स्थानीय प्रशासन ने बम मिलने वाली जगह के आसपास का करीब 500 मीटर का एरिया शहर के लोगों से खाली करने के लिए कहा है.
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नई दिल्ली: जर्मनी (Germany) में जमीन के नीचे से अचानक द्वितीय विश्वयुद्ध (Second World War) के जमाने के बड़े-बड़े बम मिलने से हड़कंप मच गया है. ये बम पिछले 75 साल से पश्चिमी जर्मनी के डॉर्टमुंड शहर में जमीन के नीचे दफ्न थे. दूसरे विश्वयुद्ध के एक-एक बम का वजन 200 किलोग्राम तक है. आपको बता दें कि इन विशालकाय बमों को अब निष्क्रिय कर दिया गया है. इन बमों के प्रभाव से लोगों को बचाने के लिए स्थानीय प्रशासन ने बम मिलने वाली जगह के आसपास का करीब 500 मीटर का एरिया शहर के लोगों से खाली करने के लिए कहा है. अब तक करीब 14 हजार लोग डॉर्टमुंड शहर छोड़कर जा चुके हैं.
गौरतलब है कि इन विशालकाय बमों के प्रभाव से डॉर्टमुंड शहर के लोगों को बचाने के लिए स्थानीय प्रशासन को एक और समस्या का सामना करना पड़ रहा है. शहर में जहां भी ये बम मिलते हैं वहां इन बमों को देखने के लिए भारी भीड़ जमा हो जाती है. जबकि प्रशासन चाहता है कि बम से कहीं कोई दुर्घटना ना हो जाए इसीलिए लोगों को इन बमों से जितना दूर रखा जाए उतना ही सही होगा.
एक दिलचस्प बात ये भी है कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बमों के जर्मनी के डॉर्टमुंड शहर में पाए जाने को लेकर दो मत सामने आ रहे हैं. एक तरफ जहां स्थानीय मीडिया का मानना है कि ये बम द्वितीय विश्वयुद्ध में जर्मनी के खिलाफ लड़ रहे मित्र राष्ट्रों पर हमले के लिए डॉर्टमुंड शहर में लाए गए थे वहीं दूसरी तरफ एक मशहूर न्यूज़ एजेंसी कह रही है कि ये बम मित्र राष्ट्र की सेनाओं ने जर्मनी के ऊपर बरसाए थे लेकिन उस समय खुशकिस्मती से ये बम फटे नहीं थे.