वॉशिंगटन: सीरिया के सहयोगी देश रूस ने संदिग्ध रासायनिक हमले के जवाब में बशर अल असद सरकार के खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व वाले हमलों के बाद ‘‘परिणाम’’ भुगतने की चेतावनी दी है. अमेरिका में रूस के राजदूत एनातोली एंतोनोव ने एक बयान में कहा, ‘‘एक बार फिर, हमें धमकाया जा रहा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम आगाह करते हैं कि ऐसी कार्रवाई को बिना परिणाम भुगते नहीं छोड़ा जाएगा. इसकी सारी जिम्मेदारी अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस पर है. रूस के राष्ट्रपति का अपमान करना अस्वीकार्य और अमान्य है.’’


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इस बीच , मॉस्को में रूस के विदेश मंत्रालय ने शनिवार (14 अप्रैल) को कहा कि सीरिया पर पश्चिमी देशों के हमले ऐसे समय में हुए हैं जब देश के पास ‘‘शांतिपूर्ण भविष्य का मौका’’ था. विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने फेसबुक पर लिखा, ‘‘इन सबके पीछे जिम्मेदार लोग दुनिया में नैतिक नेतृत्व का दावा करते हैं और यह ऐलान करते हैं कि वे कुछ अलग हैं. आपको उस समय सीरिया की राजधानी पर हमले करने के लिए वास्तव में अलग होने की जरुरत है जब उसके पास शांतिपूर्ण भविष्य का मौका था.’’


ट्रंप ने जताया ब्रिटेन और फ्रांस का आभार
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार (14 अप्रैल) को घोषणा की कि बशर अल असद की ‘‘आपराधिक’’ सरकार को निशाना बनाने के लिए सीरिया पर अमेरिका-ब्रिटेन-फ्रांस ने संयुक्त अभियान शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि सीरिया में कथित रासायनिक हमले से हिंसा में ‘‘बड़ी वृद्धि’’ हुई. ट्रंप ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, ‘‘यह किसी व्यक्ति की कार्रवाई नहीं है, यह एक दानव के अपराध हैं.’’ 


ट्रंप ने कहा, ‘‘कुछ समय पहले मैंने अमेरिका की सशस्त्र सेनाओं को सीरियाई तानाशाह बशर अल असद की रासायनिक हथियार क्षमताओं से जुड़े ठिकानों पर सटीक हमले करने के आदेश दिए. फ्रांस और ब्रिटेन की सशस्त्र सेनाओं के साथ संयुक्त अभियान चल रहा है. हम दोनों देशों का आभार जताते हैं.'' उन्होंने कहा, ‘‘फ्रांस और ब्रिटेन की सशस्त्र सेनाओं के साथ संयुक्त अभियान चल रहा है. हम दोनों देशों का आभार जताते हैं.’’ सीरिया के पूर्वी गोता के डौमा में हाल में कथित रूप से सीरिया द्वारा रसायनिक हथियारों के इस्तेमाल को लेकर अमेरिका ने पहले ही असद सरकार को चेतावनी दी थी. इस हमले में बच्चों सहित 75 लोग मारे गए थे.


फ्रांस ने कहा, हमलों का लक्ष्य सीरिया के रसायनिक हथियार
फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने कहा कि सीरियाई सरकार की रासायनिक हथियारों के उत्पादन और उनके इस्तेमाल की क्षमता को लक्षित कर अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा चलाए जा रहे अभियान से फ्रांस भी जुड़ा है. सीरियाई राजधानी से धमाकों की आवाज सुने जाने के कुछ समय बाद ही उन्होंने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘हम रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल को सामान्य माने जाने की बात को बर्दाश्त नहीं कर सकते.’’


'ब्रिटेन के पास सीरिया पर मिसाइल हमला करने के सिवा कोई दूसरा रास्ता नहीं था'
ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने शनिवार (14 अप्रैल) को कहा कि सीरिया में बल के इस्तेमाल के अलावा कोई ‘‘व्यवहारिक विकल्प’’ नहीं बचा था. उन्होंने इसके साथ ही सीरिया में हमले के लिए फ्रांस और अमेरिका का साथ देने का भी ऐलान किया. उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘आज (शनिवार, 14 अप्रैल) शाम मैंने ब्रिटिश सशस्त्र सेनाओं को सीरियाई सरकार की रसायनिक हथियारों की क्षमता को कम करने और उन्हें नष्ट करने के लिये समन्वित और लक्षित हमले करने के लिये अधिकृत किया.’’