सुदूर अंतरिक्ष में जीवन तलाश रहे वैज्ञानिकों ने फिर पकड़े 'एलियन संदेश', AI से मिली मदद
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सुदूर अंतरिक्ष में जीवन तलाश रहे वैज्ञानिकों ने फिर पकड़े 'एलियन संदेश', AI से मिली मदद

दूसरे ग्रहों पर जीवन की तलाश करने के लिए चलाए जा रहे ब्रेकथ्रू लिसन अभियान के तहत हुई संदेशों की पहचान.

फाइल फोटो

नई दिल्‍ली : सुदूर अंतरिक्ष में पृथ्‍वी जैसे ग्रहों और उनपर जीवन की तलाश कर रहे वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता मिली है. सोमवार को वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्‍होंने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) की मदद से सुदूर अंतरिक्ष से आने वाली 72 फास्‍ट रेडियो बर्स्‍ट (FRB) या 'एलियन संदेश' को पकड़ा है. वैज्ञानिकों को यह सफलता 10 करोड़ रुपये की लागत से चलाए जा रहे खगोलीय कार्यक्रम ब्रेकथ्रू लिसन के जरिये मिली है.

जीवन होने की संभावना
बाहरी दुनिया में जीवन की तलाश करने के मकसद से चलाए जा रहे इस शोध में शामिल वैज्ञानिकों के मुताबिक जिस भी स्‍थान से ये तरंगें आई हैं, वहां पर जीवन होने की भी संभावनाएं हो सकती हैं. FRB शुरू से ही काफी रहस्‍यमयी रही हैं. वैज्ञानिक इनके स्रोत और इनका संरचना को लेकर लगातार शोध कर रहे हैं.

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लंबा सफर तय करती हैं ये तरंगें
माना जाता है कि ये तरंगें सुदूर अंतरिक्ष में हुए रेडियो उत्‍सर्जन के विस्‍फोट से उत्‍पन्‍न होती हैं और पृथ्‍वी पर आते-आते यह पूरी तरह से नष्‍ट हो जाती हैं. लेकिन अभी तक इनके उत्‍पन्‍न होने की ठोस वजह पता नहीं चल पाई है. वैज्ञानिक यह भी नहीं जान पाए हैं कि आखिर ये इतना लंबा सफर तय करके पृथ्‍वी तक पहुंचती कैसे हैं.

एक ही स्‍थान से आ रहींं 72 FRB
लेकिन वैज्ञानिकों ने इस बार 72 ऐसी FRB का पता लगाया है, जो एक ही स्‍थान से आई हैं. उन्‍होंने इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद ली. उसके जरिये पुराने प्राप्‍त डाटा का विश्‍लेषण किया गया और 72 FRB का पता चल पाया. माना जा रहा है कि यह पृथ्‍वी से करीब 3 अरब प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित आकाशगंगा FRB-121102 से आ रही हैं. 

भारतीय वैज्ञानिक ने पाई थी सफलता
पिछले साल FRB-121102 को भारत के गुजरात के रहने वाले वैज्ञानिक विशाल गज्‍जर ने पकड़ा था. वह बर्कले स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में रिसर्चर हैं. ऐसी रेडियो तरंगों को पहली बार ऑस्‍ट्रेलिया के पार्क्‍स टेलीस्‍कोप के जरिये पकड़ा गया था. यह तरंगे महज कुछ ही मिलीसेकंड की होती हैं. इसके बाद इन्‍हें दुनियाभर के टेलीस्‍कोपों के जरिये पकड़ा गया है.

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टेलीस्‍कोप की मदद से मिली मदद
ब्रेकथ्रू लिसन कार्यक्रम की ओर से बताया गया कि रेडियो तरंगों के एक विस्फोट के दौरान ज्यादातर FRB की पहचान हुई. लेकिन FRB-121102 ही एकमात्र ऐसी आकाशगंगा है, जहां से लगातार रेडियो तरंगें निकल रही हैं. इनमें 2017 में ब्रेकथ्रू लिसन के जरिये वेस्ट वर्जिनिया में ग्रीन बैंक टेलिस्कोप की मदद से 21 FRB की पहचान भी शामिल हैं.

5 घंटे का विश्‍लेषण
ब्रेकथ्रू अभियान के कार्यकारी निदेशक पीट वॉर्डन ने कहा कि 2017 में डॉ. विशाल के नेतृत्व में 5 घंटे लंबे विश्लेषण के बाद FRB-121102 का पता लगाया गया था. लिसन साइंस की टीम ने अब एक नया, पावरफुल मशीन लर्निंग एल्गोरिदम भी विकसित कर लिया है जिसने दोबारा 2017 के डाटा का विश्‍लेषण किया. इसी के जरिये 72 नई FRB का पता चला.

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