स्टॉकहोम: स्वीडन (Sweden) में धार्मिक किताब (Religious book) जलाए जाने के कुछ ही घंटों बाद दक्षिणी स्वीडन (Southern Swedish) का माल्मो शहर (Malmo Town) सुलग उठा. सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए. इस घटना के विरोध में 300 से अधिक लोग जमा हो गए और दंगे शुरू कर दिए . मजहबी नारों के बीच लोगों ने पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए. इस दौरान सड़कों पर टायर जलाए गए. घंटों स्वीडन के इस शहर पर दंगाइयों का कब्जा रहा.


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सुलग उठा स्वीडन
स्वीडन में एक समुदाय विशेष के धार्मिक ग्रंथ को जलाने के बाद हिंसा भड़क गई. घटना स्वीडन के माल्मो शहर की है, जहां अशांति फैलने के बाद करीब 300 दंगाई सड़कों पर उतर आए. दंगाइयों ने बचाव कर्मियों के साथ हिंसा और पुलिस पर पत्थरबाजी भी की. विरोध प्रदर्शनों के दौरान प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया और दुकानों में तोड़फोड़ की. वहीं, दंगाइयों ने सड़कों पर जगह जगह आगजनी की. गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर जमकर पथराव किया जिसे शांत करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े. हिंसा में कई पुलिस अधिकारी घायल हो गए. पुलिस ने करीब 15 लोगों को हिरासत में लिया है. 


दंगे को नियंत्रित करने की कोशिश 
पुलिस ने कहा कि यह प्रदर्शन उसी स्थान पर हुआ था, जहां धार्मिक किताब जलाई गई थी. इसलिए यह मामला एक दूसरे से जुड़ता नजर आ रहा है. एक समाचार पत्र ने कहा कि शुक्रवार को कई इस्लाम विरोधी गतिविधियां हुईं, जिनमें तीन लोगों ने एक सार्वजनिक चौक पर धार्मिक किताब को लात मारने की भी घटना है. पुलिस ने बताया कि ये हिंसा पुलिस नियंत्रण में नहीं है लेकिन हम लगातार दंगे को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं. 


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15 लोग हिरासत में
पुलिस ने शनिवार को बताया कि दंगाइयों ने शुक्रवार रात को आगजनी की और पुलिस और बचाव सेवा के कर्मचारियों पर सामान फेंके साथ ही गाड़ियों के टायर भी जलाए गए. इसमें कई पुलिस कर्मी घायल हो गए. पुलिस ने अब तक करीब 15 लोगों को हिरासत में लिया गया है.


दिल्ली में भी भड़के थे ऐसे दंगे 
स्वीडन में भी दंगे दिल्ली की तरह दंगे भड़काए गए हैं. इससे पहले दिल्ली में और बेंगलुरु भी ऐसा ही हुआ था. दंगाइयों ने यहां भी आग लगाई थी. फरवरी महीने में दंगाइयों ने दिल्ली को जलाया गया था. सवाल उठ रहा है कि आखिर स्वीडन को जलाने के पीछे किसका हाथ है. जो दिल्ली और बेंगलुरु की तरह स्वीडन में दंगों को अंजाम दे रहा है.