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काबुल: तालिबान (Taliban) ने दावा किया है कि जर्मनी (Germany) उसे मानवीय आधार पर आर्थिक मदद देने के लिए तैयार है. तालिबान का कहना है कि उसके शीर्ष नेता और अफगानिस्तान में जर्मन राजदूत (German Envoy to Afghanistan) के बीच हुई मुलाकात में इस पर सहमति बनी है. आतंकी संगठन ने कहा कि जर्मनी अफगानिस्तान को दी जाने वाली सैकड़ों मिलियन यूरो की मानवीय सहायता न केवल जारी रखेगा और बल्कि इसमें बढ़ोत्तरी भी करेगा.
तालिबान (Taliban) ने एक आधिकारिक बयान जारी कर बताया कि 19 अगस्त को तालिबान के शीर्ष नेताओं में से एक शेर मुहम्मद अब्बास (Sher Muhammad Abbas) ने अफगानिस्तान में जर्मन राजदूत मार्क्स पोएट्ज़ेल (Marx Poetzel) से मुलाकात की. बैठक में जर्मन राजदूत ने वादा किया कि जर्मनी अफगानिस्तान को मानवीय आधार पर दी जाने वाली आर्थिक सहायता (Humanitarian Aid) जारी रखेगा और इसमें बढ़ोत्तरी भी करेगा.
1/2 انعقد عصر اليوم لقاء بين السید شير محمد عباس ستانيكزاي نائب رئيس المكتب السياسي لإمارة أفغانستان الإسلامية والوفد المرافق له وسفير ألمانيا لدى أفغانستان ماركس بويتزل. وركز الاجتماع على الأوضاع الحالية في اأفغانستان والتطورات الأخیرة والمستقبل.
— Dr.M.Naeem (@IeaOffice) August 19, 2021
यहां गौर करने वाली बात ये है कि काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद 17 अगस्त को जर्मनी ने घोषणा की थी कि वह अफगानिस्तान को दी जाने वाली सभी सहायता रोक रहा है. जर्मन राष्ट्रपति फ्रैंक वाल्टर स्टीमियर ने कहा था कि काबुल से भागते हुए लोगों की तस्वीरें पश्चिमी देशों के लिए शर्म का विषय हैं. यह एक मानवीय त्रासदी है और इसकी जिम्मेदारी हम सभी को लेनी होगी. बता दें कि अमेरिका के बाद जर्मनी ऐसा दूसरा देश था, जिसके सबसे अधिक सैनिक अफगानिस्तान में थे.
जर्मन मीडिया के अनुसार, सरकार की तरफ से अफगानिस्तान को दी जाने वाली सभी वित्तीय सहायता के 2021 में 430 मिलियन यूरो तक रहने का अनुमान है. तालिबान के इस दावे को लेकर जर्मनी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. इससे यह संकेत मिलते हैं कि जर्मनी भी चीन, रूस और पाकिस्तान जैसे देशों की तरह तालिबान शासन को स्वीकार करने के लिए तैयार है.