अमेरिका (America) ने 60 साल में पहली बार सेंट्रल तिब्बत एडमिनिस्ट्रेशन (CTA) के प्रधानमंत्री लोबसांग सांगे को व्हाइट हाउस में आने का न्योता दिया, जिसके बाद शनिवार को वह व्हाइट हाउस (White House) पहुंचे.
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वाशिंगटन: अमेरिका (America) ने तिब्बत (Tibet) को लेकर ऐतिहासिक कदम उठाया और चीन को 60 साल में सबसे बड़ा झटका दिया. अमेरिका ने पहली बार सेंट्रल तिब्बत एडमिनिस्ट्रेशन (CTA) के प्रधानमंत्री लोबसांग सांगे (Lobsang Sangay) को व्हाइट हाउस में आने का न्योता दिया. इसके बाद डॉ. सांगे शनिवार दोपहर व्हाइट हाउस (White House) पहुंचे. बताया जा रहा है कि अमेरिका के इस कदम से चीन (China) की जिनपिंग सरकार भड़क सकती है.
60 साल से इस कारण नहीं भेजा था बुलावा
अमेरिका ने कभी भी तिब्बत सरकार या इसके नेताओं को कूटनीतिक तौर पर अहमियत नहीं दी. इसी कारण पिछले 6 दशकों से सीटीए के प्रमुख को अमेरिकी विदेश विभाग और व्हाइट हाउस में प्रवेश से वंचित रखा गया. आज की यात्रा में सीटीए और उसके राजनीतिक प्रमुख दोनों की लोकतांत्रिक प्रणाली की स्वीकृति है.
अब तक गुप्त तरीके से होती थी मुलाकात
डॉ. सांगे ने शनिवार को व्हाइट हाउस के अधिकारियों के साथ मुलाकात की, हालांकि उनकी यह पहली मुलाकात नहीं है. साल 2011 में सीटीए के राष्ट्रपति बनने के बाद डॉ. सांगे पिछले 10 सालों में दर्जनों बार व्हाइट हाउस के अधिकारियों के साथ गुप्त मुलाकातें कर चुके हैं. हालांकि इस बार उन्हें सीधे व्हाइट हाउस आने का न्योता मिला, जो आने वाले समय में अमेरिका के साथ अच्छे संबंध के संकेत हैं.
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चीन के साथ अमेरिका के खराब हो सकते हैं रिश्ते
अमेरिका (America) के इस फैसले के बाद चीन के साथ उसके रिश्ते खराब हो सकते हैं, क्योंकि चीन हमेशा से तिब्बत को अपना हिस्सा बताता रहा है और अब अमेरिका छह दशक बाद तिब्बत की निर्वासित सरकार को मान्यता दे रहा है.