी. मीडिया से बात करने वाले ज्यादातर लोगों ने कहा कि उन्होंने पुतिन को वोट दिया. उन्होंने सोवियत संघ के विघटन के बाद की नाजुक स्थिति से देश को निकालने को लेकर उनकी सराहना की.


कई मतदान केंद्रों पर माहौल उत्साहजनक रहा. लेकिन नवलनी ने मतदान का बहिष्कार करने का अनुरोध किया. अवैध प्रदर्शन करने को लेकर वह 30 दिनों तक जेल में रहे. उन्होंने 33,000 से अधिक चुनाव पर्यवेक्षकों को तैनात किया. उनकी टीम ने मतदान को पुतिन की फिर से नियुक्ति के लिए सुनियोजित प्रक्रिया बताया.


(इनपुट भाषा से)