अमेरिका में डलास की एक अदालत ने भारतीय बच्ची शिरीन मैथ्यूज की 2017 में हुई मौत के मामले में उसके भारतीय-अमेरिकी सौतेले पिता वेस्ली मैथ्यूज (39) को बुधवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
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ह्यूस्टन: बिहार के नालंदा जिले के अनाथालय से गोद ली हुई तीन साल की बेटी की हत्या के मामले में भारतीय अमेरिकी नागरिक ने अपनी आजीवन कारावास की सजा कम कराने के लिए अदालत से अनोखी अपील करते हुये कहा है कि उसे यकीन था कि बच्ची मरी नहीं है और उसका मानना था कि अगर उसे उसके घर के पास दफनाया गया तो वह जीवित हो जायेगी जैसा कि ईसाई पवित्र धर्म ग्रंथ बाइबिल में वर्णित चरित्र लाजरस का है जो मर कर एक बार फिर जीवित हो गया था. अमेरिका में डलास की एक अदालत ने भारतीय बच्ची शिरीन मैथ्यूज की 2017 में हुई मौत के मामले में उसके भारतीय-अमेरिकी सौतेले पिता वेस्ली मैथ्यूज (39) को बुधवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
कुल 12 सदस्यों वाली ज्यूरी ने तीन घंटे की सुनवाई के बाद एकमत होकर यह निर्णय दिया था. मैथ्यूज को सोमवार को शिरीन की मौत के मामले बच्चे को चोट पहुंचाने के मामले में दोषी ठहराया गया. हालांकि शुरूआत में टेक्सॉस पुलिस ने मौत की सजा देने की मांग की थी. पुलिस को इस बच्ची का शव बहुत ही अधिक सड़ी गली अवस्था में उसके घर के निकट बहने वाली एक नहर के पास से बरामद किया था.
पुलिस को इस तलाश में 15 दिन तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी. मैथ्यूज ने शुरू में पुलिस को बताया कि शिरीन सात अक्ट्रबर, 2017 से गायब है. उसने बताया कि दूध नहीं पीने की सजा देते हुये उसने शिरीन को घर से बाहर खड़ा कर दिया था और जब 15 मिनट बाद वह वापस आया तो पाया शिरीन वहां नहीं थी. उसने बाद में स्वीकार किया कि जबर्दस्ती दूध पिलाने से दम घुटने के कारण बच्ची की मौत हो गयी.
इस बच्ची को बिहार प्रांत के नालंदा जिले से 2016 में मैथ्यूज और उसकी पत्नी सिनी मैथ्यूज ने एक अनाथालय से गोद लिया था. इस बच्ची का मूल नाम सरस्वती था जिसे बाद में बदल कर शिरीन कर दिया गया था. डलास के वाफा चैनल ने मैथ्यूज का बयान प्रसारित किया है जिसमें वह अदालत से कहता है कि वह यह मानने को तैयार नहीं कि शिरीन मर चुकी है.
उसे भरोसा है कि अगर उसे निकट ही दफनाया जाए तो बाईबिल के लाजरस की तरह वापस आ जायेगी. लाजरस बाईबिल में एक पात्र है जिसे ईसा मसीह ने उसे दफनाने के चार दिन बाद जीवित कर दिया था. शिरीन का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें इस बात का पता नहीं चल सका कि शिरीन की मौत की क्या वजह है क्योंकि उसका शव बहुत अधिक सड़गल गया था.
मैथ्यूज की पत्नी सिनी को बच्ची का जीवन खतरे में डालने का आरोप लगाया गया था बाद में सुबूत न मिलने के कारण ये आरोप हटा लिये गए.अमेरिकी मीडिया के अनुसार मैथ्यूज तीस साल की सजा काटने के बाद ही पेरोल पाने का हकदार होगा.